DDU Gorakhpur University to Celebrate Diamond Jubilee on April 30 with CM Yogi Adityanath as Chief Guest गोरखपुर विश्वविद्यालय : हीरक जयंती का मुख्य समारोह 30 को, सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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गोरखपुर विश्वविद्यालय : हीरक जयंती का मुख्य समारोह 30 को, सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि

Gorakhpur News - गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय का हीरक जयंती समारोह 30 अप्रैल को होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि रहेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय अपने सात विशिष्ट पुरातन छात्रों को सम्मानित...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरFri, 25 April 2025 05:24 AM
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गोरखपुर विश्वविद्यालय : हीरक जयंती का मुख्य समारोह 30 को, सीएम योगी होंगे मुख्य अतिथि

गोरखपुर, निज संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती वर्षगांठ का मुख्य समारोह 30 अप्रैल को शाम 4 बजे से दीक्षा भवन में होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि होंगे। गुरुवार देर शाम मुख्यमंत्री कार्यालय से समय तय हो जाने के बाद डीडीयू प्रशासन ने आयोजन को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। एक मई को डीडीयू की आधारशिला रखने के 75 वर्ष पूरे हो जाएंगे। इसे डीडीयू अपनी स्थापना की हीरक जयंती के रूप में मना रहा है। हीरक जयंती वर्षगांठ के मुख्य समारोह की तिथि में परिवर्तन किया गया है। अब यह आयोजन पूर्व संध्या पर 30 अप्रैल को ही होगा। मुख्य समारोह में डीडीयू प्रशासन ने अपने सात विशिष्ट पुरातन छात्रों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि यह विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक विचार और मूल्य प्रणाली का केंद्र है। हमारे पूर्व छात्रों की उपलब्धियां हमारी संस्थागत उपलब्धियां हैं। उनका सम्मान करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य और गौरव है। यूपीएससी-2024 में उत्तीर्ण दो पुरातन छात्रों को भी स्थापना दिवस समारोह में सम्मानित किया जाएगा। इसमें इकबाल अहमद रैंक 998 और अन्नू गुप्ता रैंक 779 शामिल हैं।

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ये हैं सम्मानित होने वाले विशिष्ट पुरातन छात्र

- प्रो. रामदेव शुक्ल : प्रो. रामदेव ने वर्ष 1959 में हिन्दी में परास्नातक प्रथम श्रेणी में स्वर्ण पदक के साथ पूर्ण किया और 1965 में पीएचडी उपाधि प्राप्त की। प्रतिष्ठित शिक्षाविद् व साहित्यकार के रूप में उन्होंने साहित्य, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।

- नरेन्द्र नाथ दूबे : अंग्रेजी विभाग के पूर्व छात्र (1979-1983), बीएसएफ व एनआईए में 36 वर्षों तक सुरक्षा सेवा में रहे। उन्हें कीर्ति चक्र (2004), राष्ट्रपति पुलिस मेडल, विशिष्ट सेवा पदक सहित कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिले।

- डॉ प्रवीण कुमार मिश्र : उन्होंने बीए (1989), एमए (1991) और पीएचडी (2002) प्राचीन इतिहास में, पुरातत्व में पीजी डिप्लोमा (1992-94) किया। वर्ष 1997 से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण में कार्यरत हैं। वर्तमान में संयुक्त महानिदेशक हैं।

- कृष्ण कुमार मिश्र : 1987 में बीए और 1989 में एमए भूगोल में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण किया। 1993 में सिविल सेवा उत्तीर्ण कर 1994 बैच में भारतीय राजस्व सेवा में शामिल हुए। मुंबई, गोवा, पुणे व दिल्ली में सेवाएं दीं। वर्तमान में प्रधान आयकर आयुक्त, मुंबई पद पर कार्यरत हैं।

- वंदना त्रिपाठी : 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। बीए (1995), एमए अर्थशास्त्र (1997), नेट (1998) और पीएचडी में नामांकन (1998)। 1999 में यूपीएचईसी से सहायक प्रोफेसर चयनित हुईं। पीसीएस 2000 में प्रथम स्थान। वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी, नोएडा के पद पर कार्यरत हैं।

- शोभित मोहन दास : 1990-93 में वाणिज्य स्नातक रहे और गोल्ड मेडल प्राप्त किया। विश्वविद्यालय कोर्ट के सदस्य रहे। स्व. बैरिस्टर अयोध्या दास के परिवार से हैं। वर्ष 1998 से रियल एस्टेट में सक्रिय, क्रेडाई यूपी के अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

- प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी : 2001 में भौतिकी में परास्नातक (स्वर्ण पदक) हैं। वे एक प्रतिष्ठित सौर खगोल भौतिकी वैज्ञानिक हैं। वे इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स पुणे में वरिष्ठ प्रोफेसर और आदित्य-एल-1 मिशन के सूट उपकरण के प्रमुख अन्वेषक हैं।

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