विनय शंकर तिवारी को हाईकोर्ट से मिली जमानत
Lucknow News - लखनऊ हाईकोर्ट ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आरोपी सपा नेता विनय शंकर तिवारी की जमानत याचिका मंजूर की। उन पर बैंकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी का आरोप है। सीबीआई ने 2020 में मामले की जांच शुरू की थी,...

बैंकों की करोड़ों की रकम के गबन का आरोप सीबीआई ने 2020 में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी लखनऊ, विधि संवाददाता। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत आरोपी बनाए गए सपा नेता विनय शंकर तिवारी की जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है। उक्त मामले में विनय शंकर तिवारी व अन्य अभियुक्तों पर बैंकों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी करने का आरोप है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने विनय शंकर तिवारी की जमानत याचिका पर पारित किया। इसके पूर्व 9 मई को सीबीआई की विशेष अदालत ने विनय शंकर की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।
मामला बैंकों के कंसोर्टियम से करोड़ों की धोखाधड़ी से सम्बंधित है। उक्त मामले में गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड व इसके निदेशक अजीत पांडेय, विनय शंकर तिवारी तथा रीता तिवारी के विरुद्ध सीबीआई की चार्ज शीट पर भी समन जारी करने का आदेश हो चुका है। इस मामले में कंसोर्टियम के केनरा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, ओरिएटंल बैंक आफ कामर्स, आईडीबीआई बैंक, एक्सिस बैंक व सेंट्र्रल बैंक आफ इंडिया से करीब 754 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप है। 8 अक्टूबर, 2020 को सीबीआई ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके पश्चात ईडी ने भी मनी लॉंड्रिंग का मामला पाते हुए, अभियुक्तों के विरुद्ध परिवाद दाखिल किया। मामले की शिकायत बैंक आफ इंडिया के तत्कालीन जोनल मैनेजर यादवेंद्र नारायण द्विवेदी द्वारा दर्ज कराई गई थी। मामले के सह अभियुक्त अजीत पांडेय को भी गुरूवार को जमानत मिल गई।
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