PRD Personnel Demand Equal Pay and Basic Facilities in Deoria बोले देवरिया : मानदेय बढ़ने से कुछ राहत पर ड्यूटी तो नियमित मिले, Deoria Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsDeoria NewsPRD Personnel Demand Equal Pay and Basic Facilities in Deoria

बोले देवरिया : मानदेय बढ़ने से कुछ राहत पर ड्यूटी तो नियमित मिले

Deoria News - Deoria news : सुरक्षा व्यवस्था में अहम जिम्मेदारी निभाने वाले पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) जवानों को नियमित डयूटी नहीं मिलती है। साल में चार से पांच माह

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाWed, 16 April 2025 07:34 PM
share Share
Follow Us on
बोले देवरिया : मानदेय बढ़ने से कुछ राहत पर ड्यूटी तो नियमित मिले

देवरिया। देवरिया में कुल 426 पीआरडी जवान कार्यरत हैं। इनमें से 354 पुरुष और 72 महिला जवान शामिल हैं। सर्दी हो या गर्मी, जवान अपनी ड्यूटी पूरी मुस्तैदी से निभाते हैं। इसके एवज में उन्हें प्रतिदिन 395 रुपये की दर से हर माह 12245 रुपये मानदेय मिलता है। हाल ही में सरकार ने उनका मानदेय बढ़ाकर 500 रुपये करने की घोषणा की लेकिन अभी तक इसका लाभ पीआरडी जवानों को मिला नहीं है। वहीं ड्यूटी के दौरान अगर कोई घटना हो गई तो जवानों के लिए किसी बीमा की व्यवस्था नहीं है। ये जवान चुनाव से लेकर थानों और यातायात सेवाओं में अपनी ड्यूटी देते हैं। जवानों का कहना है कि वर्ष 1948 में स्थापित यह दल आज भी सरकारी तंत्र की उपेक्षा का शिकार है। इसके बाद अस्तित्व में आए होमगार्ड के जवानों को करीब 27 हजार रुपये मानदेय मिलता है।

पथरदेवा ब्लॉक के नेरूआरी गांव निवासी पीआरडी जवान अरविंद प्रसाद का कहना है कि जवानों की ड्यूटी 30 से 40 किमी दूर लगाई जा रही है। इसके चलते आने-जाने में हर माह तीन से चार हजार रुपए पेट्रोल में खर्च हो जाते हैं। पीआरडी जवानों को कोई यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जाता है। पीआरडी जवान अब्दुल व ओमप्रकाश शुक्ल ने कहा कि ऐसे जगहों पर डयूटी लगा दी जा रही है जहां पर आने-जाने के लिए कोई संसाधन नहीं है। इन जगहों पर पहुंचने के लिए अपनी जेब से रुपए खर्च करने पड़ते हैं। पीआरडी जवान होरिल का कहना है कि दूसरों की सुरक्षा करने वाले हम लोग खुद असुरक्षित हैं। संसाधनों के अभाव में हम लोग अपनी ड्यूटी देते हैं। बैतालपुर के विजेंद्र कुमार पटेल कहते हैं कि मौजूदा समय में हम 395 रुपए में आठ घंटे की ड्यूटी करते हैं। हमें भी होमगार्ड की तरह मानदेय और सुविधाएं मिलनी चाहिए। स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा से लेकर अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाए। बैतालपुर ब्लॉक के पीआरडी जवान देवेश कुमार और शाहपुर के अजय का कहना है कि हम लोग हर आपात स्थिति में ड्यूटी करते हैं लेकिन सरकार हमारी सुधि नहीं लेती है। पथरदेवा के मकसूदन मिश्र कहते हैं कि सुरक्षाबलों की तरह हमें भी कानूनी सुरक्षा और सम्मान मिले।

ड्यूटी के बाद दूसरा काम करते हैं

पीआरडी जवानों को पूरे साल नियमित ड्यूटी नहीं मिलती है। करीब चार से पांच माह उन्हें घर बैठना पड़ता है। परिवार का भरण-पोषण के लिए इन्हें दूसरा काम करना पड़ता है। महुआरी गांव के बेचू प्रसाद कहते हैं नियमित ड्यूटी नहीं मिलने के चलते वह राजगिर मिस्त्री का काम करते हैं।

