बिना टेंडर के हुए 20 लाख के काम को डीएम ने माना जनसहयोग
Kanpur News - कानपुर, प्रमुख संवाददाता। तीन गांवों में बिना टेंडर प्रक्रिया के गोलमाल करने की नीयत से

तीन गांवों में बिना टेंडर प्रक्रिया के गोलमाल करने की नीयत से शुरू कराए गए अंत्येष्टि स्थलों पर खर्च रुपये को डीएम ने श्रमदान और जनसहयोग मान लिया है। इन गांवों के प्रधानों को नोटिस दिया गया है और ग्राम विकास अधिकारी और सचिवों पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जिन तीन अंत्येष्टि स्थलों पर हुए कामों में अब तक जो 20 लाख रुपये खर्च हुए हैं, उसका भुगतान नहीं होगा। बचे हुए काम का टेंडर प्रक्रिया निकालकर नियमत: काम कराने के निर्देश डीएम ने दिए हैं। कंसल्टिंग एजेंसी को नोटिस देकर पूछा गया है कि क्यों न उसका अनुबंध खत्म कर दिया जाए। पतारा ब्लॉक के ग्राम पंचायत बलहापारा कला, घाटमपुर की ग्राम पंचायत सरगांव और भीतरगांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत बेहटा बुजुर्ग में प्रधानों, ग्राम पंचायत सचिवों और कंसल्टिंग एजेंसी की साठगांठ से बिना तकनीकी स्वीकृति और टेंडर के नियम विरूद्ध अंत्येष्टि स्थल बनाए गए थे। जांच के दौरान तकनीकी समिति ने रिपोर्ट दी कि बलहापारा कलां में 9.14 लाख रुपये से 55 प्रतिशत काम, सरगांव में 9.87 लाख रुपये से 70 प्रतिशत और बेहटा बुजुर्ग में 43 हजार रुपये से काम हो चुके थे। अब इस काम का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसे श्रमदान घोषित कर दिया गया है। पंचायती राज विभाग को अन्त्येष्टि स्थल विकास योजना के तहत वर्ष 2024-25 में जिले में 12 अन्त्येष्टि बनवाने थे। इन गांवों में निर्माण कार्य की गुणवत्ता और निर्माण कार्य का मूल्यांकन मुख्य विकास अधिकारी की बनाई तकनीकी समिति ने जांच की थी। इसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिशाषी अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के सहायक अभियंता ने की थी।
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