Over 1 Crore Plants Planted in Deoria to Combat Oxygen Shortage and Environmental Imbalance देवरिया में हरियाली लाने को पांच साल में लगे एक करोड़ पौधे, Deoria Hindi News - Hindustan
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देवरिया में हरियाली लाने को पांच साल में लगे एक करोड़ पौधे

Deoria News - धरती पर पेड़-पौधों के महत्व को समझते हुए, देवरिया में पिछले पांच वर्षों में एक करोड़ से अधिक पौधे लगाए गए हैं। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वन डेंसिटी पिछले एक दशक में दोगुनी हो गई है। हरियाली को...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाTue, 22 April 2025 09:59 AM
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देवरिया में हरियाली लाने को पांच साल में लगे एक करोड़ पौधे

देवरिया, निज संवाददाता। धरती पर यदि पेड़ पौधों का अस्तित्व समाप्त हुआ तो पर्यावरण संतुलन बिगड़ने के साथ ही मानव जीवन के लिए खतरे की घंटी है। धरती पर हरियाली बचाए रखने के लिए जिले में बीते पांच वर्षों में लगभग एक करोड़ से अधिक पौधरोपड़ हुआ है। वहीं विभाग से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो बीते एक दशक में वन डेंसिटी लगभग दोगुनी हुई है। धरती को हरा भरा रखने के लिए वन विभाग से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में पांच वर्ष में वन विभाग सहित अन्य विभागों द्वारा लगभग विभिन्न प्रकृति के कुल लगभग 1 करोड़ 30 लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। जिनमें वर्ष 20-21 में 26,52,956, 21-22 में 31,16,677, 22-23 में 33,19,876, वर्ष 23-24 के लिए 31,48, 860 व 24-25 में 31लाख 57 हजार पौधे वन विभाग सहित सभी सरकारी विभागों द्वारा रोपित किए गए हैं। धरती पर ऑक्सीजन देने वाले पेड़ पौधों की कमी बरकरार रही और समय रहते नहीं चेते तो इसके हमें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। विश्व पृथ्वी दिवस पर हमें यह संकल्प लेना होगा हमें ऑक्सीजन युक्त पौधे लगाने के साथ ही धरती को हरा भरा रखने के लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने होंगे। जिससे न तो पर्यावरण का संतुलन बिगड़े न ही मानव जीवन के लिए कोई खतरा उत्पन्न हो। यूं तो जिले में वन विभाग की कोई चिन्हित जमीन नहीं है लेकिन पौधरोपण के लिए सड़क के किनारे सरकारी जमीनों से लेकर ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायतों की जमीनों पर धरती को हरा भरा रखने के लिए हर साल विभिन्न विभागों द्वारा लाखों पौधे लगाए जाएं जिससे कि पर्यावरण के संतुलन को बरकरार रखा जा सके। वहीं जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूरी पर स्थित बरसी पर जिले में धरोहर के रूप में वर्ष 2014 में इसे संरक्षित वन की मंजूरी मिली। यह वन क्षेत्र लगभग 4:30 हेक्टेयर में फैला है। यह जिले का इकलौता संरक्षित वन क्षेत्र है।

जिले में वन क्षेत्रफल बढ़ा:

भारतीय वन सर्वेक्षण के 2019-20 के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले का कुल क्षेत्रफल 2540 वर्ग किलोमीटर है। जिसमें 21 वर्ग किलोमीटर वन स्वरूप पेड़ पौधे वाले क्षेत्र हैं। वहीं वर्ष 2013-14 में जनपद के भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर 0.60 डेंसिटी थी। जबकि वर्तमान में इसका घनत्व बढ़ा है। मौजूदा समय में 1.75 स्क्वायर किलोमीटर डेंसिटी बढ़ी है।

हर वर्ष आक्सीजन युक्त पौधे लगाने पर वन विभाग का जोर:

धरती पर ऑक्सीजन की कमी न हो इसके लिए वन विभाग द्वारा ऑक्सीजन देने वाले पौधे पेड़ पौधों को ही लगाने पर प्रतिवर्ष जो रहता है।

पौधरोपण अभियान में हर साल ऑक्सीजन देने वाले पीपल, पाकड़, नींम के पौधों को लगाने की विशेष योजना रहती है। इसके अलावा आम, शीशम, अर्जुन, गुरेल, वकेन, बरगद आदि के पौधे लगाए जाते हैं।

हर रविवार हिमांशु धार्मिक स्थलों पर करते हैं पौधरोपण:

जिले के बरहज तहसील निवासी के बकुची निवासी हिमांशु मिश्र दुर्गेश्वर नाथ मंदिर में प्रसाद में मिले फल से प्रेरणा लेते हुए 14 मार्च 2021 से जिले के मंदिरों व धार्मिक स्थलों पर पौधारोपण का अभियान शुरू किया। जो आज भी जारी है। प्रत्येक रविवार को किसी न किसी धार्मिक या सार्वजनिक स्थल पर उनके द्वारा पौधे लगाए जाते हैं। हिमांशु बताते हैं कि अब तक लगभग 14-15 हजार पौधे जिले में 200 से अधिक स्थानों पर नि:शुल्क लगा चुके हैं।

इसी प्रकार उपनगर भटनी बाई पास मार्ग निवासी 62 वर्षीय शत्रुघ्न गुप्ता की भी पर्यावरण प्रहरी के रूप में पहचान है। वह क्षेत्र में करीब बीस वर्ष से पौध रोपण कर रहे हैं। वे आस पास के घरों की दीवारों पर उगने वाले पीपल आदि पौधों को निकालकर उसे तैयार करते हैं। पौधे तैयार हो जाने के बाद वह सड़क किनारे, स्कूल, पार्क आदि स्थानों पर ले जाकर उसे लगा देते हैं। पौधा लगाने के साथ ही उसकी रक्षा के लिए बाड़ भी लगाते हैं। साईकिल पर झोले में खुर्पी तथा पौधा लिए शत्रुघ्न हर रोज सड़क किनारे पौधारोपण करते हुए दिख जाते हैं।

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