बीएसए कार्यालय के दो कर्मचारी 70 हजार की रिश्वत लेते दबोचे
Hapur News - स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण कराने के नाम पर मांगी जा रही थी रिश्वतरही थी रिश्वत शिक्षा विभाग के अफसरों में मची अफरा तफरी एंटी करप्शन की टीम ने की कार

हापुड़ संवाददाता। मेरठ सेक्टर की एंटी करप्शन की टीम ने बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाहर चाय की दुकान से मंगलवार की सुबह स्कूल की मान्यता के नवीनीकरण के लिए 70 हजार रुपये की रिश्वत लेते बेसिक शिक्षा विभाग के दो बाबुओं को गिरफ्तार किया किया है। पिलखुवा क्षेत्र के एक स्कूल के प्रधानाचार्य ने एंटी करप्शन टीम से बाबुओं द्वारा रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी। जिस पर टीम ने जाल बिछाकर आरोपियों को दबोच लिया। इस कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग कार्यालय में तैनात कर्मचारी समेत अनेक सरकारी कर्मचारियों में अफरा तफरी मच गई। ।आरोपी बाबूओं के खिलाफ थाना हापुड़ देहात में एंटी करप्शन के निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने मुकदमा दर्ज कराया गया है।
एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने बताया कि कोतवाली पिलखुवा क्षेत्र के शिवालिक ग्रीन निवासी सुकुमार पहाड़ी ने तीन दिन पहले एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि पिलखुवा में भविष्य पब्लिक स्कूल के नाम से स्कूल है। प्रधानाचार्य ने टीम को बताया कि 19 अप्रैल को उनके स्कूल का बीएसए ने निरीक्षण किया था। उनके साथ बाबू दीपेंद्र शर्मा भी मौजूद थे। तीन दिन बाद बाबू दीपेंद्र का फोन आया जिसने बताया कि कि उनके स्कूल की मान्यता का नवीनीकरण नहीं कराया गया। कार्यालय में आकर मिले, अन्यथा कार्रवाई हो जाएगी। इस पर प्रधानाचार्य बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे और बाबू दीपेंद्र शर्मा से मिले। आरोप है कि प्रधानाचार्य को बाबू ने जमकर हड़काया और संविदा कर्मचारी निखिल शर्मा से बात करने के लिए कहा। निखिल ने बताया कि मान्यता नवीनीकरण कराने के लिए 75 हजार रुपये लगेंगे। प्रधानाचार्य ने कहा कि उनके स्कूल के सभी अभिलेख पूरे हैं और जब स्कूल की कोई शिकायत नहीं होती तो स्वत: ही नवीनीकरण हो जाता है। प्रधानाचार्य ने स्कूल मैनेजर से बात कर जवाब देने के लिए कहा और वापस लौट आए।
25 अप्रैल को प्रधानाचार्य फिर से बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर पहुंचे तो बाबू उन पर गुस्सा हो गए और बोले कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई कराकर ही मानोगे। प्रधानाचार्य ने अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि 70 हजार दे दो, दस हजार अभी दे दो और 60 हजार बाद में दे देना। इस पर प्रधानाचार्य न कहा कि वह स्कूल के मैनेजर से बात कर एक साथ ही पूरा 70 हजार रुपये का भुगतान कर देंगे और वापस लौट आए।
प्रधानाचार्य की शिकायत पर मंगलवार की सुबह निरीक्षक दुर्गेश कुमार, मयंक अरोड़ा, योगेंद्र धामा, कृष्ण अवतार सिंह, उप निरीक्षक केपी यादव, राहुल देव तोमर, जसवीर सिंह, अमृत पाल सिंह समेत बीस सदस्यों की टीम पहुंची। टीम ने जाल बिछाया। इसी बीच दोनों बाबू बीएसए कार्यालय के बाहर चाय की दुकान पर पहुंचे और वार्ता करने के बाद एक गाड़ी में बैठ गए। जहां टीम ने पैसे लेते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
एंटी करप्शन की इस कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालय में मौजूद अन्य कर्मचारियों में अफरा तफरी मच गई। जब तक कर्मचारी बाहर आते तब तक टीम आरोपियों को थाना हापुड़ देहात ले गई। जहां पूछताछ के बाद निरीक्षक दुर्गेश कुमार ने आरोपियों के किलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
स्कूल मैनेजर बनकर पहुंचे निरीक्षक
स्कूल के प्रधानाचार्य के साथ निरीक्षक मंयक अरोड़ा स्कूल के मैनेजर बनकर पहुंचे। प्रधानाचार्य ने बताया कि यह स्कूल के मैनेजर हैं तो वह तुरंत बोले चाय की दुकान पर कोई देख लेगा पास खड़ी गाड़ी में बैठते हैं। गाड़ी में बैठते ही जैसे ही आरोपी बाबुओं ने रिश्वत ली तो टीम ने उन्हें दबोच लिया।
कई कर्मचारी पहुंचे थाने
बेसिक शिक्षा विभाग के दो बाबूओं की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी की सूचना जनपद में आग की तरह फैल गई। सरकारी कार्यालयों में इसकी चर्चा होने लगी। आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर विभाग के कई कर्मचारी और शिक्षक भी थाना हापुड़ देहात और सीएसची में पहुंची। सीएचसी में दोनों आरोपियों का मेडिकल कराया गया।
बोले जिम्मेदार
टीम ने बेसिक शिक्षा विभाग के दो बाबूगढ़ को प्रधानाचार्य की शिकायत पर दबोच लिया है। दोनों बाबूओं के खिलाफ थाना हापुड़ देहात में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले की जांच की जा रही है। दुर्गेश कुमार, निरीक्षक, एंटी करप्शन
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