Residents Demand Urgent Repairs for Neglected Lane in Ward 5 Amidst Unhygienic Conditions बोले फिरोजाबाद: ठेकेदारों की अनदेखी से नरक जैसी हुई जिंदगी, Firozabad Hindi News - Hindustan
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बोले फिरोजाबाद: ठेकेदारों की अनदेखी से नरक जैसी हुई जिंदगी

Firozabad News - वार्ड नंबर पांच में बख्तियार मस्जिद के पास लिंक गली की स्थिति बेहद खराब है। लोग गंदगी और पानी भरने की समस्या का सामना कर रहे हैं। नगर निगम द्वारा काम नहीं होने से जनता परेशान है। बरसात में घरों से...

Newswrap हिन्दुस्तान, फिरोजाबादFri, 23 May 2025 03:26 AM
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बोले फिरोजाबाद: ठेकेदारों की अनदेखी से नरक जैसी हुई जिंदगी

यह सही है कुछ जगह पर निगम की अनदेखी से विकास की किरण नहीं पहुंच रही है तो कुछ जगह ऐसी भी हैं, जहां पर निगम के टेंडर निकालने के बाद भी काम नहीं हो सके। ऐसी ही एक गलियों में से वार्ड नंबर पांच में बख्तियार मस्जिद के निकट स्थित लिंक गली। इस गली में लोगों का जीना मुहाल है। मुख्य सड़क से कई फुट नीची गली में ही सफाई कर्मी गंदगी डाल जाते हैं, जिसके बीच लोग अपने घरों में जिंदगानी गुजारने को मजबूर हैं। वहीं बरसात में घरों से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस गली के साथ में नगर निगम द्वारा इमली वाले गड्ढे का भी टेंडर निकाला गया था, लेकिन गलियों के नीचे होने के कारण ठेकेदार आगे नहीं बढ़े।

एक तरफ उन कामों के लिए खींचतान होती है, जिनमें बचत अच्छी होती है तो दूसरी तरफ यह गलियां ठेकेदार की अनदेखी से अनबनी रह गई। इसका नतीजा भुगत रही है इन क्षेत्रों की आम जनता। हन्दिुस्तान ने बोले फिरोजाबाद के तहत जब इस क्षेत्र के लोगों से संवाद किया तो हर जुबां पर सर्फि एक ही मांग थी कि बरसात से पहले इस गली को बनवा दिया जाए। लोगों ने गली में पड़ी गंदगी को दिखाते हुए कहा कि इस गंदगी के बीच जिंदगानी गुजारनी पड़ रही है। सफाई कर्मचारियों ने भी इस गली को ही खत्ताघर बना रखा है। लोगों का कहना था कि बरसात में तो इस क्षेत्र में कई फुट पानी भर जाने से लोगों का राह गुजरना भी मुश्किल हो जाता है। घरों के अंदर पानी भर जाने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो ऊपरी मंजिल पर ही कई-कई दिन गुजारने पड़ते हैं तो नीचे घर में रखे हुए सामान को भी ऊपर ले जाना पड़ता है। लोगों की मानें तो गंगाजल की सप्लाई भी उन्हें नहीं मिल रही है। 300 रुपये महीने पर किसी तरह से सबमर्सिबल से प्राइवेट तौर पर पानी की सप्लाई लेने के लिए जनता मजबूर है। लोगों का कहना है कि कई बार पार्षद को भी इस समस्या को बता चुके हैं तो उनका कहना है कि टेंडर निकलने के बाद भी ठेकेदार नहीं आ रहा है। लोगों की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर इसमें हम लोगों की क्या गलती है। निगम को इसे समझना चाहिए तथा किसी भी तरह से इसका नर्मिाण कराया जाए। घरों तक पहुंचने के लिए लगाई अस्थाई सीढ़ी: गली मुख्य सड़क से काफी नीचे है। इस स्थिति में गली बन जाने पर निचली मंजिल बेसमेंट में चली जाएगी तो ऊपरी मंजिल तक पहुंचना होगा। गली बनने के बाद में ही सीढ़ियां बन सकती हैं। इस इंतजार में लोगों ने घरों के बाहर सीढ़ियां भी नहीं बनाई हैं, बल्कि अस्थाई सीढ़ियों से काम चला रहे हैं। कहीं पर लकड़ी की सीढ़ी ही इन लोगों के सुबह शाम घर से नीचे आने-जाने का माध्यम है तो कुछ लोगों ने यहां पर लोहे की सीढ़ियां भी लगाई हुई हैं। लोगों का कहना है जब सड़क बन जाए तो उनका भी रहन-सहन सुधर सकेगा। इनकी पीड़ा बुजुर्गवारों को हर वक्त बीमारियां घेरे रहती हैं। गली से हर वक्त उठने वाली दुर्गंध से घर में रहना भी मुश्किल होता है। जब आसपास सड़कों का नर्मिाण हुआ था, उस वक्त ही इस गली को बनाया जाना चाहिए था। अब कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। -नूर मोहम्मद इस गली को देख कर बाहरी लोग सोचते हैं कि यहां पर लोग कैसे जिंदगी बसर कर रहे हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा यहां रहने वालों की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है। उन्होंने गंभीरता से सोचना चाहिए। -अब्दुल्ला क्षेत्र में हर वक्त गंदगी की स्थिति रहती है। कई बार कर्मचारी नालियां साफ कर गंदगी को बाहर की फेंक जाते हैं। यह भी नहीं सोचते हैं कि इस गली में भी कई परिवार रहते हैं और उनके दरवाजे पर गंदगी पड़ी रहती है। -नरगिश बरसात में पूरी गली में कई फुट पानी भर जाता है तो लोग घरों से बाहर भी नहीं निकल पाते हैं। नगर निगम को इस समस्या को देखते हुए कम से कम जल्द से जल्द इस गली को बनवाना चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर जिंदगी मिल सके। -शाहना बरसात में यहां पर दक्कित ज्यादा हो जाती है। घरों से बाहर भी नहीं निकल पाते हैं। नगर निगम को कम से कम इन समस्याओं की तरफ ध्यान देना चाहिए, ताकि इस बरसात में हर बार की तरह घरों की ऊपरी मंजिल पर जिंदगी न बितानी पड़े। -रेशमा नगर निगम स्वच्छता अभियान चल रहा है, लेकिन यहां पर निगम की अनदेखी से ही गंदगी के बीच गुजर करने के लिए मजबूर हैं। सफाई करने वाले निगम के कर्मचारी ही यहां पर गंदगी फेंक जाते हैं। मानो यहां पर कोई रहता ही नहीं है। -संजीदा बेगम हमारे घर में पानी भर जाता है। गंगाजल की सप्लाई भी नहीं हो रही है। सबमर्सिबल से पानी खरीद कर पीना पड़ता है। हर महीने 300 रुपये पर सबमर्सिबल से पानी ले रखा है। निगम टैक्स लगाने के साथ में कम से कम जनता को सुविधाएं दे। -शादिरा बानो गली के काफी बुरे हालात हैं। हर वक्त गंदगी रहती है। इस गंदगी के कारण हमारे परिवार के बच्चे भी बीमार रहते हैं। आसपास की गलियां बनी हुई हैं तो कम से कम इस गली को भी बनाया जाना चाहिए। -रुखसार

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