यूपी के इस शहर में आईजी रेंज के सरकारी बंगले की जमीन का हो गया सौदा, नामांतरण भी करा लिया
यह बंगला लगभग 6 बीघा 16 बिस्वा भूमि पर बना है। वर्ष 1957 से यह जमीन पुलिस विभाग के अधिकार क्षेत्र में है। खेवट संख्या 15 में हबीब-उर-रहमान का नाम दर्ज था, जबकि बाकि जमीन नजूल घोषित है। अभिलेखों में पहले खलीलुल रहमान खां को भूस्वामी दर्शाया गया।

आम जनता की बात छोड़िए, आगरा में आईजी रेंज के बंगले की जमीन तक सुरक्षित नहीं है। छह बीघा से अधिक क्षेत्रफल में बने इस बंगले के एक हिस्से की जमीन का सौदा दो बार कर दिया गया। मामला पुलिस तक पहुंच चुका है। सौदा करने वालों ने तहसील में मिलीभगत से अपने नाम नामांतरण भी करा लिया। जिस कंपनी से जमीन का सौदा किया गया, उसके डायरेक्टर ने रकाबगंज थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें जमीन का सौदा कराने वाले तीन लोगों को नामजद किया गया है। जिनके नाम सौदे में शामिल हैं, वे अभी इस मुकदमे में नामजद नहीं हुए हैं। खास बात यह है कि मुकदमा दर्ज कराने वाले व्यक्ति के खिलाफ भी नाई की मंडी थाने में पहले से मुकदमा दर्ज है, जिसमें वही लोग नामजद हैं, जिन्होंने बाद में दूसरे सौदे में उनका नाम लिया।
बालूगंज में आईजी रेंज का बंगला स्थित है। पहले यहां डीआईजी रेंज का पद था, जो आगरा और अलीगढ़ मंडलों को देखता था। यह बंगला लगभग 6 बीघा 16 बिस्वा भूमि पर बना है। वर्ष 1957 से यह जमीन पुलिस विभाग के अधिकार क्षेत्र में है। खेवट संख्या 15 में हबीब-उर-रहमान का नाम दर्ज था, जबकि शेष भूमि नजूल घोषित है। अभिलेखों में पहले खलीलुल रहमान खां को भूस्वामी दर्शाया गया, फिर वसीयत के आधार पर धौलपुर हाउस निवासी इकबाल खां, फैसल खां, मोहम्मद सलीम खां, इरशाद खां, दिलशाद खां और फिरोज खां के नाम नामांतरण दर्ज हुआ।
सदर तहसील में नामांतरण के लिए इन लोगों ने जमीन पर कब्जा दिखाया, जिसे आधार बनाकर मार्च 2024 में नामांतरण करवा लिया गया। तत्कालीन आईजी रेंज दीपक कुमार ने अगस्त 2024 में तहसीलदार (न्यायिक) को पत्र भेजकर आपत्ति दर्ज की। उन्होंने मंडलायुक्त और डीएम को भी अवगत कराते हुए नामांतरण निरस्त करने की मांग की। गौर करने वाली बात यह है कि नामांतरण कराने वालों के खिलाफ अब तक पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है, जबकि जमीन दो बार बेची जा चुकी है। जांच का विषय यह भी है कि तहसील कर्मियों ने कब्जा दिखाकर कैसे नामांतरण कर दिया और उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई।
वादी के खिलाफ पहले से दर्ज है नाई की मंडी में रिपोर्ट
रकाबगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराने वाले सौरभ बंसल के खिलाफ नाई की मंडी थाने में प्रतीक्षा एन्क्लेव, दयालबाग निवासी राकेश कुमार ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। राकेश ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया था, जिसके आधार पर 16 मई 2025 को मुकदमा लिखा गया। इसमें सौरभ बंसल, इकबाल खां, इरशाद खां, फिरोज खां, फैसल खां, दिलशाद खां और शाहिद रजा को नामजद किया गया है। राकेश ने बताया कि इन लोगों ने अपनी पैतृक संपत्ति बताते हुए 1844 वर्गमीटर भूमि का 15 लाख रुपये में मार्च 2020 में इकरारनामा किया था। उनके मित्र राकेश शर्मा (अब दिवंगत) भी इसमें शामिल थे। राकेश ने जब नाम परिवर्तित कराकर मुख्तयारनामा करने को कहा तो वे टालमटोल करने लगे। तहसील से जानकारी लेने पर पता चला कि उन्हीं की जमीन का सौदा सौरभ बंसल और शाहिद रजा से कर दिया गया। इस मामले में भी अभी तक नाई की मंडी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
1.20 करोड़ रुपये में किया रजिस्टर्ड इकरारनामा
कमला नगर निवासी केमिकल कारोबारी सौरभ बंसल ने रकाबगंज थाने में धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने कपिल अग्रवाल, सनी जैन और प्रशांत जैन को नामजद किया है। सौरभ ने बताया कि उनकी ‘बिग डैडी’ नाम से फर्म है, जो सनी और कपिल के साथ मिलकर खोली गई थी। 10 मई 2024 को सनी और कपिल ने उन्हें बताया कि बालूगंज में 6890 वर्गगज भूमि बिकाऊ है। 25 जून 2024 को सौरभ और शाहिद रजा के नाम पर पंजीकृत इकरारनामा कराया गया। बयाने में सौरभ ने 1.20 करोड़ रुपये दिए 30 लाख के बैंक ड्राफ्ट, 24 लाख रुपये के स्टांप, 6 लाख रुपये की रसीद और 15 मई को 5 लाख रुपये नकद। बाद में पता चला कि यह जमीन नजूल की है। आरोप है कि आरोपियों ने सौरभ से 1.20 करोड़ रुपये ठग लिए। फिरोजाबाद जेल में बंद सनी जैन पर पहले से पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है।