पहले की गलती, अब अधिकारियों को ही ठीक करने की दे रहा धमकी
Deoria News - देवरिया में हाटा-गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए 6 करोड़ के बजट के मामले में एक लिपिक का वीडियो वायरल हो गया है। लिपिक ने कहा कि कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। इस पर विभाग में खलबली मच गई है।...

देवरिया, निज संवाददाता। जिले में हाटा-गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग के चौड़ीकरण के लिए बनाए गए 6 करोड़ के बजट के मामले में अब लोक निर्माण विभाग में तैनात एक लिपिक का वीडियो वायरल हो गया है। वायरल वीडियो ने खलबली मचा दी है। लिपिक का साफ कहना है कि किसी की औकात नहीं, जो उस पर कार्रवाई का ठीकरा फोड़ दें। उसकी शासन में मजबूत पकड़ है। उधर वीडियो वायरल होते ही लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता ने सफाई देते हुए बयान जारी किया है। साथ ही जांच पूरी होने के साथ ही कार्रवाई के लिए शासन में रिपोर्ट भेज देने की बात अधिशासी अभियंता ने कही है।
कप्तानगंज-हाटा-गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग के चौड़ीकरण तथा हाटा-गौरीबाजार-रुद्रपुर मार्ग के सुदृढीकरण के लिए हाल ही में छह करोड़ का प्रस्ताव बनाकर कर्मचारियों ने शासन से बजट भी मंगा लिया। जबकि यह सड़क पहले ही बन चुकी है। इसका खुलासा होने के बाद एक माह पहले विभाग ने बजट को शासन को वापस कर दिया। साथ ही मंडलीय अधीक्षण अभियंता गोरखपुर ने जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी। टीम ने पूरे प्रकरण की जांच की है। इस बीच देवरिया लोकनिर्माण विभाग कार्यालय में तैनात एक लिपिक का इस प्रकरण से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो गया है। उसका कहना हैकि किसी की औकात नहीं, जो उसके ऊपर कार्रवाई का ठीकरा फोड़ दें। अधीक्षण अभियंता समेत अन्य अधिकारियों को शासन तक पहुंचा दूंगा। हम शासन से जुड़े हुए हैं। वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में खलबली मच गई है। सपा मुखिया ने भी इसको लेकर किया ट्वीट सपा मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इसको लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से लिखा है कि जब भाजपाई विधायक जी को नहीं मिला हिस्सा, तब ही खुला किस्सा! भ्रष्टाचार की परतों पर छिपी भाजपाई चोरी तभी खुलती है, जब बंटवारे को लेकर झगड़ा होता है। भाजपाईयों ने हर विभाग को, ऊपर से लेकर नीचे तक, भ्रष्टाचार के जाल में फंसा रखा है, जो ईमानदार बाबू या अधिकारी हैं, वह भाजपाई मेगा-करप्शन के इस मेगा-नेटवर्क में बहुत घुटन महसूस कर रहे हैं। जो भाजपाई विधायक बड़े मासूम बनकर कह रहे हैं कि ये सिर्फ छोटे कर्मचारियों की मिलीभगत से संभव नहीं है, बड़े अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए, तो उन्हें अपनी बात पूरी करते हुए ये भी कहना चाहिए कि ये गोरख धंधा सिर्फ भाजपाई विधायक के स्तर पर संभव नहीं है। अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग के अनिल कुमार जाटव ने कहा छह करोड़ की बजट स्वीकृति प्रकरण की जांच हो चुकी है। समिति की रिपोर्ट आगे की कार्रवाई के लिए शासन को भेज दी गई है। प्रकरण में शासकीय धन की कोई क्षति नहीं हुई है तथा संपूर्ण धनराशि शासन को वापस कर दी गई है। लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रकरण में नियमानुसार सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
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