एम्स में शुरू होगी जेनेटिक स्क्रीनिंग
Gorakhpur News - डीएनए जांच से करेंगे अनुवांशिक बीमारियों की पहचान पूर्वांचल में पहला संस्थान होगा, जहां मिलेगी

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। एम्स अब पूर्वांचल सहित बिहार और नेपाल के मरीजों की अनुवांशिक बीमारियों का पता लगाएगा। इसके लिए मरीजों की जेनेटिक स्क्रीनिंग की जाएगी। इससे समय रहते गंभीर बीमारियों का पता लग सकेगा साथ ही इलाज की व्यवस्था भी एम्स में हो सकेगी। एम्स की कार्यकारी निदेशक सेवानिवृत्त मेजर जनरल डॉ. विभा दत्ता की पहल पर इसकी तैयारी एम्स ने शुरू कर दी है। जेनेटिक स्क्रीनिंग के लिए मरीजों का लार या रक्त का नमूना लिया जाता है। इसके जरिए गर्भावस्था के दौरान ही भ्रूण में होने वाली अनुवांशिक विकारों का पता लगाया जा सकेगा। इसके लिए गर्भवतियों की प्रीनेटल स्क्रीनिंग की जाएगी।
कैरियर स्क्रीनिंग के जरिए माता-पिता में किसी एक को अनुवांशिक बीमारी है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। इसका भी पता समय से पहले चल जाएगा। वहीं, प्रीइंप्लांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग के जरिए भ्रूण में गुणसूत्र संबंधी जांच की जाएगी। इससे गर्भ में पल रहे शिशु की शारीरिक और मानसिक जांच हो सकेगी। निजी पैथालॉजी में महंगी है जेनेटिक स्क्रीनिंग निजी पैथालॉजी में जेनेटिक स्क्रीनिंग कराने के लिए करीब पांच हजार से 30 से 35 हजार तक खर्च करने पड़ते हैं। यह जांच पूर्वांचल में कुछ ही निजी पैथालॉजी में है। एम्स में यह सेवा शुरू होने से बेहद कम रुपये में स्क्रीनिंग की जाएगी। जेनेटिक स्क्रीनिंग की शुरुआत एम्स करने जा रहा है। इस स्क्रीनिंग से अनुवांशिक बीमारियों का पता समय पहले लगाया जा सकेगा। इससे मरीजों की आने वाली पीढ़ियों को अनुवांशिक बीमारियों से बचाया जा सकेगा। डॉ. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स
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