Lack of School Buildings Students Suffer as Mandha Schools Operate from Private Homes तीन साल से बिना भवन चल रहे मांडा के दो परिषदीय स्कूल, Gangapar Hindi News - Hindustan
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तीन साल से बिना भवन चल रहे मांडा के दो परिषदीय स्कूल

Gangapar News - मांडा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के भवन तीन साल पहले ढह गए थे। परसीधी विद्यालय का संचालन एक निजी घर से हो रहा है, जबकि मसौली विद्यालय भी उसी स्थिति में है। दोनों विद्यालयों को नया भवन...

Newswrap हिन्दुस्तान, गंगापारTue, 6 May 2025 04:24 PM
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तीन साल से बिना भवन चल रहे मांडा के दो परिषदीय स्कूल

मांडा, हिन्दुस्तान संवाद। एक तरफ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को कंप्यूटरीकृत करके आनलाइन शिक्षा की तैयारी बेसिक शिक्षा परिषद के माध्यम से सरकार करवा रही है, दूसरी ओर मांडा के दो परिषदीय विद्यालयों के पास तीन साल से अपना भवन तक नहीं है। दूसरे के मकान में किसी तरह इन विद्यालयों का संचालन हो रहा है। मांडा दक्षिणी पहाड़ी भूभाग में स्थित प्राथमिक विद्यालय परसीधी और उच्च प्राथमिक विद्यालय मसौली के भवन जर्जर व अत्यंत पुराने होने के कारण तीन साल पहले ढहा दिये गये थे। मकान ढहाने और मलबा हटाने के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाया गया था। तीन साल पहले दोनों विद्यालयों के मकान ढहाये जाने के बाद परसीधी विद्यालय के लिए गांव में कोई अन्य विद्यालय नहीं था।

काफी खोजबीन के बाद गांव के एक संभ्रांत व्यक्ति ने अपना मकान प्राथमिक विद्यालय संचालित करने के लिए दे दिया है, जिसमें आज तक उक्त विद्यालय का संचालन हो रहा है। इस विद्यालय में कुल 38 छात्रों के लिए एक अध्यापक नियुक्त किया गया है। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालय मसौली का भवन भी तीन साल पहले अत्यंत पुराना और जर्जर होने के कारण टेंडर देकर ढहवाया गया था। इस विद्यालय का संचालन प्राथमिक विद्यालय मसौली में पिछले तीन वर्षों से किया जा रहा है। तीन साल बाद भी इन दोनों विद्यालयों को अपना नया भवन तक नहीं मिल पाया है। मसौली उच्च प्राथमिक विद्यालय के 64 छात्रों के लिए एक अध्यापक नियुक्त हैं। इन विद्यालयों के इकलौते अध्यापकों का कहना है कि अपने भवन तक न होने से काफी असुविधा होती है। प्राथमिक विद्यालय परसीधी और उच्च प्राथमिक विद्यालय मसौली की छात्र संख्या भी निरंतर कम होती जा रही है। बीईओ मांडा कैलाश सिंह का कहना है कि मामला पोर्टल पर दर्ज है। बजट मिलने के बाद ही नया भवन बन पायेगा और नया भवन बनने के बाद दोनों विद्यालयों को नये भवन में स्थानांतरित कर दिया जायेगा, लेकिन बजट कब तक आयेगा, इसका जवाब किसी भी शिक्षा अधिकारी के पास नहीं है।

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