बोले हरदोई: मोहल्ले में नहीं कूड़ेदान, सफाई का करो निदान
Hardoi News - हरदोई के मोहल्ला टिलिया के निवासियों का जीवन मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण नारकीय हो गया है। नाली, खड़ंजा और बिजली की समस्या से परेशान लोग जिम्मेदारों से समाधान की मांग कर रहे हैं। सफाई के अभाव में...

हरदोई। नगर पालिका की सीमा से सटी बावन चुंगी के निकट बसे मोहल्ला टिलिया में नाली, खड़ंजा बिजली की समस्या के बीच रहने वाले लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। कुछ गलियों में इंटरलॉकिंग है पर ऊबड़खाबड़ हो चुकी है। करीब 3150 की आबादी वाले मोहल्ला टिलिया के बाशिदों ने आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान अपनी पीड़ा साझा की और समस्याओं के निस्तारण के लिए उपाय भी बताए। सभी ने जिम्मेदारों पर सवाल उठाए। कहा कि कम से कम मूलभूत सुविधाएं तो दिला दी जाएं। दफ्तरों से निकलकर कभी हाकिम मोहल्लों का भी भ्रमण कर लिया करें।
ताकि इन दिक्कतों से छुटकारा हम लोगों को मिल सके। जिला मुख्यालय से करीब 1.5 किमी और नगर पालिका की सीमा पर बसा मोहल्ला टिलिया में 800 से ज्यादा मकान बन चुके हैं पर आज भी लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। मोहल्ले में प्रवेश करते ही आधा बना खुला नाला लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान इरफान अली ने कहा कि नाले के आसपास नगर पालिका क्षेत्र से सफाई होकर आने वाला कचरा डालकर सफाई कर्मचारी चले जाते हैं। कचरे का ढेर दुर्गंध पैदा कर रहा है। मोहल्ले में कोई कूड़ेदान नहीं है। जिम्मेदारों को सफाई के लिए निदान करें। लक्के नाले के निर्माण को लेकर कई बार मांग उठी पर प्रशासन ने अभी तक सुध नहीं ली है। परवीन ने कहा कि मोहल्ले के मुख्य मार्ग पर हुई इंटरलॉकिंग अब सिर्फ नाम मात्र की बची है। सालों से मरम्मत न होने से उखड़ी ईंटें कई जगह गड्ढे का आकार ले चुकी हैं। हमेशा लोग हादसे का शिकार होते हैं। मजार की ओर जाने वाला दूसरा मार्ग कुछ समय पहले बनना शुरू हुआ पर जिम्मेदारों ने लगभग 150 मीटर हिस्सा नहीं बनाया है। 35 साल पहले बसी थी बस्ती: 55 वर्षीय जाबिर अली ने कहा कि करीब यहां 35 साल पहले से बस्ती बसनी शुरू हुई थी। तब उम्मीद थी कि शहर के पास बेहततर सुविधाएं मिलेंगी पर ऐसा नहीं हुआ। मुख्य मार्ग पर आधे में इंटरलॉकिंग कर दी गई है, जबकि आधा हिस्सा जिम्मेदारों ने छोड़ दिया। इससे जर्जर खडंजा पर जलभराव हो जाता है। इससे मरीजों को लाने वाली एम्बुलेंस व कार घरों तक नही पहुंच पाती है। पानी के लिए अमृत योजना के लाभ से भी यहां के लोग वंचित हैं। समसुद्दीन ने बताया कि बिजली विभाग की ओर से पोल तो सालों पहले लगाए गए थे, लेकिन अभी तक उन पर तार नहीं डाले गए हैं। इससे बांस-बल्ली के सहारों की घरों तक बिजली की सप्लाई की जा रही है। कई जगहों पर तार जर्जर होने से बरसात के दौरान करंट उतरने का डर बना रहता है। जल निकासी को बंदोबस्त नहीं कराया: बरसात के दौरान जल निकासी का जिम्मेदारों ने बड़ा नाला बनवाकर बंदोबस्त नहीं कराया है। इससे गंदगी घरों तक पहुंचती है। दुर्गंध से रहना भी मुश्किल हो जाता है। आसिफ ने बताया कि सफाई कर्मियों के नहीं आने से खुद ही अपने घर के आगे की नाली की सफाई करते हैं। कई बार प्रधान से लेकर उच्चाधिकारियों को समस्या के प्रति बताया गया पर किसी ने कोई सुध नहीं ली है। इससे यहां रहना अब नरक से कम नहीं है। मोहल्ले में बनवाया जाए पक्का नाला : वजीद ने बताया कि पक्का नाला बनाकर मोहल्ले की सभी नालियां को उससे जोड़ने की मांग आज भी अधूरी है। नालियां ऊपर तक उफना रही हैं। पक्का नाला बने तभी बारिश के दौरान और घरों का पानी नाले के रास्ते निकल पाएगा। नगर पालिका के सफाई कर्मचारी कच्चे नाले के किनारे कूड़ा-कचरा डालते हैं, जिससे पानी का बहाव रुकने से दुर्गंध आती है। इस पर रोक लगे तो राहत मिले। वहीं, समशुद्दीन ने बताया कि तीन साल पहले बिजली के पोल तो बिजली विभाग ने लगा दिए पर तार डालना ही भूल गया। इससे लोगों ने कनेक्शन भी लिए हैं तो उन्होंने बांस-बल्ली का खुद इंतजाम करके घरों तक जली पहुंचाई है, जबकि बिजली बिल पूरा भरते हैं। अब जर्जर हो रहे बिजली केबल से बारिश में कभी भी बड़ा हादसा होने की डर बना रहता है। शिकायतें 1. कूड़ा जमा करने के लिए कूड़ेदान मोहल्ले में नहीं हैं। खाली प्लॉटों में लोग कूड़ा फेंकने को मजबूर हैं। 