नैनो उर्वरक बदलेगी किसानों के खेती की दिशा
Gangapar News - बाबूगंज में इफको के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया ने किसानों की चौपाल में बताया कि तकनीकी खेती अपनाना आवश्यक है। नैनो उर्वरक, डीएपी और सागरिका का उपयोग किसानों के लिए कम लागत में टिकाऊ खेती के...

बाबूगंज, हिन्दुस्तान संवाद। समय के साथ शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा में नई तकनीकी के साथ क्रांतिकारी परिवर्तन हुए है। अब तकनीकी खेती को अपनाना किसानों के लिए जरूरी हो गया है। कम लागत में टिकाऊ खेती के लिए किसानों को नैनो यूरिया, डीएपी,सागरिका अपनाना होगा। यह बातें इफको के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया बगई कला में किसानों की चौपाल को संबोधित करते हुए मंगलवार को बतौर मुख्य अतिथि कही। कहा कि नैनो उर्वरक खेती की दिशा को बदलने की क्षमता रखते हैं। किसान चौपाल की अध्यक्षता ग्राम प्रधान प्रताप बहादुर सिंह ने की। पीआरओ स्वयं प्रकाश ने किसानों को रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता घटती है, जल स्रोत प्रदूषित होते हैं और कुछ समय बाद फसल की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है।
चौपाल में किसानों ने खरीफ की फसल में आने वाली कठिनाइयों को विशेषज्ञों से साझा किया।कार्यक्रम में अनुराग तिवारी, राजेश सिंह व अन्य मौजूद रहे।
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