Environmental Crisis in Eta Poor Afforestation and Waste Management अनदेखी: जिले में 35 फीसदी पौधों सूखे, खराब हो रहा पर्यावरण , Etah Hindi News - Hindustan
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अनदेखी: जिले में 35 फीसदी पौधों सूखे, खराब हो रहा पर्यावरण

Etah News - एटा में पर्यावरण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पौधारोपण में 35 प्रतिशत पौधे सूख चुके हैं, और अधिकारियों ने इसकी देखभाल नहीं की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद, विकास कार्यों के लिए काटे गए पेड़ों...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाMon, 21 April 2025 09:40 PM
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अनदेखी: जिले में 35 फीसदी पौधों सूखे, खराब हो रहा पर्यावरण

पर्यावरण को लेकर एटा की स्थिति खराब होती जा रही है। जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। पौधा रोपण की स्थित भी अच्छी नहीं है। पिछले वर्ष लगाए गए पौधों में से 35 फीसदी से अधिक पौधो ने दम तोड़ दिया। इन पौधों में न तो पानी लगा न ही कोई देखरेख हो सकी। बीस लाख से अधिक पौधे लगाने का दावा किया गया था। पृथ्वी दिवस पर भी जगह-जगग पर्यावरण को लेकर लोग परेशान दिखे। 22 अप्रैल मंगलवार को पृथ्वीदिवस मनाया जा रहा है। वर्ष 2024 में जिले के 25 विभागों को पौधारोपण करने का लक्ष्य दिया गया था। लक्ष्य को पूरा करते हुए सभी ने 22 लाख से अधिक पौधे लगाकर सरकार कारे सूचना भेजी थी। एक बार पौधा रोपण करने के बाद किसी भी विभाग ने इन पौधों को लेकर चिंता नहीं की। सरकार की ओर से इनकी रिपोर्ट भी मांगी गई। इसमें हर विभाग ने अपनी खानापूर्ति कर दी। विभागीय अधिकारियों की मानें तो 35 फीसदी तक पौधे सूख गए। इन पौधों की सही से देखभाल नहीं की गई। जब पौधा रोपण किया जाता है उसी दिन तक जिम्मेदार अधिकारी इनको देखते है।

जनपद की हरियाली हालात नहीं अच्छी

एटा। जनपद की भौगालिक क्षेत्रफल 2421 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें जंगल क्षेत्र 0.8 फीसदी है। इसमें भी जिले का हरियाली प्रतिशत अच्छा नहीं है। विकास कार्यो के लिए जो पेड़ काटे गए थे उनका भी अभी पूरा पौधरोपण नहीं हो सका है। निधौली कलां रोड पर काटे जा रहे पेड़ो को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी टिप्प्णी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए थे तो जो पेड़ काटे गए थे उनके बदले में पौधा रोपण कराया जाए, जो पौधारोपण कराया उससे सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट नहीं था। इसके कारण अभी सड़क बनने का काम शुरू नहीं हो सका है।

कूडे में आग लगा खराब किया जा रहा पर्यावरण

शहर में रोजाना कूड़ा जलाकर पर्यावरण को दूषित किया जा रहा है। सुबह के समय में अधिकांश कर्मचारी कूड़े को जला देते हैं। रेलवे रोड, शांतिनगर आदि में काफी धुंआ भर जाता है। सुबह मार्निंग वॉक पर जाने वाले लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी होती है। रेलवे पुल पर पड़े कूड़े में भी आए दिन आग लगाकर दूषित किया जाता है। सबकुछ देखते हुए भी अधिकारियों की ओर से कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होती। इस कूड़े से हरे पेड़ों को काफी नुकसान हो रहा है। कई पेड़ इससे झुलसकर सूखन की कगार पर है। इसके बाद भी इस कूड़े में आग लगाई जा रही है।

पर्यावरण के लिए विभाग की ओर से रोजाना काम किया जा रहा है। जो जंगल का एरिया है उसे बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विकास कार्यो के लिए जो पेड़ काटे गए थे उनके बदले अभी 12 हजार पौधे लगाए जा रहा हैं। उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी भेजी जा रही है। जंगल का क्षेत्रफल बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे पर्यावरण अच्छा हो सके।

सुंदरेशा, डीएफओ एटा

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