बोले प्रयागराज : पानी में बह गए रुपये, पानी मिला न बुझी प्यास
Gangapar News - बारा तहसील के शंकरगढ़ में पानी की समस्या विकराल होती जा रही है। गर्मी के महीनों में जलस्रोत सूख जाते हैं, जिससे गरीब परिवारों को स्वच्छ पानी तक नहीं मिल पाता। सरकारी टैंकरों की व्यवस्था भी नाकाफी है...
शासन द्वारा बारा तहसील के शंकरगढ़ के पहाड़ी इलाकों में पानी की समस्या के समाधान के लिए पानी की तरह धन बहाया गया है किन्तु शासन का धन पानी में ही बह गया। शंकरगढ़ व बारा के पहाड़ी क्षेत्रों में हर साल पानी की विकराल समस्या ज्यों कि त्यों खड़ी हो जाती है। अप्रैल से जून के बीच यहां की अधिकांश जलस्रोत सूख जाते हैं। इससे मजदूर वर्ग एवं गरीब परिवारों को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक मयस्सर नहीं होता। स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि लोगों को गंदे एवं दूषित पानी का सेवन करना पड़ता है। इससे गरीब मजदूर गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ जाते हैं। बारा एवं शंकरगढ क्षेत्र में पानी का संकट नया नहीं है, बल्कि हर साल यह समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। ग्राम पंचायत नीबी, लोहगरा, ललई पहाड़ी, भेलाव, पूरे वैश्य, चंदरा, बघला, कंचनपुर, सोनबरसा, धरा, बबंधर, बांकीपुर, ओसा सहित दर्जनों गांवों के लोगों को पानी के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है। इन गांवों में नलकूपों की संख्या बेहद कम है, व जो हैं भी, वे गर्मियों में जवाब दे देते हैं। हैंडपंप में पानी की जगह हवा निकलती है या तो कीचड़ युक्त पानी।
विकास खंड शंकरगढ़ के ग्राम पंचायतों में टैंकर की व्यवस्था नहीं है। विकास खंड शंकरगढ़ के क्षेत्र में 76 ग्राम पंचायतें हैं जिसमें कुछ ग्राम पंचायतों में ही टैंकर की व्यवस्था स्वयं की है ।बाकी अभी तक कहीं भी टैंकर की व्यवस्था नहीं की गई है और जहां कुछ टैंकर पड़े हैं वह भी खराब की दशा में है। जानकारी लेने पर पता चला कि ग्राम पंचायत नीबी में टैंकर की व्यवस्था तो है परंतु कई दिनों से जर्जर हालत में खड़ा हुआ है। जिला प्रशासन के निर्देश पर खंड विकास अधिकारी शंकरगढ़ ने सभी बड़ी ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों को टैंकर लेने के लिए निर्देशित किया है। दर्जनों गांवों के स्थानीय निवासियों ने बताया की शंकरगढ़ के गांवो में कोई स्थायी जलस्रोत नहीं है। हैंडपंप व कुएं सूख जाते हैं, ऐसे में हमें दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है। कई बार गंदा पानी पीने के कारण बच्चे और बुजुर्ग बीमार पड़ जाते हैं।
सरकार की ओर से जलापूर्ति के लिए टैंकरों की व्यवस्था करने के दावे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे काफी अलग है। गर्मी के चरम पर पहुंचने पर सरकारी टैंकरों की संख्या घट जाती है व कई बार लोगों को पानी नहीं मिल पाता है।श्रेत्र के कुछ समाजसेवियों व दानदाताओं द्वारा अपनी ओर से निजी टैंकरों से पानी भेजवाया जाता हैं लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं होता।क्षेत्र के लोगों ने आरोप लगाते हुए बताया कि सरकारी टैंकर सिर्फ कागजों में चलते हैं। कई बार टैंकर आते भी हैं तो उनका पानी कुछ ही घंटों में खत्म हो जाता है। प्रशासन को स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है। इन टैंकरों से ग्राम वासियों की प्यास नहीं बुझ सकती।
जल संकट से बढ़ रहा पलायन का भय, महिलाओं की हालत बदतर
गांवों में पानी की समस्या इतनी गंभीर हो चुकी है कि लोग अन्य जगहों पर पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। खासकर मजदूर वर्ग के लोग इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। महिलाओं की स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय है, क्योंकि उन्हें पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। ग्राम पंचायत लोहगरा के ग्राम सभा जज्जी का पूर्वा व आसपास के गांवों में पानी की घोर समस्या उत्पन्न रहती है।गांव मे बसे सपेरा बस्ती के लोग एवं अन्य समुदाय के लोग पानी के लिए काफी परेशान रहते हैं गांव की निवासिनी उर्मिला ने बताया कि गांव में पानी की कोई खास व्यवस्था नहीं होती है ।हैंडपंप अभी से ही सुख चुके हैं। गांव के कुआं में पानी की व्यवस्था भी सही तरीके से नहीं होती है।ग्राम पंचायत ललई पहाड़ी की गीता देवी ,रानी ,दिनेश ने बताया कि हम लोग इस पहाड़ी क्षेत्र में बसे हैं पानी की कोई खास व्यवस्था नहीं है ।