इन लोगों को पाकिस्तान भेज दे भारत सरकार, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को लेकर ये क्या बोल गए मौलाना
- ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदारान कह रहे हैं कि देश में मुसलमानों को खतरा है और सुरक्षित नहीं है।

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जिम्मेदारान कह रहे हैं कि देश में मुसलमानों को खतरा है और सुरक्षित नहीं है। देश के मुसलमानों को असुरक्षित बताने वालों को भारत सरकार ऐसे लोगों को वीजा देकर भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में मौका मुआयना के लिए भेज देना चाहिए।
मौलाना ने कहा है कि मैं इन लोगों को बताना चाहता हूं कि देश में मुसलमान आजादी के साथ अपने धार्मिक त्यौहार, नमाज, रोजा, हज,जकात, जुलूस और उर्स आदि के प्रोग्राम आजादाना तौर पर पूरे भारत में मनाता है। कोई भी व्यक्ति या हुकूमत इन धार्मिक कार्यक्रमों में कोई भी बाधा नहीं डालती । इसलिए ये कहना कि मुसलमानों को खतरा है सुरक्षित नहीं हैं, ये सरासर गलत गुमराह करने वाली और अफवाह फैलाने वाली बातें हैं।
रमजान का महीना इबादत का, विरोध प्रदर्शन का नहीं
मौलाना ने कहा कि मुस्लिम पर्सनला बोर्ड वक्फ संशोधन बिल के विरोध में जंतर-मंतर दिल्ली पर धरना प्रदर्शन करने जा रहा है। धरना प्रदर्शन करना, अपनी आवाज बुलंद करना हर व्यक्ति को संविधान ने अधिकार दिए हैं, बिल्कुल करिए मगर रमजान का महीना खुदा की इबादत के लिए है। धरना प्रदर्शन के लिए नहीं। साल के 12 महीनों में रमजान का एक महीने में मुसलमान पवित्रता के साथ रोजा रखता है, नमाज पढ़ता है, कुरआन की तिलावत करता है। आदि धार्मिक गतिविधियों में रात व दिन लगा रहता है, और घर की महिलाएं और बच्चे भी खुदा की इबादत में व्यस्त रहते हैं। ऐसी स्थिति में रमजान शरीफ के दिनों में धरना-प्रदर्शन का आयोजन करना, इसका मतलब कि लोगों को धार्मिक कार्य से रोककर राजनीतिक काम में लगाना है। साल के 11 महीनों में किसी दिन भी धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जा सकता था, रमजान के महीने में ही क्यों आयोजन किया गया।
मौलाना ने भारत सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि बोर्ड के जिम्मेदारान भारत में मुसलमानों को असुरक्षित बता रहे हैं, ऐसे लोगों को विजा देकर भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में मौका मुआयना के लिए भेज देना चाहिए। इन मुस्लिम देशों में क्या सूरत ए हाल है और कैसी खाना जंगी हो रही है। अपनी आंखों से देखने के बाद सबकुछ समझ में आ जाएगा। फिर भारत वापस आने के बाद यही लोग चिल्ला चिल्ला कर कहेंगें की भारत में मुसलमानों को कोई खतरा नहीं और मुसलमान सुरक्षित है।