मंत्रियों की सामूहिक जिम्मेदारी है प्रश्नों के जवाब देनाः सतीश महाना
Lucknow News - उत्तर प्रदेश विधानसभा में ओम प्रकाश राजभर ने कई प्रश्नों के जवाब देने में टालमटोल की, जिससे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को सख्त रुख अपनाना पड़ा। महाना ने कहा कि प्रश्नों का उत्तर देना मंत्रियों की...

-सूचना एकत्रित की जा रही है, यह कार्यवाही गतिमान है...यह प्रश्न पंचायत से नहीं ग्राम्य विकास से संबंधित है, जैसे उत्तर मिलने पर विधानसभा अध्यक्ष हुए गंभीर -विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मंत्री ओम प्रकाश राजभर को दी नसीहत
-बोले-यदि आपके विभाग से संबंधित नहीं है तो दूसरे विभाग को संदर्भित कर दिलाएं जवाब
लखनऊ, विशेष संवाददाता
‘माननीय अध्यक्ष जी...यह प्रश्न मेरे विभाग से संबंधित नहीं है...यह ग्राम विकास का है। अध्यक्षजी इस प्रकरण में वक्फ बोर्डों में दो सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया गतिमान है...। अध्यक्षजी इस प्रश्न का हमारे विभाग से कोई संबंध नहीं है। सूचना एकत्र कराई जा रही है।
विधानसभा में मंगलवार को प्रश्न प्रहर में तब कुछ अजीबो-गरीब स्थित पैदा हो गई जब लगातार चार प्रश्नों के उत्तर में पंचायत राज एवं अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने टाल-मटोल करते हुए ऐसे जवाब दिए। अंततः विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को मंत्री ओम प्रकाश राजभर को हिदायत देने पर मजबूर होना पड़ा। सतीश महाना ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि प्रश्नों का जवाब देना मंत्रियों की सामूहिक जिम्मेदारी है, यदि एक मंत्री के पास जवाब नहीं है तो दूसरा मंत्री जवाब दे। मंत्रियों को चाहिए कि अगर प्रश्न उनके विभाग का नहीं है तो संबंधित विभाग के मंत्री को उसे भेजें और मंत्री से बात कर प्रश्नों के उत्तर दिलाएं।
रोजगार सेवकों का वेतन 25000 करें
हुआ यूं कि प्रश्न प्रहर में समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी बढ़ाने पर जवाब मांगा...। ओम प्रकाश राजभर ने इसे यह कहते हुए टाल दिया कि यह मामला ग्राम्य विकास विभाग का है और मनरेगा केंद्र सरकार की योजना है। अतः इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। एक अन्य प्रश्न में सपा के इंजीनियर बृजेश कठेरिया ने जानना चाहा कि क्या पंचायती राज मंत्री रोजगार सेवकों का मानदेय बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में रोजगार सेवकों का मानदेय बढ़ाएंगे? उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रोजगार सेवकों को 18000, राजस्थान में 18500 रुपये मिल रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में मात्र 7788 रुपये ही दिए जा रहे हैं। ऐसे में महंगाई के दौर में रोजगार सेवकों द्वारा जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि क्या सरकार रोजगार सेवकों का मानदेय 25000 रुपये करेगी। इस पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि यह मामला ग्राम्य विकास से जुड़ा है, सूचना एकत्रित कराई जा रही है।
जब अनुरक्षण से आरक्षण हुआ
इसी तरह ओम प्रकाश राजभर के पंचायती राज विभाग से जुड़े एक प्रश्न में अनुरक्षण शब्द का त्रुटिवश आरक्षण हो गया। दरअसल, सपा के पंकज पटेल जानना चाहते थे कि क्या लोक निर्माण विभाग की अनुरक्षण नीति-2013 पंचायती राज में भी लागू है। इसमें टाइपिंग की त्रुटिवश अनुरक्षण के स्थान पर लोक निर्माण विभाग की आरक्षण-नीति हो गया..इस पर भी मंत्री ने जवाब दिया कि सूचना एकत्र कराई जा रही है। इस पर सदन में हंसी -ठिठोली भी हुई। पंकज पटेल ने तंज करते हुए कहा कि मंत्रीजी कभी इधर कभी उधर चले जाते हैं, वैसे ही प्रश्नों को भेज दे रहे हैं। पंकज पटेल का आशय ओपी राजभर द्वारा कभी सपा को कभी भाजपा के पक्ष में आ जाने की ओर था। इस पर मंत्री ओम प्रकाश ने कहा कि जब सपा से कांग्रेस व रालोद ने पलटी मारी तो उनको कुछ नहीं कहते हो...। उनके इतना कहते ही सदन ठहाकों से गूंज उठा...।
सदस्यों के निर्वाचन की कार्यवाही गतिमान है
इसी तरह सपा के कमाल अख्तर ने जानना चाहा कि क्या सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड में विधानमंडल के दो सदस्यों को नामित करेंगे? इसी तरह क्या दो संसदों को नामित किया जाएगा। इस पर भी ओम प्रकाश राजभर की ओर से कहा गया कि सदस्यों को निर्वाचित करने की कार्यवाही गतिमान है...। इस पर सतीश महाना ने कड़ी आपत्ति करते हुए उन्हें हिदायत दी।
वक्फ बोर्ड की नियमावली तो हमने ही बनाईः सुरेश खन्ना
इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि वर्ष 1995 में वक्फ एक्ट बना था। तब से अभी तक कई बार सपा की सरकार रही, क्या किसी ने वक्फ अधिनियम की नियमावली बनाई। उन्होंने कहा कि एक्ट की नियमावली हम लोगों ने ही बनवाई। इस पर जल्द कार्यवाही की जाएगी।
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