Residents Demand Return to Villages Amidst Failed Urban Development in Mahara Municipality बोले एटा: मारहरा में हर ओर बदइंतजामी की मार , Etah Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsEtah NewsResidents Demand Return to Villages Amidst Failed Urban Development in Mahara Municipality

बोले एटा: मारहरा में हर ओर बदइंतजामी की मार

Etah News - मारहरा नगर पालिका में शामिल किए गए नौ गांवों में पिछले दो वर्षों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें गांव में लौटने दिया जाए क्योंकि यहां की हालत गांवों से भी बदतर है। जल...

Newswrap हिन्दुस्तान, एटाThu, 22 May 2025 11:37 PM
share Share
Follow Us on
बोले एटा: मारहरा में हर ओर बदइंतजामी की मार

आज से करीब दो वर्ष पहले मारहरा नगर पालिका में नौ गांवों का सीमा विस्तार कर पालिका में शामिल किया गया था। दो वर्ष में इन गांवों में कोई काम नहीं कराया गया। दस्तावेजों में यह गांव अब शहर हो गए है। जमीनी हालात यह है कि यहां के लोग कह रहे है कि हमें वापस गांव में ही रहने दो। गांवों से भी बदतर यहां के हालात हैं। ना पीने के लिए पानी मिल रहा है और न ही चलने के लिए सड़कें हैं। नालियां गंदगी से लबालब हैं। निकलने के लिए रास्ता भी नहीं है। गांव से शहर बने इन वार्डों की हालात देखने के लिए बोले एटा की टीम पहुंची तो यहां के लोगों ने अपनी पीड़ा खुलकर बताई।

