सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन में क्या है अंतर? जानिए किस आटे से बनी रोटी है ज्यादा हेल्दी What is the difference between single grain and multi grain flour Know which one is more healthy, हेल्थ टिप्स - Hindustan
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सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन में क्या है अंतर? जानिए किस आटे से बनी रोटी है ज्यादा हेल्दी

रोटी भारतीय खाने का प्रमुख हिस्सा है। रोजाना के खाने में सब्जी-दाल के साथ इसे सर्व किया जाता है। रोटी बनाने के लिए ज्यादातर लोग मल्टी ग्रेन आटे को बेस्ट मानते हैं, क्या आप भी ऐसा मानते हैं? तो जानिए सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन में क्या अंतर है और किस आटे से बनी रोटी ज्यादा हेल्दी है।

Avantika Jain लाइव हिन्दुस्तानTue, 20 May 2025 11:23 AM
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सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन में क्या है अंतर? जानिए किस आटे से बनी रोटी है ज्यादा हेल्दी

रोटी, हर घर में रोजाना बनाई जाती है। ये भारतीय खाने का एक प्रमुख हिस्सा है। इसके बिना कई लोगों का खाना अधूरा रह जाता है। फिर चाहें खाने में चावल क्यों न हों, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को रोटी चाहिए ही होते हैं। ज्यादातर लोगों के घरों में गेहूं के आटे से बनी रोटी खाई जाती है। हालांकि, रोटी के लिए कौन सा आटा सबसे अच्छा है इसे लेकर लोग कंफ्यूज रहते हैं। ज्यादातर लोग मल्टी ग्रेन आटे को बेस्ट मानते हैं। लेकिन क्या वाकई ये फायदेमंद है? इस आर्टिकल में जानिए सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन आटे में क्या अंतर है और कौन से आटे की रोटी खानी चाहिए।

सिंगल ग्रेन और मल्टी ग्रेन आटे में अंतर

जैसा कि नाम से पता चलता है सिंगल-ग्रेन आटा एक ही तरह के अनाज से बनाया जाता है। इसके लिए ज्यादातर लोग गेहूं के आटे का ही इस्तेमाल करते हैं। वहीं मल्टीग्रेन आटा अलग-अलग अनाजों और बीजों का मिक्स है। इसे बनाने के लिए गेहूं, बाजरा, जौ और जई जौसी चीजों को मिलाकर बनाया जाता है। इस तरह के आटे में हर एक अनाज अपने पोषक तत्वों को जोड़ता है इसलिए इस आटे की पोषण वैल्यू ज्यदा होती है।

किस आटे से बनी रोटी है ज्यादा हेल्दी

मल्टीग्रेन आटा और सिंगल ग्रेन आटे को चुनते समय डायट संबंधी जरूरतों और बजट पर विचार करना जरूरी है। दोनों आटे के कई हेल्थ बेनिफिट्स होते हैं। उनमें आहार फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैटी एसिड, विटामिन और खनिज जैसे अलग-अलग पोषक तत्व होते हैं, जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ा सकते हैं और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं । मल्टीग्रेन रोटी में पारंपरिक गेहूं की रोटी की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। ऐसे में यह रक्त शर्करा के स्तर को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद करता है। हालांकि, सिंगल ग्रेन रोटियां जैसे ज्वार, बाजरा या रागी अक्सर पचाने में आसान होते हैं और ये बेहतर आंत स्वास्थ्य और पोषक तत्व अवशोषण में मदद करते हैं।

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डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी सवाल के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।

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