Power Corporation s Privatization Draft Faces Scrutiny by Consumer Council in India विद्युत अधिनियम की धारा 131 के तहत कॉरपोरेशन जाना चाहता है आयोग, Lucknow Hindi News - Hindustan
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विद्युत अधिनियम की धारा 131 के तहत कॉरपोरेशन जाना चाहता है आयोग

Lucknow News - - उपभोक्ता परिषद का दावा, यह नियम नहीं किया जा सकता इस्तेमाल लखनऊ, विशेष

Newswrap हिन्दुस्तान, लखनऊThu, 22 May 2025 09:12 PM
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विद्युत अधिनियम की धारा 131 के तहत कॉरपोरेशन जाना चाहता है आयोग

विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-131 का इस्तेमाल करके पावर कॉरपोरेशन निजीकरण का मसौदा नियामक आयोग ले जाना चाहता है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस पर सवाल खड़े किए हैं और कहा है कि यह धारा केवल एक बार इस्तेमाल करने के लिए बनाई गई थी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस धारा का इस्तेमाल करके प्रदेश सरकार पावर कॉरपोरेशन सहित अन्य बिजली कंपनियों का गठन कर चुकी है। उसके बाद सभी बिजली कंपनियां धारा-14 के तहत विद्युत नियामक आयोग के लाइसेंस पर काम कर रही हैं। ऐसे में कॉरपोरेशन को इस पर फिर से विचार करना चाहिए।

उपभोक्ता परिषद ने सरकार से मांग की है कि वह निजीकरण के मसौदे की वैधानिकता की जांच कर ले। अन्यथा की सूरत में कॉरपोरेशन पूरी सरकार को ही कठघरे में खड़ा कर देगा। जो मसौदा आयोग ले जाया जा रहा है, वह उस सलाहकार कंपनी ने तैयार किया है, जिसकी नियुक्ति पर ही सवाल हैं। उसने झूठा शपथ पत्र दाखिल करके टेंडर लिया है। ऐसे में कॉरपोरेशन को अपने ही नियमों के मुताबिक कंपनी पर कार्रवाई करनी चाहिए। बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की अपील पर चल रहा बिजली कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। तीन घंटे तक कर्मचारियों ने विरोध सभाएं कीं। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि संघर्ष समिति की हड़ताल करने की अभी कोई नोटिस नहीं है लेकिन पावर कॉरपोरेशन के चेयरमैन मुख्य सचिव व शासन के बड़े अधिकारियों को पत्र लिखकर गुमराह कर रहे हैं कि बिजली कर्मी हड़ताल पर जाने वाले हैं। जिलों में भी जो पत्र भेजे गए हैं, उससे भी औद्योगिक अशांति का वातावरण बन रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली सलाहकार कंपनी पर कार्रवाई के बजाय पूरा पावर कॉरपोरेशन उसे बचाने में जुटा है। इससे निजीकरण के नामपर बड़े घोटाले की आशंका है।

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