कक्षा एक में प्रवेश की उम्र तय होने से परिषदीय स्कूलों में घटी बच्चों की संख्या
Kushinagar News - कुशीनगर जिले के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक में नामांकन के लिए छह साल की उम्र निर्धारित की गई है। आधार कार्ड की अनिवार्यता के कारण बच्चों की संख्या में 50 हजार की कमी आई है। शिक्षक और अभिभावक जन्म...

कुशीनगर। जिले के परिषदीय स्कूलों में कक्षा एक में नामांकन के लिए छह साल की उम्र निर्धारित होने तथा आधार कार्ड की अनिवार्यता के कारण बच्चों की संख्या घट गई है। परिषदीय स्कूलों में नामांकन पिछले एक अप्रैल से शुरू होकर आगामी 30 सितंबर तक चलेगा। आधार कार्ड में जन्म प्रमाण पत्र बनाने में पैदा होने वाली दिक्कत के चलते शिक्षक व अभिभावकों दोनों परेशान हैं। पिछले साल के मुकाबले इस साल 50 हजार बच्चों की संख्या कम हुई है। पुरानी संख्या हासिल करने के लिए विभाग के जिम्मेदार जीतोड़ कोशिश कर रहे हैं।
बेसिक शिक्षा परिषद के जिले में 2464 परिषदीय विद्यालय समेत कक्षा एक से आठ तक कुल 2644 विद्यालय संचालित हैं। इन स्कूलों में पिछले साल 2,56,520 बच्चों का नामांकन हुआ था। इसमें से कक्षा आठ पास करने के बाद 20,833 बच्चे कक्षा नौ में दूसरे स्कूलों में प्रवेश के लिए परिषदीय विद्यालयों को छोड़ चुके हैं। बेसिक शिक्षा विभाग कान्वेंट स्कूलों को टक्कर देने के लिए परिषदीय स्कूलों में नावाचार से लगायत स्कूल चलो अभियान आदि चलाकर बच्चों की संख्या बढाने में पिछले एक अप्रैल नये सत्र से जुटा हुआ है। शासन स्तर से कक्षा एक में नामांकन के लिए छह साल उम्र निर्धारित कर दिया गया है। इसके अलावा नामांकन के दौरान आधार कार्ड की अनिवार्यता है। उम्र को लेकर बहुत सारे बच्चे कक्षा एक में नामांकन नहीं ले पा रहे हैं। वहीं जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में जिले में पैदा हुई दिक्कत के चलते शिक्षक व अभिभावक बच्चों का आधार कार्ड बनवाने को लेकर परेशान हैं। ऐसे में अब तक परिषदीय स्कूलों में सिर्फ 2,01,078 बच्चों का ही नामांकन हुआ है। वहीं कक्षा एक में 4956 तथा कक्षा छह में 2240 को मिलाकर कुल 7196 बच्चों का नया नामांकन हुआ है। नामांकन प्रक्रिया आगामी 30 सितंबर तक चलेगी। विभाग के जिम्मेदार आगामी 30 सितंबर तक पुरानी संख्या को हासिल करने में जुटे हैं।
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कक्षा एक में नामांकन के लिए छह साल का उम्र निर्धारित होने तथा जनपद में बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में समस्या पैदा होने के कारण आधार कार्ड बनाने में दिक्कत हो रही है। इसके कारण नामांकन प्रभावित है। ग्रीष्मावकाश के बाद पूरी ताकत झोंक कर बच्चों की संख्या पिछले साल से अधिक कर दी जाए, ऐसी कोशिश की जा रही है।
-डॉ. रामजियावन मौर्य, बीएसए कुशीनगर
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