इटावा में ऊसराहार थानेदार का हमराह भी हुआ सस्पेंड
Etawah-auraiya News - थानाध्यक्ष मंसूर अहमद और सिपाही बबलू अली खान को सस्पेंड कर दिया गया है। आईजी जोगिंदर सिंह ने जांच के दौरान बबलू की भूमिका को संदिग्ध पाया। मंसूर का विवादों से पुराना नाता है, और हाल ही में एक छात्रा...

थानाध्यक्ष मंसूर अहमद के हमराह बबलू अली खान को भी एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया गया है। सिपाही को थानाध्यक्ष का बहुत खास माना जाता था। आईजी जोगिंदर सिंह ने कहा सिपाही को सस्पेंड कर जांच की जा रही है। ऊसराहार थाने में थानाध्यक्ष मंसूर अहमद ने अपनी तैनाती के दौरान कुछ खास लोगों को हमराह बना रखा था। उनमें सिपाही बबलू अली खान भी थानाध्यक्ष के खास हमराह में था। रविवार को आईजी जोगिंदर सिंह थानाध्यक्ष की जांच करने थाने पहुंचे, उन्होंने थानाध्यक्ष के साथ कौन-कौन रहता था कौन खास था इसकी जांच भी की है। पूरे प्रकरण में पहले थानाध्यक्ष को सस्पेंड किया गया था, लेकिन जांच के दौरान आईजी को बबलू अली की भूमिका भी सही नहीं मिली।
थानाध्यक्ष से लोगों की मदद कराने और मामले निपटाने में भी बबलू अली की महत्वपूर्ण भूमिका पाई गाई। आईजी ने बताया बबलू अली को सस्पेंड कर जांच की जा रही है। माना जा रहा है आईजी थानाध्यक्ष के जो खासम खास थे उन सबकी जांच कर रहे हैं। कुछ और कर्मियाें पर अभी जांच की आंच आ सकती है। प्रभारी निरीक्षक बलराम मिश्रा ने बताया बबलू अली को सस्पेंड कर दिया गया है देर रात उन्हें थाने से रवाना कर दिया गया है। मंसूर अहमद का विवादों से रहा पुराना नाता होनहार बीएससी की छात्रा ने जहर खाकर इसलिए जान दी। उसे रिजवान नाम का युवक अश्लील मैसेज भेजकर परेशान करता था। छात्रा के पिता ने शिकायत की तो उन्हें ही धमका कर थाने से भगा दिया। पीड़ित को धमकाना थानाध्यक्ष मंसूर अहमद के लिए आम बात थी। मंसूर अहमद ऊसराहार थाने से पहले चौबिया थानाध्यक्ष थे। इसी थाना क्षेत्र के मूंज गांव में एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति को गालियां देने पर बलवीर जाटव ने इन्हें टोक दिया तो थानाध्यक्ष ने बलवीर को लात मार कर गिरा दिया और घसीटा। पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो उसने कोर्ट के आदेश पर थानाध्यक्ष के खिलाफ 17 अकटूबर 2024 को चौबिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया। दूसरा मुकदमा इसके तीन दिन बाद फिर 20 अक्टूबर को इसी गांव में रहने वाली मुन्नी देवी ने एससी एसटी एक्ट के तहत चौबिया में ही कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया था। मुन्नी देवी ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पुत्र गौतम को थानाध्यक्ष ने गलत तरीके ने निरुद्ध कराया था। जब इसकी शिकायत उसने उच्चाधिकारियों से की तो मंसूर अहमद ने मुन्नी देवी के पुत्र और पति को झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी दी। जिसके बाद मुन्नी देवी ने कोर्ट की शरण ली। दोनों मुकदमे जिस समय दर्ज किए गए उस समय मंसूर अहमद ऊसराहार थानाध्यक्ष पद पर थे। दोनो पीड़ितों ने उस समय भी मंसूर अहमद को थानाध्यक्ष के पद से हटाकर मुकदमे में निष्पक्ष जांच की मांग की थी। अब हिंदुओं को शस्त्र उठाने की जरूरत है: मधुराम छात्रा के जहर खाकर जान देने के मामले में रविवार शाम शिव शक्ति अखाड़ा प्रमुख मधुराम शरण शिवा अपने तमाम सेवकों और सहयोगियों के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने पीड़ित पिता को ढांढस बंधाया और कहा अब समय आ गया है जब हिंदुओं को हाथ में शस्त्र उठाने की जरूरत है। हमारी बहन बेटियों पर गंदी नजर डालने वाले अपराधी को जब मंसूर अहमद जैसे थानाध्यक्ष पनाह देंगे तो फिर हमें शस्त्र उठाना पड़ेगा। मधुराम जिस समय गांव पहुंचे तो उनके हाथ में शस्त्र के रूप तलवार थी, जबकि अनुयायी भी शस्त्र धारण किए थे। इस दौरान भाजपा नेता प्रीती दुबे, ज्ञानेंद्र अवस्थी, राहुल राज वर्मा, प्रशांत तिवारी, रजनीश मिश्रा, वैभव कौशल व पारस सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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