दिन में अनवरत कटौती, रात का कोई रोस्टर नहीं
Gangapar News - मांडा। मांडा इलाके की बिजली व्यवस्था ठंडी में भी पटरी पर नहीं रहती। गर्मी में

मांडा इलाके की बिजली व्यवस्था ठंडी में भी पटरी पर नहीं रहती। गर्मी में तो 24 घंटे में आठ से दस घंटे भी बिजली नहीं मिल पाती। बिना बिजली पेयजल समूहों से पेयजल की आपूर्ति भी बाधित रहती है। मांडा क्षेत्र के 69 ग्राम पंचायतों के 193 गांवों में विद्युत आपूर्ति के लिए 1964 में मांडा रोड विद्युत उपकेंद्र की स्थापना हुई। उसके बाद 1993 से 2013 तक हाटा, भारतगंज, सुरवांदलापुर और नेवढ़िया उपकेंद्र की स्थापना की गई। बढ़ते उपभोक्ताओं की संख्या के बावजूद समूचे क्षेत्र में 1964 से अब तक भारतगंज कस्बे के अस्सी प्रतिशत भाग को छोड़कर कहीं भी विद्युत तारों का नवीनीकरण नहीं हो पाया। समूचे क्षेत्र में तीन साल से विभिन्न कंपनियों द्वारा केबलिंग किया जा रहा है, लेकिन अभी तक किसी भी गांव में शत प्रतिशत केबलिंग नहीं हो पाया है। शुक्रवार को भी सुरवांदलापुर उपकेंद्र से संबंधित तीन दर्जन ग्राम पंचायतों की बिजली काटकर जे एंड के कंपनी द्वारा केबलिंग किया जा रहा है। मांडा रोड, भारतगंज और हाटा विद्युत उपकेंद्र से संबंधित गांवों में सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक और सायं 4: 40- 6: 40 तक रोस्टर के तहत चार घंटे बिजली काटी जाती है। इसके अलावा फाल्ट ठीक करने के नाम पर दिन में अक्सर बिजली काट दी जाती है। रात में बिजली आने और जाने का न तो कोई रोस्टर है और न ही नियम। अघोषित बिजली कटौती से इन दिनों भीषण गर्मी, लग्न बारात और किसानी के समय हर वर्ग प्रभावित और परेशान रहता है। मांडा क्षेत्र के सभी पेयजल समूह विद्युत आधारित होने से बिजली न रहने पर पेयजल की आपूर्ति भी ठप रहने से हर वर्ग प्रभावित और परेशान रहता है।
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