Martyr Captain Anand s Family Remembers Heroism Amidst India-Pakistan Conflict बोले शहीद सैनिक के परिजन: काश ऐन वक्त पर शहीद कैप्टन आनंद होता, Khagaria Hindi News - Hindustan
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बोले शहीद सैनिक के परिजन: काश ऐन वक्त पर शहीद कैप्टन आनंद होता

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Newswrap हिन्दुस्तान, खगडि़याSat, 10 May 2025 04:52 AM
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बोले शहीद सैनिक के परिजन: काश ऐन वक्त पर शहीद कैप्टन आनंद होता

बोले शहीद सैनिक के परिजन: काश ऐन वक्त पर शहीद कैप्टन आनंद होता बोले शहीद सैनिक के परिजन: काश ऐन वक्त पर शहीद कैप्टन आनंद होता परबत्ता। एक प्रतिनिधि भारत-पाकिस्तान युद्ध के शुरू होते ही शहीदों के परिजनों के बाहें फड़कने लगी है। उनके दिलो में देश सेवा का एक उफान पैदा होने लगता है। शहीद के परिजनों के बीच शहीद पुत्र के पराक्रम की यादे तरोताजा हो गया। इधर शहीद कैप्टन आनंद के पिता नयागांव शिरोमणी टोला निवासी सह एसआई राम विलांत सनगही व मां ममता देवी ने शुक्रवार को बताया कि काश इस वक्त पर उसका शहीद पुत्र कैप्टन आनंद होता तो आज अपने पराक्रम से दुश्मनों के सीने को छलनी कर दिया होता।

वह अपनी ओर से भारत के वीर सपूतों को एक हिंदुस्तानी सौ पर भारी का आशीर्वाद देते हुए मातृभूमि की रक्षा के लिए समर भूमि में जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसे ऐसे वीर हैं जो बतौर एक घंटे में पाकिस्तान को नष्ट नाबूत कर देने की क्षमता रखता है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उन्होंने देश के हर वीर सपूतों के लिए ईश्वर से मंगल कामना की। उन्होंने कहा हे वीर सपूतों पाकिस्तान के सीने में तिरंगा लहरा कर ही दम लेना। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के 17 जुलाई की रात जम्मू कश्मीर के पुंछ जिला स्थित मेंढर सेक्टर में ग्रेनाइट ब्लास्ट के दौरान कैप्टन आनंद शहीद हो गए थे। फोटो: 23 कैप्शन: परबत्ता: शहीद कैप्टन आनंद के साथ माता व पिता। (फाइल फोटो) बेटा, भारत की बेटी का सिंदूर का बदला लेकर ही वापस लौटना गोगरी के सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक ने अपने चारो सेना के जवान बेटा को दी नसीहत पुलवामा आतंकी हमले का बदला पाकिस्तान से लेने में पीठ नही दिखाना गोगरी, एक संवाददाता गोगरी नगर परिषद अंतर्गत उसरी गांव के रहनेवाले सेवानिवृत बैंक प्रबंधक बिनोद रजक के चार पुत्र अपने वतन की रक्षा के लिए देश के विभिन्न सीमाओं पर ड्यूटी में हैं। उन्होंने चारो बेटा को मोबाइल पर नसीहत देते कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में शामिल होकर भारत की बेटी के सिंदूर का बदला लेकर ही वापस लौटना। पुलवामा आतंकी हमले का बदला पाकिस्तान से लेने में पीठ नही दिखाना। सेवानिवृत बिनोद रजक के चार पुत्र है चारो पुत्र अपने देश की रक्षा के लिए सेना में ड्यूटी रत है। उनके एक पुत्र मनीष कुमार दिल्ली आर्मी में है। वे छुट्टी लेकर घर आने वाले थे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में उनकी छुट्टी रद्द कर देश की सीमा पर ड्यूटी में भेजा गया है। वही दूसरा पुत्र विजय कुमार सीआरपी में है जो मणिपुर में है। तीसरा पुत्र गुंजन कुमार छत्तीसगढ़ में है। जबकि चौथे पुत्र अजय कुमार श्री नगर में सीमा पर मोर्चा संभाले हुए है। चारो पुत्र सेना की नोकरी में जाकर देश एवं देश वासियों की रक्षा के लिए शपथ लिया है। उनके चारो पुत्र देश की रक्षा करने सेना में है यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। फोटो- नाम से कैप्शन: विनोद रजक (सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक) ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर रेलवे स्टेशन पर चलाया जागरूकता अभियान खगड़िया। ऑपरेशन सिन्दूर को लेकर रेलवे स्टेशन मानसी भी अलर्ट मूड में है। शुक्रवार को किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी गई। जीआरपी थानाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए रेल पुलिस तैयार है। चेकिंग व रोको टोको अभियान चलाया जा रहा है। फोटो: 9 कैप्शन: मानसी: शुक्रवार को रेलवे स्टेशन जागरूक करती पुलिस।

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