जवानों को नहीं मिलता है कोई अवकाश

पीआरडी जवानों को न ही नियमित ड्यूटी करने को मिलती है और न ही कोई सुविधा। यही नहीं उन्हें कोई छुट्टी भी नहीं मिलती है। तबीयत खराब होने पर भी ड्यूटी पर जाना उनकी मजबूरी है। तरकुलवा ब्लॉक के पीआरडी जवान प्रभाकर पांडेय का कहना है कि हमें कोई भी आकस्मिक अवकाश देय नहीं है। रविवार को भी छुट्टी नहीं रहती है। जिस दिन वे ड्यूटी पर नहीं जाते हैं, उस दिन का मानेदय काट लिया जाता है।

डंडे के सहारे ड्यूटी, वर्दी मिलती है न टॉर्च

पथरदेवा। रामपुर कारखाना ब्लॉक के जवान बीर बहादुर ने बताया कि प्रांतीय रक्षक दल में भर्ती के समय जवानों को 22 दिन का प्रारम्भिक सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें जवानों को डमी राइफल से ट्रेनिंग दी जाती है। फायरिंग के गुण भी सिखाए जाते हैं लेकिन ड्यूटी के दौरान जवानों के हाथ में डंडा थमा दिया जाता है। ऐसे में किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए जवानों के पास आत्मरक्षा या कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई विकल्प नहीं रहता है। पीआरडी जवानों ने बताया कि विभाग केवल ट्रेनिंग के दौरान ही एक बार वर्दी देता है। उसके बाद उन्हें खुद के पैसे से टार्च, जूते, डंडे और वर्दी खरीदनी पड़ती है। सारी व्यवस्था खुद के मानदेय से करनी पड़ती है।

शिकायतें

1. पीआरडी जवानों को कम मानदेय मिलने से आर्थिक दिक्कत होती है।

2. पीआरडी जवानों को वर्दी और अन्य कोई भत्ता भी नहीं मिलता है।

3. ड्यूटी के बाद मानदेय के लिए तीन से 4 माह इंतजार करना पड़ता है।

4. पीआरडी जवानों को कोई सुविधा नहीं मिलती है, जबकि होमगार्डों को सारी सुविधाएं मिलती हैं।

5. थानों से मुल्जिम लेकर न्यायालय जाते हैं मगर इसके लिए कोई अतिरिक्त भुगतान नहीं मिलता है।

सुझाव

1. पीआरडी जवानों को कम से कम तीस हजार मानदेय दिया जाए।

2. विभाग की तरफ से सभी जवानों को वर्दी और अन्य भत्ता मिले।

3. स्थाई कर्मचारी का दर्जा देकर पेंशन की व्यवस्था हो ताकि सम्मान से जीवन-यापन कर सकें।

4. चिकित्सा बीमा और दुर्घटना बीमा की व्यवस्था हो ताकि जवान निडर होकर ड्यूटी कर सकें।

5. जवानों की नियमित रूप से डयूटी लगाई जाए।

पीआरडी जवानों का दर्द

कुछ दिन पहले सीएम ने मानदेय 395 से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिए हैं लेकिन इसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है।

कमलेश कुमार, सलेमपुर

हम लोगों को होमगार्ड के बराबर मानदेय मिलना चाहिए। समान काम समान वेतन का सिद्धांत लागू होना चाहिए। साथ ही बराबरी का दर्जा भी मिलना चाहिए।

रामकिशन, सलेमपुर

ऑटोमेटिक प्रणाली लागू होने के चलते जवानों की दूर ड्यूटी लगा दी जाती है। कार्यस्थल पर आने जाने में काफी पैसे खर्च हो जाते हैं।

छोटेलाल, भागलपुर

यातायात सुरक्षा और थानों के अलावा अन्य जगहों पर ड्यूटी के दौरान हमें समय से मानदेय नहीं मिलता है। कई बार महीनों इंतजार करना पड़ता है।

गोविंद प्रसाद, पथरदेवा

महिला जवानों को मातृत्व अवकाश नहीं मिलता है। बच्चों की परवरिश करने में दिक्कत होती है। सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।

-राजनंदिनी, रुद्रपुर

सभी पीआरडी जवानों को पूरे साल नियमित ड्यूटी मिलनी चाहिए। नियमित ड्यूटी मिलने से परिवार व बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने में सहूलियत मिलेगी।

