गार्डों की कमी से जूझ रहा एनआईआर, इंतजार में 6 घंटे खड़ी रही मालगाड़ी
- लोको पायलट ने तो इंजन का जिम्मा संभाल लिया लेकिन रेस्ट पूरा न होने की वजह से कोई ट्रेन मैनेजर नहीं पहुंच सका। किसी मैनेजर के न आने की सूचना से कर्मचारियों-अधिकारियों में हलचल मच गई। इस वजह से मालगाड़ी को 11 बजे तक कुल छह घंटे ट्रेन मैनेजर का इंतजार करना पड़ गया।

अमूमन यात्री ट्रेन का इंतजार करते हैं, लेकिन मंगलवार को एक मालगाड़ी को ट्रेन मैनेजर (गार्ड) का इंतजार करना पड़ा। इसके चलते जंक्शन की मेन लाइन नंबर 10 छह घंटे तक ब्लॉक रही। इस दौरान कई मालगाड़ियां पीछे फंसी रहीं। ट्रेन मैनेजर के आने के बाद मालगाड़ी आगे रवाना हुई। हालांकि, इससे कोई सवारी गाड़ी प्रभावित नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इन दिनों एनईआर गार्डों की कमी से जूझ रहा है। गोरखपुर मुख्यालय पर गुड्स ट्रेनों के जहां 146 लोको पायलट हैं, वहीं ट्रेन मैनेजरों की संख्या सिर्फ 107 है।
जानकारी के अनुसार मंगलवार को सुबह छह बजे गोरखपुर जंक्शन के लाइन नंबर 10 पर आकर खड़ी हो गई। यहां लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर की ड्यूटी बदल गई थी। पूर्व निर्धारित समय के अनुसार लोको पायलट ने तो इंजन का जिम्मा संभाल लिया लेकिन रेस्ट पूरा न होने की वजह से कोई ट्रेन मैनेजर नहीं पहुंच सका। इस वजह से मालगाड़ी को 11 बजे तक कुल छह घंटे ट्रेन मैनेजर का इंतजार करना पड़ गया। मैनेजर के आने के बाद मालगाड़ी चलाई जा सकी। किसी मैनेजर के न आने की सूचना से कर्मचारियों-अधिकारियों में हलचल मच गई। लगातार मैनेजर को बुलाने के लिए लिखा-पढ़ी शुरू हो गई। छह घंटे तक लाइन के ब्लॉक रहने कई मालगाड़ियां पीछे फंसी रहीं।
146 गुड्स लोको पायलट पर सिर्फ 107 ट्रेन मैनेजर
वर्तमान में गोरखपुर मुख्यालय पर गुड्स ट्रेनों के जहां 146 लोको पायलट हैं, वहीं ट्रेन मैनेजरों की संख्या महज 107 है। लगातार ट्रेनों की संख्या बढ़ने के बाद भी 39 मैनेजरों की कमी है। इससे अक्सर मालगाड़ी आ जाने के बाद गार्ड का इंतजार करना पड़ता है। हैरानी इस बात की है कि रनिंग स्टाफ की यह संख्या 15 वर्षों से बनी हुई है। उधर, रेलवे के नियमावली के अनुसार ट्रेन लोको पायलट और ट्रेन मैनेजर के अधिकतम काम के घंटे 12 से ज्यादा नहीं होने चाहिए।
रेलवे के ट्रेन गार्ड की ड्यूटी से जुड़े कुछ नियम
-ट्रेन को एक गंतव्य से दूसरे गंतव्य तक सुरक्षित रूप से ले जाना।
- ट्रेन में सभी सुरक्षा उपाय लागू होने का ध्यान रखना।
- आपातकालीन ब्रेक खराब न हों व ब्रेक पावर पर्याप्त हो, यह सुनिश्चित करना।
- यात्रा के दौरान वैगन के सभी दरवाज़े व शटर बंद रहते हैं या नहीं, यह जांचना।
- ट्रेन के पायलट और सह-पायलट के साथ लगातार संवाद बनाए रखना।