2. बांस-बल्लियों के सहारे पहुंचाई जा रही बिजली के केबल से हादसे की आशंका है। 3. जगह-जगह जलभराव के कारण मच्छरों के बढ़ने से बीमारियां भी बढ़ रही हैं। 4. खस्ताहाल मार्ग व जर्जर गलियां होने से आए दिन होते हादसे पर जिम्मेदार बेखबर हैं। 5. सफाई कर्मचारियों के न आने से गंदगी से बजबजाती नालियां सांस लेने में तकलीफ पैदा कर रही हैं। समाधान 1. गलियों में डस्टबिन रखवाए जाएं। ताकि लोग खाली प्लाट या सड़क किनारे कूड़ा न फेंकें। 2. बिजली के जो पोल खाली खड़े हैं उन पर फौरन तार डलवाए जाएं और कनेक्शन जोड़े जाएं। 3. नियमित नालियों में दवा का छिड़काव करके फागिंग कराई जाए। 4. मुख्य मार्ग से लेकर सभी गलियाें को सीसी बनवाया जाए। 5. सफाई कर्मचारियों से नियमित सफाई कराई जाए। कम से कम हर हफ्ते खाली प्लॉटों में जमा कूड़ा उठे। बोले बाशिंदे घर के पास लगाए गए बिजली के पोल पर तार नहीं हैं। रास्ते में फैला केबल का जाल डराता रहता है। पता नहीं कब हादसा हो जाए। पोल शोपीस हैं। -इरफान अली सफाई कर्मचारियों की लापरवाही के चलते नालियों की सफाई स्वयं करनी पड़ती है। बारिश में सबसे ज्यादा दिक्कत होती है। जिम्मेदार ध्यान दें। -आसिफ घर के सामने खाली प्लॉट में पानी भरने की वजह से बदबू आती रहती है, जिससे हमेशा बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है। -समसुद्दीन सफाई नहीं होने की वजह से प्लॉटों में भरा कूड़ा उड़के सड़क के किनारे बनी नाली में इकट्ठा होता है, जिससे पानी का निकलना बंद होता है। -मोहम्मद इसरार घर के गेट के सामने गंदगी के ढेर लगे हैं, जिस वजह से दुर्गंध और मच्छरों प्रकोप सहना पड़ रहा है। बीमारियां भी पैर पसारने शुरू कर रही हैं। -मुख्तार नालियों में पानी का निकास नहीं होने की वजह से पानी घरों में भरने लगता है। साथ ही तमाम कीड़े-मकोड़े भी घर में आते हैं, जिससे खतरा रहता है। -वजीद कच्चा नाला मुसीबत बना है। सफाई कर्मचारी दूसरी जगह का कूड़ा लाकर यहां डालते हैं। इसकी कई बार शिकायत के बाद सुनवाई नहीं हुई। - कज्जन मच्छरों की रोकथाम के लिए प्रशासन को लिखित पत्र भेजा है। लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। शाम होते ही बैठना हराम कर देते हैं। -नसीम नलकूप का निर्माण तो कराया गया है। लेकिन जब से बना है, तब से ताला लगा है। किसी भी कर्मचारी की तैनाती नहीं है। शोपीस साबित हो रहा है। -इशरत अली इंटरलॉकिंग पूरे मोहल्ले में जरूरी है, जिससे बरसात में लोगों आवागमन में दिक्कत से छुटकारा मिल सके। कई जगहों पर यह टूट गई है। -मो.इमरान मोहल्ले की कच्ची गलियों में जलभराव होने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने में काफी दिक्कतें आती हैं। बारिश में सड़कों पर ज्यादा पानी भरता है। -मुन्ना बहुत ही ज्यादा कहने पर महीने में एक बार सफाई कर्मचारी आते हैं, जो कि नाली की सफाई करके सिल्ट वहीं पर छोड़ देते हैं। -मो.फारूक मंसूरी घर के सामने पड़ी अर्द्धनिर्मित सड़क बारिश में जानलेवा साबित होती है। जलभराव से सड़क के गड्ढे तक नहीं पता चलते हैं। इससे हादसे का डर रहता। -परवीन मेरे घर के सामने की गली करीब 20 सालों से आज भी कच्ची है। जिम्मेदारों से बनवाने के लिए कई बार कहा, लेकिन अब तक वैसी ही है। -जाबिर अली
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