आयुर्वेद के अनुसार रोज ऐसे पीएं पानी, 60 की उम्र में भी रहेगा 35 वाला शरीर
आयुर्वेद के अनुसार यदि पानी भी किसी औषधि से कम नहीं है। अगर पानी को सही ढंग से पीया जाए, तो शरीर की आधी बीमारियां तो ऐसे ही दूर की जा सकती हैं और लम्बी उम्र तक हेल्दी रहा जा सकता है।

पानी पीना हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है, यह शायद बताने की भी जरूरत नहीं। लेकिन सिर्फ पानी पीना ही काफी नहीं है बल्कि सही मात्रा में और सही तरीके से पानी पीना भी उतना ही जरूरी है। आजकल ज्यादातर लोग ये तो जानते हैं कि उन्हें दिन में कितना पानी पीना है लेकिन पानी पीने का सही तरीका अब भी कई लोगों को नहीं पता। जबकि आयुर्वेद की मानें तो यदि सही ढंग से पानी पी लिए जाए, तो कई बीमारियां तो वैसे ही शरीर से दूर रहती हैं। अब जब पानी हमारे जीवन का इतना जरूरी हिस्सा है, तो क्यों ना उसे पीने का सही ढंग भी जान लिया जाए। तो चलिए आज आयुर्वेद में बताए गए पानी पीने के कुछ नियम जान लेते हैं।
हमेशा बैठकर ही पानी पीएं
घर के बड़े-बुजुर्गों से अक्सर आपने सुना होगा कि पानी हमेशा बैठकर पीना चाहिए, वरना जोड़ों में दर्द हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार भी पानी कभी खड़े हो कर नहीं पीना चाहिए। दरअसल जब आप खड़े हो कर पानी पीते हैं, तो बॉडी उसे ठीक से एब्जॉर्ब नहीं कर पाती है। इससे किडनी पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है, जिससे जोड़ों में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसलिए हमेशा आराम से बैठकर ही पानी पीने की सलाह दी जाती है।
घूंट-घूंट भर के पीएं पानी
जल्दीबाजी में अक्सर लोग ढेर सारा पानी एक बार में ही गटक जाते हैं। जबकि आयुर्वेद के अनुसार यह बिल्कुल भी अच्छी आदत नहीं। आयुर्वेद में तो पानी को भी खाते हुए पीने की सलाह दी जाती है। यानी पानी को घूंट-घूंट भरते हुए इस तरह पीएं जैसे आप उसे चबा रहे हों। जितना वक्त ले कर पानी पीया जाता है, उतना ही ये फायदेमंद होता है। इससे पानी और मुंह की लार अच्छी तरह आपस में मिक्स हो जाते हैं, तो पेट के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं।
खाने के तुरंत पहले और तुरंत बाद ना पीएं पानी
ये बात भी आप घर के बड़ों से सुनते आए होंगे कि खाना खाने के तुरंत बाद या तुरंत पहले पानी नहीं पीना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार ऐसा करने से पेट की अग्नि कमजोर पड़ जाती है। यही अग्नि होती है जो खाने को तोड़कर उसे पचाने का काम करती है। अग्नि के कमजोर पड़ जाने से पाचन संबंधी परेशानियां हो सकती हैं जैसे ब्लोटिंग, गैस, एसिडिटी और पेट दर्द आदि। इसलिए हमेशा खाने से आधा घंटा पहले और खाने के एक घंटा बाद ही पानी पीना चाहिए।
ज्यादा ठंडा पानी ना पीएं
आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा ठंडा पानी पीने से भी परहेज करना चाहिए। ज्यादा ठंडा पानी पीने से कब्ज और पाचन संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गर्मियों में फ्रिज का ठंडा पानी आपको राहत भले ही दे लेकिन सेहत के लिए ये ठीक नहीं। इसलिए आयुर्वेद की मानें तो हमेशा रूम टेंपरेचर पर रखा पानी पीना चाहिए। ज्यादा गर्मी है तो आप मटके का हल्का ठंडा पानी पी सकते हैं या फिर फ्रिज के ठंडे पानी में थोड़ा सा नॉर्मल पानी मिलाकर पीया जा सकता है।
सही जगह स्टोर करेंगे पानी तो मिलेगा दोगुना फायदा
आयुर्वेद के अनुसार पीने के पानी को यदि तांबे या चांदी के बर्तन में स्टोर किया जाए, तो ये बॉडी के लिए और ज्यादा फायदेमंद हो जाता है। चांदी और तांबे के बर्तनों में स्टोर किया गया पानी, शरीर के वात, कफ और पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करता है। ये पानी पीने से पाचन दुरुस्त रहता है और इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। ऐसे में अगर आप पानी के दोगुने फायदे चाहते हैं, तो पीने के पानी को चांदी या तांबे के बर्तन में स्टोर कर सकते हैं।
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