तर्क और प्रमाण आधारित होते हैं आयुर्वेद के सिद्धांत
Gorakhpur News - महायोगी गोरखनाथ विवि - एमजीयूजी के आयुर्वेद कॉलेज में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन गोरखपुर। वरिष्ठ

गोरखपुर। वरिष्ठ संवाददाता महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) में शुक्रवार को व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसका विषय सफलता के लिए श्लोक : प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक मार्गदर्शिका रहा। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित जयेन्द्र सरस्वती आयुर्वेद महाविद्यालय (चेन्नई) में संहिता एवं सिद्धांत विभाग के आचार्य प्रो. जीआरआर चक्रवर्ती ने कहा कि आयुर्वेद के सिद्धांत केवल अनुभव पर आधारित नहीं हैं। बल्कि वे तर्क, दर्शन और प्रमाण पर आधारित हैं और इन्हें आधुनिक वैज्ञानिक कसौटियों पर भी सिद्ध किया जा सकता है। प्रो. चक्रवर्ती ने अपने व्याख्यान में आयुर्वेद के गहन तात्त्विक ज्ञान को समझने एवं चिकित्सा में उपयोगी संस्कृत श्लोंको की महत्वता विषय पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में वर्णित संस्कृत श्लोकों को कैसे सरल एवं सहज रूप से समझा जा सकता है। ताकि विद्यार्थी श्लोकों को याद रख सके। मरीज की चिकित्सा को सफल रूप में उपयोग कर सकें। उन्होंने चरक संहिता में वर्णित शरीर स्थान का आयुर्वेद चिकित्सा में उपयोगिता को बताया, कहा कि आयुर्वेदिक उपचार की बुनियाद है। उन्होंने छात्रों को यह भी प्रेरणा दी कि वे केवल आयुर्वेद शास्त्रों में वर्णित श्लोकों को न केवल पठन करें, बल्कि उनके भावार्थ को समझते हुए, उन्हें आधुनिक संदर्भों में जोड़कर गहराई से समझें। संस्कृत के मूल श्लोकों को समझ कर ही आयुर्वेद के सिद्धांतों की भी बहुआयामी व्याख्या की जा सकती है। विषय प्रवर्तन डॉ. विनम्र शर्मा और मुख्य वक्ता के प्रति आभार ज्ञापन आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने किया। इस अवसर पर प्रो. गोपीकृष्ण, प्रो. श्रीधर, डॉ. सार्वभौम एवं बीएएमएस तृतीय वर्ष के समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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