बीमारी पटौदी कानुपर पहुंचा, वहीं होगा इलाज
Gorakhpur News - - करीब एक माह से पटौदी की सेहत है खराब - वन मंत्री के

गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता गोरखपुर चिड़ियाघर में एक माह से बीमार चल रहे बब्बर शेर पटौदी को शनिवार की रात कानपुर चिड़ियाघर भेज दिया गया। अब वहीं पर उसका इलाज होगा। हालांकि, उसे भेजने के बाद अब तक यह तय नहीं हुआ है कि कानपुर चिड़ियाघर से कोई जानवर आएगा या नहीं। यह फैसला प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना के निर्देश के बाद लिया गया है। मंत्री नौ मई को चिड़ियाघर में एक सप्ताह के अंदर तीन जानवरों की मौत के बाद अचानक निरीक्षण करने पहुंचे थे। चिड़ियाघर के मुताबिक, बब्बर शेर की औसत उम्र 15 से 16 वर्ष होती है।
पटौदी करीब 15 वर्ष का हो गया है। ऐसे में उम्र के साथ उसकी खुराक कम हो गई है। इस बीच जांच में पैक्रियांस में संक्रमण भी मिला है। करीब एक माह से उसका इलाज चल रहा है, लेकिन कोई राहत नहीं मिल रही है। इंडियन वेटनेरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईवीआरआई) बरेली की टीम ने भी इसका इलाज शुरू किया है। इन सबके बीच शुक्रवार को मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना चिड़ियाघर के निरीक्षण के दौरान पटौदी को भी देखा। इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर भेजने का निर्देश दिया। शनिवार की रात में उसे कानपुर भेज दिया गया है। कमजोरी की वजह से दिया रहा बिना हड्डी वाला मीट पटौदी की स्थिति ज्यादा खराब हो गई है। यही वजह है कि उसे अब बिना हड्डी वाला मीट ही दिया जा रहा है, लेकिन पटौदी उसे भी खाना कम कर दिया है। जबकि, आमतौर पर बब्बर शेर को गर्मी में 10 से 12 किलो मीट दिया जाता है, लेकिन पटौदी अभी केवल चार से पांच किलो ही मीट किसी तरह खा पा रहा है। बब्बर शेर पटौदी के बेहतर इलाज के लिए उसे कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया है। आईवीआरआई की टीम ने इलाज के बाद कानपुर चिड़ियाघर भेजने का सुझाव दिया है। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। - विकास यादव, निदेशक, चिड़ियाघर
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