वंश बहादुर सिंह, पथरदेवा

पीआरडी जवानों को सर्दी-गर्मी हर मौसम में ड्यूटी करनी पड़ती है लेकिन सुविधाएं शून्य हैं। कहीं बैठने तक के लिए भी व्यवस्था नहीं है।

गेना यादव, सलेमपुर

मानदेय से खर्च चलाना मुश्किल है। ऐसे में मानदेय के पैसे से वर्दी और जूते खरीदने के लिए बहुत सोचना पड़ता है। इसका निराकरण किया जाना जरूरी है।

दिनेश कुमार, गौरीबाजार

पीआरडी जवान रिस्क लेकर ड्यूटी करते हैं। हमारी ड्यूटी अधिकतर सड़क पर रहती है। हम लोगों का दुर्घटना बीमा बहुत जरूरी है। इस लिए बीमा मिलना चाहिए।

रामसेवक, रामपुर कारखाना

पूरे महीने ड्यूटी करने पर पीआरडी जवानों को 12,245 रुपये मानदेय मिलता है। सरकार को कम से कम तीस हजार मानदेय देने पर विचार करना चाहिए।

गोपाल प्रसाद, सलेमपुर

कई बार जवानों की संवेदनशील जगहों पर बिना शस्त्र के ही ड्यूटी लगा दी जाती है। सभी जवानों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण मिलना जरूरी है।

रमेश कनौजिया, बैतालपुर

हम लोगों के लिए समय-समय पर मेडिकल कैंप लगना चाहिए। इसमें सभी पीआरडी जवानों का नि:शुल्क जांच होनी चाहिए।

गिरीश तिवारी, बैतालपुर

करीब 10 वर्षों से पीआरडी जवानों की नई भर्ती बंद है। जिले में महिलाओं और पुरूषों की बराबर भर्ती होनी चाहिए ताकि विभाग में जवानों की संख्या प्रभावित न हो।

रामनिवास, देवरिया

देश की रक्षा करने वाले जवानों की तरह ही पीआरडी जवानों को भी सम्मान मिलना चाहिए। सेवानिवृति के बाद हम लोगों की पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

रत्नेश प्रसाद, पथरदेवा

हम पुलिस की तरह दिन रात ड्यूटी देते हैं लेकिन सरकार हमें पुलिस जैसी सुविधाएं और अधिकार नहीं देती है। यह भेदभाव बंद होना चाहिए।

तारकेश्वर मिश्र,पथरदेवा

बोले पदाधिकारी

उच्च न्यायालय ने पीआरडी जवानों के लिए समान काम समान वेतन का निर्णय दिया। साथ ही पुलिस विभाग के आरक्षी के समान सुविधा देने का निर्देश दिया लेकिन सरकार न्यायालय के निर्णय का पालन नहीं कर रही है। पूर्व में प्रांतीय रक्षक विभाग गृह विभाग के अधीन था। बाद में इसे युवा कल्याण विभाग से संबंद्ध कर दिया गया। पीआरडी विभाग को युवा कल्याण विभाग से अलग कर एक नया विभाग बना दिया जाय। इससे काफी हद तक जवानों की समस्याएं हल हो जाएगी। सभी पीआरडी जवानों को वर्दी और यात्रा भत्ता दिया जाए।

शमशेर अहमद, प्रदेश अध्यक्ष, पीआरडी/ अवैतनिक कर्मचारी कल्याण समिति

बोले जिम्मेदार

वर्तमान में पीआरडी जवानों को नियमित ड्यूटी मिल रही है। शासन स्तर से जवानों का मानदेय 500 रुपये बढ़ाने की घोषणा की गई है। शासनादेश आने के बाद मानदेय में वृद्धि हो जाएगी। केनरा बैंक में सभी जवानों का खाता खोलवाने का निर्देश जारी किया गया है। इसमें मेडिकल क्लेम के साथ हर तरह का क्लेम शामिल होगा। पीआरडी जवानों की निदेशालय से ऑटोमेटिक मोड से ड्यूटी लगती है। इसमें कुछ जवानों की ड्यूटी दूर लगा जाती है। ड्यूटी के लिए जवानों से विकल्प मांगा जाता है। पीआरडी जवानों की अन्य समस्याओं पर सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है।

पुनीत कुमार, जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास दल अधिकारी, देवरिया

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।