पथरीले रास्ते और पैरों से जूता-मोजा गायब
Gangapar News - कोरांव में जिला प्रशासन ने कक्षा आठ तक के बच्चों का स्कूल का समय सुबह 7 बजे से 12 बजे तक किया है। तेज धूप और पथरीले रास्तों के कारण बच्चे अक्सर चप्पल और नंगे पांव घर लौटते हैं। जूता-मोजा और स्कूल...

कोरांव/गिरगोंठा, हिन्दुस्तान संवाद। जिला प्रशासन ने भले ही कक्षा आठ तक के बच्चों का स्कूल का समय सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक कर दिया है लेकिन तेज धूप और कोरांव के पथरीले रास्ते में ज्यादातर बच्चे चप्पल और नंगे पांव छुट्टी के बाद घर लौटते हैं। जूता मोजा तो शायद ही किसी के पैर में दिख जाए। ऐसे में सरकार की जूता-मोजा और स्कूल ड्रेस की सुविधा देने की योजना यहां बेमानी साबित हो रही है।
प्राथमिक विद्यालय बेलहट में बुधवार को नामांकित 85 बच्चों में से 65 की उपस्थिति रही। अधिकांश बच्चे ड्रेस पहनकर आए थे, लेकिन कुछ के पैरों में जूता मोजा के स्थान पर स्लीपर ही दिखाई दिया, जबकि कुछ नंगे पैर ही स्कूल से घर के लिए जाते मिले। यही हाल स्कूल परिसर में ही चलने वाले आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का भी मिला। प्रधानाध्यापक देव प्रताप सिंह ने बताया कि ड्रेस का पैसा बच्चों के अभिभावकों के आधार कार्ड से लिंक खाते में जाता है। कुछ अभिभावकों के खाते बंद पड़े हैं। इसी के चलते बच्चों का ड्रेस और जूता- मोजा नहीं खरीदा जा रहा है और बच्चे नंगे पैर आ रहे हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।