New STP and Pumping Station to Improve Gorakhpur s Water Management and Ramgarh Lake Health गायघाट में एसटीपी और पैडलेगंज में बनेगा पम्पिंग स्टेशन, जमीन की तलाश, Gorakhpur Hindi News - Hindustan
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गायघाट में एसटीपी और पैडलेगंज में बनेगा पम्पिंग स्टेशन, जमीन की तलाश

Gorakhpur News - गोरखपुर में रामगढ़ झील की पारिस्थितिकीय सेहत और जल निकासी व्यवस्था सुधारने के लिए नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और पम्पिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जमीन की मांग की गई है। मौजूदा 30...

Newswrap हिन्दुस्तान, गोरखपुरSat, 14 June 2025 09:24 AM
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गायघाट में एसटीपी और पैडलेगंज में बनेगा पम्पिंग स्टेशन, जमीन की तलाश

गोरखपुर, मुख्य संवाददाता। रामगढ़ झील की पारिस्थितिकीय सेहत और गोरखपुर की जल निकासी व्यवस्था को सुधारने के लिए नया एसटीपी और पम्पिंग स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) निर्माण खण्ड प्रथम ने इसके लिए नगर निगम और उप जिलाधिकारी सदर से जमीन की मांग की है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब 30 एमएलडी की मौजूदा एसटीपी की डिजाइन क्षमता 2020 के गुजरे हुए पांच साल हो गए हैं। फिलहाल पैडलेगंज चौराहे के पास नया पम्पिंग स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है जिसके तहत पैडलेगंज-साहबगंज नाले के समीप 30 गुणा 30 मीटर क्षेत्र में यह पम्पिंग स्टेशन स्थापित होगा।

इसका उद्देश्य क्षेत्र के बहाव को नियंत्रित कर उसे ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाना होगा। इसके अलावा गायघाट बुद्ध विहार पार्ट-सी के पास गिरने वाले नाले के पास (डाउन स्ट्रीम पर) नया सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए जमीन मांगी गई है। लगभग 2 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाला यह प्लांट भविष्य के विस्तार को ध्यान में रख कर डिज़ाइन होगा। यह प्लांट गोरखपुर देवरिया बाइपास पर स्थित पाम पैराडाइज के समीप बनाया जाएगा। रामगढ़झील में गिरने वाले नालों और सीवेज के पानी को ट्रीट करने के लिए साल 2010 में राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना (एनएलसीपी) के तहत रामगढ़झील के प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण के लिए 30 एमएलडी क्षमता का शहीद अशफाक उल्ला खॉ प्राणि उद्यान के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण हुआ। यही नहीं, पैडलेगंज में पम्पिंग स्टेशन भी बना। 2010 में बने इस एसटीपी को 2020 की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया था। अब जबकि 2025 में, महानगर का आकार और आबादी कई गुना बढ़ चुकी है, तो पुराने एसटीपी पर दबाव पड़ने लगा है। इसके साथ ही रामगढ़झील में बिना ट्रीट हुए जल का प्रवाह बढ़ने लगा है। डिजाइन क्षमता तय करने को सर्वेक्षण उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) निर्माण खण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता सुदेश कुमार के मुताबिक नए पम्पिंग स्टेशन और एसटीपी 15 से 20 साल की आश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन किया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की जा रही है। हिन्दुस्तान खास -डिजाइन सीमा पार कर चुका मौजूदा एसटीपी, नगर निगम और एसडीएम सदर से मांगी जमीन -उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) निर्माण खण्ड प्रथम ने रखी डिमांड, क्षमता के लिए सर्वेक्षण जारी ‘नए एसटीपी और पम्पिंग स्टेशन के लिए नगर निगम और उपजिलाधिकारी (सदर) को भूमि उपलब्ध कराने के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा जा चुका है। नगर आयुक्त स्तर पर प्रस्ताव को प्राथमिकता भी दी जा रही है। जमीन मिलने के बाद डीपीआर बनाई जाएगी। रतन सेन सिंह, अधीक्षण अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय)

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