मक्का को कीट प्रकोप से बचाव को सजग रहें किसान
Etawah-auraiya News - इटावा में ग्रीष्मकालीन मक्का की फसल तेजी से बढ़ रही है, लेकिन कीटों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि तना छेदक फॉल आर्मीवर्म और छिपकली कीट फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। किसानों...
इटावा, संवाददाता। ग्रीष्मकालीन मक्का की फसल इस समय तेजी से बढ़ रही है जिसमें कीटों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। इससे बचाव के लिए किसानों को सजगता बरतनी चाहिए। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में तना छेदक फॉल आर्मीवर्म और छिपकली कीट जैसे कीट मक्का की फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं यदि समय रहते नियंत्रण के उपाय नहीं अपनाए गए तो उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। फरवरी से अप्रैल के प्रथम सप्ताह में की गई बुवाई में कीट का प्रकोप ज्यादा फैलने की संभावना रहती है। एडीओ कृषि शिवम कुमार ने बताया कि किसान अपनी मक्का की फसल की नियमित निगरानी करें शुरुआती लक्षणों में पत्तियों पर छेद पीली पड़ती पत्तियां और तनों में सुराख दिखाई देता है। जैविक नियंत्रण के लिए ट्राइकोग्रामा जैसे परजीवी कीटों का प्रयोग किया जा सकता है रासायनिक नियंत्रण के लिए क्लोरोएन्ट्रानिलिप्रोल, थायोमेथोक्साम या एमामेक्टिन बेंजोएट युक्त कीटनाशकों का छिड़काव किया जा सकता है।
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