Advanced Cyber Forensics Lab to be Established at MMMUT Gorakhpur with 4 18 Crore Investment साइबर क्राइम की जटिल समस्याओं को हल करेगा एमएमएमयूटी, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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साइबर क्राइम की जटिल समस्याओं को हल करेगा एमएमएमयूटी

Gorakhpur News - गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कम्प्यूटर साइंस विभाग में एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक्स लैब स्थापित की जाएगी। इस पर 4.18 करोड़ रुपये का खर्च आएगा और यह लैब डिजिटल साक्ष्य के...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSun, 1 June 2025 10:15 AM
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साइबर क्राइम की जटिल समस्याओं को हल करेगा एमएमएमयूटी

गोरखपुर, निज संवाददाता। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कम्प्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग में एडवांस्ड साइबर फॉरेंसिक्स लैब स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसकी स्थापना में 4.18 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। नौ जून को होने वाली वित्त समिति की बैठक से अनुमोदन मिलने के बाद लैब स्थापना की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसे छह महीने में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। स्थापित हो जाने पर इस अंचल में अपने तरह की एकमात्र प्रयोगशाला होगी। सूचना प्रौद्योगिकी के विस्तार के साथ ही बीते वर्षों में साइबर अपराधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। साइबर अपराध के कई मामलों में अपराधियों को सजा दिला पाना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि डिजिटल साक्ष्य नाजुक और आसानी से नष्ट होने योग्य होते हैं।

अपराधी डेटा मिटा देते हैं या एन्क्रिप्शन का उपयोग करते हैं, जिससे फोरेंसिक विश्लेषण मुश्किल हो जाता है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस लैब को साइबर फोरेंसिक और डिजिटल वेलनेस में अत्याधुनिक अनुसंधान, नवाचार, शिक्षा और विशेष प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में विकसित किए जाने का निर्णय लिए गया है, जहां डिजिटल जांच एवं फॉरेंसिक साक्ष्य विश्लेषण की सुविधा उपलब्ध हो। यह प्रयोगशाला छात्रों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को साइबर खतरों को पहचानने और उनसे प्रभावी ढंग से निबटने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करेगी। साइबर सुरक्षा और डिजिटल वेलनेस लैब एक बहु-विषयक केंद्र होगा, जो साइबर अपराधों से निबटने और डिजिटल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में योगदान देगा। यह लैब उन्नत फॉरेंसिक उपकरणों व तकनीकों का उपयोग कर डिजिटल साक्ष्य संग्रह और विश्लेषण के माध्यम से हैकिंग, फिशिंग, और डेटा चोरी जैसे साइबर अपराधों की जांच में सहायता करेगा। यह मैलवेयर, रैंसमवेयर और अन्य डिजिटल खतरों के खिलाफ नए समाधानों पर शोध करेगा। नेटवर्क सुरक्षा समेत उन्नत सॉफ्टवेयर होंगे लैब में प्रयोगशाला में नेटवर्क सुरक्षा की जांच के लिए नेटवर्क फॉरेंसिक एनालाइजर, डिस्क डुप्लीकेटर, सिक्योर लॉकर जैसे उपकरण होंगे जबकि मैलवेयर की जांच, डिजिटल साक्ष्यों की मॉनिटरिंग, सीसीटीवी/ डीवीआर डेटा एकत्रित करने, सोशल मीडिया की जांच, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित विश्लेषण, एआई से बनाई गई तस्वीर, ऑडियो या वीडियो की जांच के लिए विभिन्न उन्नत सॉफ्टवेयर मौजूद होंगे। यूएन के 17 सतत विकास लक्ष्यों में से पांच को पूरा करेगी लैब लैब की एक विशेषता यह भी होगी कि यह संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों में से पांच लक्ष्यों क्रमशः गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अच्छा रोज़गार और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा), शांति, न्याय और मजबूत संस्थान एवं लक्ष्यों के लिए साझेदारी को पूरा करने की दिशा में सहायक होगा। एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. जेपी सैनी ने कहा कि लैब की स्थापना के लिए कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉ बिरेंद्र कुमार शर्मा और डॉ विमल कुमार ने विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। इसे वित्त समिति की बैठक में अनुमोदन के लिए रखा जाएगा। वित्त समिति से अनुमोदन के बाद प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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