राज्य विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों का भी होगा तबादला, सरकार बनाएगी नीति; समिति गठित
- संयुक्त सचिव ने 2 अप्रैल को जारी पत्र में कहा है कि यह समिति नॉन अकादमिक स्टॉफ के अंतर विश्वविद्यालयी स्थानांतरण के सम्बंध में नीति का ड्राफ्ट तैयार करेगी। समिति द्वारा प्रश्नगत प्रकरण में अपनी संस्तुति सहित सुस्पष्ट आख्या, ड्राफ्ट नीति शासन को एक पक्ष में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे।

उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। अब विश्वविद्यालयीय कर्मचारियों का भी अंतर विश्वविद्यालयी स्थानांतरण हो सकता है। इसके लिए प्रदेश सरकार नीति बनाएगी। इस दिशा में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू करते हुए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है।
बताया गया कि 13 दिसम्बर 2024 को राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (एसएलक्यूएसी) की बैठक उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई थी। इसमें विश्वविद्यालयों के नॉन एकेडमिक स्टाफ के अंतर विश्वविद्यालयीय स्थानांतरण को लेकर विमर्श हुआ था। उसके बाद निर्णय लिया गया था कि कर्मचारियों के लिए भी अंतर विश्वविद्यालयीय स्थानांतरण नीति होनी चाहिए। इस दिशा में उच्च शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ड्राफ्ट तैयार करेगी समिति
संयुक्त सचिव ने 2 अप्रैल को जारी पत्र में कहा है कि यह समिति नॉन अकादमिक स्टॉफ के अंतर विश्वविद्यालयी स्थानांतरण के सम्बंध में एक नीति का ड्राफ्ट तैयार करेगी। समिति द्वारा प्रश्नगत प्रकरण में अपनी संस्तुति सहित सुस्पष्ट आख्या, ड्राफ्ट नीति शासन को एक पक्ष में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करे। इस सम्बंध में सभी सम्बंधितों को दिशा-निर्देश जारी हो गया है।
किसी को लाभ, किसी को हानि
स्थानांतरण के लिए नीति बनी तो इससे दो बातें होंगी। विश्वविद्यालयों में ज्यादातर स्थानीय या आसपास के जिलों के कर्मचारी ही होते हैं। ऐसे में उनके तबादले से उनके लिए मुश्किलें हो सकती हैं। दूसरे, कई ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो दूरवर्ती क्षेत्रों से आए हैं, उन्हें नीति लागू होने की दशा में लाभ मिल सकता है।
डीडीयू वीसी की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय समिति
उच्च शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय समिति के गठन का निर्णय लिया था। उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव प्रेम कुमार पाण्डेय ने यह समिति गठित कर दी है। गोरखपुर विवि की कुलपति प्रो. पूनम टंडन को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश के वित्त एवं उच्च शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव अरविंद मिश्र व लखनऊ विवि के सेवानिवृत्त वित्त अधिकारी संजय श्रीवास्तव को सदस्य नामित किया गया है।
अब तक यह है व्यवस्था
अब तक उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में यह व्यवस्था है कि जिस कर्मचारी को जिस विश्वविद्यालय में नियुक्ति मिली है, वहीं से सेवानिवृत्त होता है। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट के बाद यह व्यवस्था बदल सकती है।