Audit Reveals 32 Crore Fraud by 119 Village Panchayats in District एटा की 119 ग्राम पंचायतों ने कर लिया 32 करोड़ से अधिक का गोलमाल, Etah Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsEtah NewsAudit Reveals 32 Crore Fraud by 119 Village Panchayats in District

एटा की 119 ग्राम पंचायतों ने कर लिया 32 करोड़ से अधिक का गोलमाल

Etah News - जिले की 119 ग्राम पंचायतों ने 32 करोड़ रुपये का गोलमाल किया है। ऑडिट टीम ने जब जांच की तो पैसे के उपयोग का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला। कई पंचायतें काम कराने के बाद खर्च का विवरण देने में असफल रहीं। इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाMon, 19 May 2025 10:40 PM
share Share
Follow Us on
एटा की 119 ग्राम पंचायतों ने कर लिया 32 करोड़ से अधिक का गोलमाल

जिले की 119 ग्राम पंचायतों ने जमकर मनमानी कर राजस्व का नुकसान पहुंचाकर गोलमाल किया। सरकारी धन का जमकर दुरूप्रयोग किया है। इन पंचायतों ने वर्ष 2022-23 में 32 करोड़ से अधिक के रुपये का गोलमाल कर लिया है। इन पंचायतों में आडिट करने के लिए पहुंची टीमों ने जब जांच की तो पूरी परतें खुल गई। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। सरकार की ओर से हर वर्ष ग्राम पंचायतों की आडिट की जाती है। आडिट करने की जिम्मेदारी ऑडिट विभाग को दी गई। विभागीय कर्मचारियों ने आठों ब्लॉकों की पंचायतों की अचानक जांच की। 119 पंचायतों में सबसे अधिक घोटाला ब्लॉक क्षेत्र सकीट में हुआ।

इसमें 75 ग्राम पंचायतें यही नहीं बता पाई कि काम कराने के बाद उसका लेखाजोखा कहां है। ऑडिट टीम को खर्च किए गए पैसे का रखरखाव नहीं रखा। लगातार पत्राचार के बाद इन पंचायतों ने कोई कोई काम नहीं दिए। पैसे का लेखा जोखा न मिलने पर आडिट टीम ने इन पंचायतों में प्रयोग किए गए पैसे का गोलमाल मान लिया। इसकी रिपोर्ट स्थाई लेखा समिति को भेज दी गई है। ऐसे ही ब्लॉक जलेसर क्षेत्र की 20 पंचायतें, ब्लॉक निधौलीकलां की पांच पंचायतें, ब्लॉक जैथरा की तीन पंचायतें, ब्लॉक शीतलपुर की 12 पंचातयें तथा ब्लाक अवागढ़ की तीन पंचायतें तथा ब्लॉक मारहरा की एक पंचायत का नाम शामिल है। इन 119 पंचायतों ने 32 करोड़, 59 लाख 11 हजार 47 लाख रुपये का गोलमाल कर लिया है। इन पंचायतों के खिलाफ पैसा वसूलने के आदेश जारी किए गए हैं। इस रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि पंचायतों की ओर से हुए कार्यों पर विभागीय अधिकारियों ने कभी गौर क्यों नहीं किया। जांच के समय नहीं दिखाई टेंडर पत्रावलियां आडिट टीम से जुड़े सूत्रों की मानें तो जांच के समय यह लोग न तो टेंडर की पत्रावली दिखाते हैं न ही पैसे का व्यय करने के बारे में कोई जानकारी देते हैं। दस्तावेजों में भी भुगतान के बारे में कोई रिकार्ड नहीं दिखाया जाता है। आडिट करने वाली टीम सिर्फ कागजों से ही खर्च किए हुए पैसे का मिलान करने के लिए जाती है। पैसा का मिलान न होने पर उसे गोलमान लिया जाता है। इस रिपोर्ट को विधान सभा की स्थाई समिति में सुना जाता है। जिले की 119 ग्राम पंचायतों की ऑडिट कराई गई थी। इसकी रिपोर्ट मिली है। पंचायतों ने पैसे का दुरुपयोग किया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के अलावा स्थाई लेखा समिति को भेजी गई है। सुनील कुमार, जिला लेखा परीक्षा अधिकारी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।