स्मारकों का प्रवेश शुल्क नहीं बढ़ेगा, आय बढ़ाने के लिए पीपीपी माडल पर दी जाएंगी सम्पत्तियां
Lucknow News - लखनऊ में कांशीराम, अम्बेडकर और अन्य स्मारकों के प्रवेश शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है। स्मारक समिति ने पार्किंग को पीपीपी मॉडल पर देने और तीरंदाजी केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।...

स्मारक समिति के शहर में बने कांशीराम, अम्बेडकर व अन्य स्मारकों में प्रवेश शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव वापस ले लिया गया है। स्मारक समिति की आय बढ़ाने के लिए वीमेन पावर लाइन के पास की पार्किंग, बुद्ध विहार पार्किंग तथा गोमती विहार खण्ड एक की पार्किंग को पीपीपी माडल पर दिया जाएगा। इनका व्यवसायिक इस्तेमाल किया जाएगा। 29 अप्रैल को हुई स्मारक समिति की बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा गया था। पिछले वर्ष ही स्मारकों का प्रवेश शुल्क एक अप्रैल से बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ था। पांच रुपये प्रवेश शुल्क, 50 रुपये मासिक पास तथा 100 रुपये छमाही पास का शुल्क बढ़ाया जाना था।
लेकिन अब इसे वापस ले लिया गया है। वहीं, वीमेन पावर लाइन 1090 के पास ही तीरंदाजी प्रशिक्षण के लिए केंद्र बनाया जाएगा। बोर्ड की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए यहां तीरंदाजी का ग्राउंड तैयार कर प्रशिक्षण दिया जाएगा। स्मारक समिति के अधीन सम्पत्तियों में रिक्त स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग स्टेशन बनाया जाएगा। लखनऊ में आठ और नोएडा में दो स्टेशन बनेंगे। बौद्ध विहार शांति उपवन के पुस्तकालय को भी पीपीपी माडल पर विकसित करने की तैयारी है। लखनऊ और नोएडा के स्मारकों में 500-500 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना है। स्मारक समिति के एक अधिकारी ने बताया कि इन प्रस्तावों की बोर्ड की बैठक में मंजूरी मिल गयी है।
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