मंदिरों में ताकत होती तो गजनबी और गौरी न आया होता, सपा सांसद के बाद विधायक इंद्रजीत सरोज के बयान पर बवाल
समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज ने सोमवार को कहा कि मंदिरों में ताकत होती तो गजनबी और गौरी न आया होता। कहा कि अकबर के समय तुलसीदास की मुसलमानों के बारे में लिखने की हिम्मत नहीं हुई।

समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए बयान को लेकर बवाल अभी थमा भी नहीं था कि सोमवार सपा के विधायक और राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने ऐसी बातें बोल दीं जिससे वार-पलवार शुरू हो गया है। इंद्रजीत सरोज ने कहा कि अगर भारत के मंदिरों में ताकत होती तो मोहम्मद गजनबी और मोहम्मद गोरी भारत नहीं आते और इसको लूटने का काम नहीं करते। इसका मतलब मंदिरों में ताकत नहीं थी, अगर ताकत है तो सत्ता के मंदिर में कि बाबा अपना मंदिर छोड़ करके आज सत्ता के मंदिर में विराजमान हैं, हेलीकॉप्टर पर चलने का काम करते हैं। इंद्रजीत सरोज सोमवार को सपा पार्टी दफ्तर में आंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उनके इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमें नकली हिंदू बनाकर हमारे वोट का सौदा करते हैं और राजपाठ लेकर हेलीकॉप्टर से चलते हैं। जब रामायण, रामचरित मानस, महाभारत और गीता की रचना की गई थी, उस समय भारत में शूद्रों को पढ़ने का अधिकार नहीं था। उस वक्त भारत के अंदर व्यवस्था थी कि अगर आप पढ़ने की कोशिश करेंगे तो आपकी आंखे फोड़ दी जाएंगी, सुनने की कोशिश करेंगे तो शीशा पिघला कर कान में डाल दिया जाएगा। अगर जीभ से उच्चातरण करेंगे तो जीभ काट ली जाएगी। सार्वजनिक रास्तों में चलने की इजाजत नहीं थी। कमर में झाड़ू, पैर में चिथड़े (पुराने कपड़े) बांधकर चलना पड़ता था। कहा कि जिन्हें यह किस्सा कहानी लग रहा हो वो अभी एक पिच्चर जारी हुई है महात्मा ज्योतिबा राव फूले उसे देख लेना।
डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के बाद सपा नेता ने कहा कि जय भीम के नारे की ताकत है कि वह पांच बार विधायक रहे और मंत्री भी बन गए। इस दौरान उन्होंने रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने शुद्रों के लिए भर-भरकर गाली लिखी हैं। हमें लिख दिया कि नीच जाति में जो शिक्षा प्राप्त कर लेता है वो ठीक वैसे हो जाता है जैसे सांप दूध पीने के बाद अत्यधिक जहरीला हो जाता है। ब्राह्मणों के लिए लिखा कि उनकी पूजा होनी चाहिए चाहे वह गुणहीन ही क्यों न हो लेकिन शूद्र की पूजा नहीं होनी चाहिए चाहे जितना गुणी और प्रवीण क्यों न हो।
कहा कि हम नकली हिंदूओं के लिए उन्होंने इतना कुछ लिख दिया लेकिन मुसलमानों के लिए भला-बुरा क्यों नहीं लिखे। कहा कि अकबर के समय मुसलमानों के लिए लिखने की हिम्मत नहीं पड़ी। बसपा सुप्रीमो मायावती पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने करछना में हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि वहां दलित को जिंदा फूंक दिया गया, मायावती को आना चाहिए लेकिन वह तो भाजपा से मिली हुई हैं। मायावती ने सत्यानाश कर समाज को बर्बाद कर चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया। कहा कि हमारे समाज के लोग रुपया न होने पर बेटियों की शादी नहीं कर पा रहे हैं, बल्कि उनको बेच रहे हैं। इस दौरान उनके पुत्र व कौशाम्बी से सपा सांसद पुष्पेंद्र सरोज भी मौजूद थे।