गर्मी के समय पर हम लोगों को दूर से पानी लाना पड़ता है। गांव पंचायत से भी कोई खास व्यवस्था नहीं होती क्योंकि जलस्तर नीचे चला जाता है। गांव में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप सब सूख जाते हैं । तहसील एवं ब्लॉक प्रशासन से कोई भी टैंकर की व्यवस्था नहीं की जाती सिर्फ कागजों पर दिया जाता है। अगर टैंकर आ भी जाता है तो कुछ लोग ही पानी पाते हैं क्योंकि सैकड़ो की संख्या में एक टैंकर पानी से किसी की प्यास नहीं बुझती है बल्कि स्थानीय प्रशासन को पानी जैसी समस्या के निराकरण के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हर साल जलसंकट को लेकर प्रशासनिक बैठकों एवं योजनाओं की घोषणाएं होती हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। अगर यह स्थिति जारी रही, तो आने वाले वर्षों में यह संकट और भी गंभीर हो सकता है। स्थानीय ग्रामीणों एवं सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस जल संकट के स्थायी समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
बोले जिम्मेदार
शंकरगढ़ क्षेत्र पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण हर वर्ष पानी की समस्या होती है। इस पर जिला स्तर से एवं प्रदेश सरकार की तरफ से भी कई अहम योजनाएं आती हैं और काम भी होता है परंतु हर वर्ष जलस्तर नीचे जाने कारण यह समस्या उत्पन्न होती है उसके लिए ब्लॉक के अधिकारियों के साथ बैठक कर कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। गांव का सर्वे कराकर टैंकर एवं अन्य साधनों के माध्यम से पानी दिया जाएगा।
-निर्मला देवी, ब्लॉक प्रमुख शंकरगढ़
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हमारी भी सुनें
ग्राम पंचायत चंद्रा में पानी की दिक्कत अभी से शुरू होने लगी है ।गांव के सभी कुएं सूख चुके हैं.गांव मे लगे हैंड पंप में अभी से पानी कम आने लगा है । इससे लोगों को समस्या हो रही है ।ब्लॉक प्रशासन से बात कर टैंकर के माध्यम से पानी वितरण कराया जाएगा एवं हैंडपंप पर लगे पाइप को भी बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
-नवनीत मिश्रा, चंद्रा, शंकरगढ़
ग्राम पंचायत नीबी में पानी की घोर समस्या उत्पन्न है। ग्राम पंचायत का टैंकर भी खराब पड़ा हुआ है। इससे पानी में काफी दिक्कतें होती हैं। हम लोग व्यक्तिगत रूप से टैंकर द्वारा ग्राम वासियों को पानी वितरण करवाते हैं फिर भी दिक्कत होती है।
-चेतन दुबे, समाजसेवी नीबी,लोहगरा, बारा
पानी की समस्या से लोग अभी से ग्रसित हैं। अभी गर्मी की शुरुआत में यही हाल है आगे और भी परेशानी होना संभव है। विभाग को इस ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है ।गर्मी के समय पर इंसान के साथ-साथ पशु पक्षी भी बेहाल हैं।
-सूर्य प्रताप सिंह, पूरे वैश्य शंकरगढ़
पानी की समस्या से क्षेत्रवासी बेहाल है। जल स्तर नीचे खिसक जाने के कारण ये समस्या उत्पन्न हो रही है। ग्राम पंचायतों मे संचय की व्यवस्था अति आवश्यक है। जिलों के अधिकारियों को इस पर काम करने की जरूरत है।
-अमिय शंकर, नीबी बारा
पानी की समस्या से क्षेत्र लोगों को काफी दिक्कत होती है। समस्या का निराकरण के लिए खंड विकास अधिकारी एवं ब्लाक प्रमुख शंकरगढ़ को पत्र के माध्यम से अवगत कराया गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन अधिकारियों की पहल से समस्या का समाधान होगा।
-बृजेश सिंह, पूर्व प्राथमिक विद्यालय गाढ़ा कटरा शंकरगढ़
क्षेत्र में पानी की घोर समस्या वर्षो से है। हम लोगो ने अपने कार्यकाल मे पानी को लेकर काफी आन्दोलन किया है। कुछ सफलता भी मिली है परन्तु व्यवस्था की और जरूरत है।
-जमील खान, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, शंकरगढ़
क्षेत्र के लोग पानी की एक एक बूंद के लिए परेशान है।सरकार को पानी की समस्या को लेकर कठोर कदम उठाने की आवश्कता है। जिससे गर्मियो मे लोगो को पानी की दिक्कत ना होने पाये।
-रानी खान उर्फ तबस्सुम बेगम, लौदकला
नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पानी की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। शासन प्रशासन को लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं। लाखों रुपये पानी के नाम पर बहा दिया जाता है परंतु कोई भी सुविधा नगर एवं ग्रामीण वासियों को नहीं मिल पा रही है।
-महीप सिंह, शंकरगढ़
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