शिकायतें करने के बाद भी प्रशासन में देखने और सुनने वाला कोई नहीं है। साल 2023 में हुए नगर निकाय चुनावों में नगर पालिका परिषद का सीमा विस्तार किया गया, जिसमें नौ गांवों को शामिल करने की मंजूरी दी गई। इनमें नगला कोठी, नगला भजना, लल्लू खेड़ा, भावन नगर, मोहसती, नगला भुड, कुवातगंज, मोती की सराय और नगला परसी शामिल हैं। ग्राम पंचायत विकास से मुक्ति मिलने और शहरी विकास की आस में यहां रहने वालों के चेहरे खिल गए, लेकिन लोगों की ये खुशी आज तक सच में बदल नहीं सकी है। क्योंकि यहां विकास कार्यों के नाम पर लोगों के साथ सिर्फ छलावा हुआ है। ग्रामीणों की मानें तो पंचायत होने के कारण गांवों विकास कोसों दूर था, लेकिन जब इन गांवों को नगर पालिका ने शामिल किया गया तो लोगों को उम्मीद जागी कि अब वे भी इलाके में विकास की धारा को बहते हुए देखेंगे, लेकिन गांवों से वार्ड बनने के बाद विकास के नाम एक कौड़ी खर्च होती हुई दिखाई नहीं दी। अधिकारियों की अनदेखी के कारण पालिका प्रशासन की ओर से शासन द्वारा तय मानकों को तार तार कर दिया गया। लोगों का कहना है कि इससे अच्छा तो ग्राम पंचायत ही थी। कम से कम निकलने के लिए रास्ते तो मिल जाते थे। सफाई भी समय पर होती रहती थी। हालात ऐसे हैं कि कुवातगंज स्थित प्राइमरी विद्यायल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चों को गंदगी से निकलना पड़ता है। आने वाले बच्चों के लिए भी नगर पालिका सुविधा देने के लिए बजाए उनके सामने परेशानियों खड़ी कर रहा है। अभिभावकों का कहना है कि गंदगी के कारण बच्चों के कपड़े खराब होते हैं। इतना ही नहीं , कभी कभी बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं। इस गली को सही कराने के लिए कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती है। मोहनसती मार्ग भी गड्ढों में तब्दील हो गया है। पालिका का सम्मिलित गावं मोहनसती के लिए हनुमान चौक से जाने वाला मार्ग कच्चा होने के कारण पूरी तरह बदहाल है। यहां से निकलते समय धूल का सामना करना पड़ता है, लेकिन नगर पालिका ने इस मार्ग पर खंडजा करना भी मुनासिब नहीं समझा। जबकि यह मार्ग ग्रामीणों के लिए आने जाने का मुख्य मार्ग है। गंदगी होने के कारण सड़कों पर मुंह बांधकर निकलना पड़ता है। पालिका ने सड़कों पर कचरा डालने का काम भी शुरू कर दिया है, जिसके बाद यहां के हालात और ज्यादा नारकीय हो गए हैं। यहां से लोगों को निकलने में परेशानी होती है। वहीं दूसरी ओर जाने वाले छात्र-छात्राएं बीमार होने का डर बना हुआ है। गांव लल्लू खेड़ा वार्ड नंबर 23 का मैन मार्ग जर्जर हो चुका है। इसकी लंबाई करीब 800 मीटर है। इसे सही कराने के लिए नगर पालिका में अनेकों बार शिकायत की गई कोई सुनवाई नहीं की गई। वहीं वार्ड में न कचरे की गाडी आती है और न कूडे दान लगवाए गये हैं। पालिका पक्षपात से कार्य कर रही है।-किरन देवी, सभासद गांव के मुख्य रास्ते पर गर्मी के मौसम में भी गंदा पानी भरा रहता है, जबकि बरसात के मौसम में मार्ग पर पानी भर जाने से ग्रामीणों को गंदे पानी से मजबूरन निकलना पड़ रहा है। गंदे पानी की समस्या से छुटकारा देने के लिए पालिका को नाला निर्माण करा देना चाहिए। -अनिल कुमार नगला कोठी में जल निकासी के लिए अनेकों बार पालिका में शिकायतें की, लेकिन सफाई कर्मचारी भेजकर जल निकासी के नाम पर खानापूर्ति कर ली जाती है। दो वर्ष से गांव में विकास कार्य के नाम पर लोगों के साथ पालिका छलावा कर रही है। लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। -पंकज कुमार पलिका की ओर से सफाई कार्य के नाम पर गांवों में कूडे दान प्लासटिक बैंक तक नहीं लगवाए गए है। कूडा उठाने वाला कोई साधन पालिका ने गांवों के लिए तैयार नहीं किया है। इस कारण सड़कों पर लगे कूडे के लगे रहने के कारण बदबू से लोग परेशान हो जाते है। -महावीर सिंह एक गांव में ही नहीं, सभी गांवों में गंदा जल निकासी की समस्या से लोग परेशान हैं। शहरी विकास के सपने दिखाने वाली पालिका पर सफाई का काम तक नहीं हो पा रहा है। इसके बाद भी पालिका समस्या से निजात दिलाने के लिए आंखे बंदकर बैठी है। -कामिल कुरैशी हमारे गांव के साथ-साथ अन्य किसी भी गांव में जाकर देखा जाए तो पता चलता है कि कहीं भी विकास के काम नहीं हो रहे हैं। जबकि कस्बे में दो साल के भीतर दो बार मार्गों को बनाया गया है। सरकारी धन को पानी की तरह बहाया जा रहा है। नए वार्डों की ओर कोई देख भी नहीं रहा है। -सादान गांव में रोशनी के लिए लाइट तक नहीं लगवाई गई है। जबकि पास की नगर पंचायत में विकास कार्य तेजी हो रहा है। सड़कें और गलियों में लाइटें जगमगा रही हैं लेकिन नगर पालिका परिषद की ओर से गांवों में लाइटें लगवाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। -सुधीर कुमार गांव कुवातगंज में शामिल गांव है। इसमें दो बर्ष के बाद भी गांव के बीच में बने तालाब की सफाई तक नहीं कराई गई है। इसमें आये दिन पशु फंस रहे है। इन्हें निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पडती है, क्योंकि तालाब में जंगली घास के कारण लोगों के लिए खतरा और बढ़ गया है। -तरुण कुमार कुवातगंज की गलियों में नालियों का निमार्ण न होने से घरों का गंदा पानी गलियों में बहता रहता है। इस कारण लोगों में बीमारियां फैल रहीं है। नाली निमार्ण कराया जाता तो लोगों को गंदे पानी की बदबू से निजात मिल सकती है। पानी की सही निकासी ना होने के कारण भी लोग परेशान रहते है। -मोनू गांव के शामिल होने पर हम लोगों को लगा कि अब शहरों की सुविधाऐं मिलेंगी, लेकिन ग्राम पंचायत से होने वाले विकास से और अछूते रह गए। गांव में अभी तक किसी गली में कोई सीसी इंटर लांकिंग कार्य तक नहीं कराया गया है। अभी भी गांव में वहीं पुराना खड़ंजा है। -दानिश कुरैशी गांव की सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। जहां लोगों का निकलना दुश्वार हो गया है एक ओर शासन सड़कें बनाने के लिए पैसा पानी की तरह बहा रहा है, लेकिन पालिका में बैठे कर्मी कोई ध्यान नहीं दे रहे है। पता नहीं कि मारहरा नगर पालिका का विकास कहां पर हो रहा है।-असलम खान नगर पालिका की ओर से सड़कों और गलियां में लाइटें लगवा कर शाम के समय झिल मिलाती रंगीन लाइटें लोगों के मन भा रही है। ये नजारा मिरहची नगर पंचायत में देखने को मिल रहा है। मारहरा पालिका का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। शाम को पूरे क्षेत्र में अंधेरा नजर आता है। -टीटू जोगी नगर पाालिका में शामिल नौ गांवों की तस्वीरे आप देख रहे है कहीं कोई विकास दिखाई नहीं दे रहा है। गांव के लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। गांव में गंदगी और कूड़ेे के ढेर लगे हुए देखे जा सकते है। पहले ग्राम पंचायत के सफाई कर्मी अच्छी सफाई करते थे, शहरी विकास कहा दिख रहा है। -साबिर हुसैन सभी शामिल गांवों की तस्वीरें एक जैसी है कहीं शासन में रिपोर्ट भेजने के लिए नाली बनवाकर पालिका कार्य कराने के लिए मुड़कर नहीं देख रही है। प्रशासन शामिल होने पर शहरी विकास कराने का ढोल पीट रहा है। पता नहीं कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।-मनोज कुमार

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।