बोले लखनऊ: अमीनाबाद में एक दशक में 100 अग्निकांड फिर भी सुरक्षा दरकिनार
Lucknow News - लखनऊ के अमीनाबाद बाजार में पिछले एक दशक में 100 से अधिक आग की घटनाएं हुई हैं। दुकानों के अतिक्रमण और बिजली के तारों के जंजाल के कारण आग लगने का खतरा बढ़ गया है। व्यापारियों ने सुरक्षा उपायों के बिना...
लखनऊ की सबसे बड़ी मार्केट में शुमार अमीनाबाद में शायद ही ऐसा कोई साल हो जब आग न लगती हो। पिछले एक दशक में 100 से अधिक अग्निकांड हो चुके हैं। औसतन हर साल 10-15 आग की घटनाएं होती है। इनमें तमाम दुकानें आग की लपटों की चपेट में आकर राख हो जाती है, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। शासन-प्रशासन की जांच रिपोर्ट में हर बार अग्निकांड का सबसे बड़ा कारण अतिक्रमण और तारों का मकड़जाल होता है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। नतीजतन मंगलवार रात को एक बार फिर मोहन मार्केट की दुकानें आग की चपेट में आकर राख हो गईं। हादसा एक तरह से जिम्मेदारों के लिए चेतावनी भी है कि अमीनाबाद बाजार खतरे की जद में हैं। मानकों की अनदेखी कर बनाए जा रहे कॉम्प्लेक्स, अतिक्रमण और जर्जर तारों के जाल हादसे को न्योता दे रहे हैं। बोले लखनऊ के तहत हिन्दुस्तान टीम ने मंगलवार को अमीनाबाद के मुमताज मार्केट, गुईन मार्केट और लाटूश रोड मार्केट के व्यापारियों के साथ संवाद किया। इस दौरान व्यापारियों ने आग का प्रमुख कारण बिजली के साथ इंटरनेट केबल के मकड़जाल को बताया। पेश है रिपोर्ट-
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मुमजात मार्केट: तंग गलियों में अतिक्रमण और बेतरतीब खड़ी गाड़ियों के कारण पैदल चलना मुश्किल
अमीनाबाद के मुमताज मार्केट में 14 मार्च 2016 को शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लगी थी। इसमें 80 से अधिक दुकानें जली थी। इसके बाद व्यापारियों ने अपने स्तर से फायर उपकरण लगाएं। साथ ही सभी दुकानों के बिजली के मीटर बाहर लगाएं गए। मुमताज मार्केट आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान ने बताया कि मुमताज मार्केट की तंग गलियों में अतिक्रमण और बेतरतीब खड़ी गाड़ियों के कारण पैदल चलना तक दुश्वार है। आलम यह है कि आग लगने पर पहले तो फायर ब्रिगेड को मौके तक पहुंचने में जाम से जूझना पड़ता है। इसके बाद तंग गलियों में पाइप बिछाना भी चुनौती से कम नहीं।
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कारोबारियों को नहीं पता कि उनकी दुकान का कौन सा तार है
अमीनाबाद बाजार में रोजाना करीब एक लाख लोगों की आमद होने के साथ ही 20-25 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसके बावजूद बिजली के तारों का मकड़जाल और बेतरतीब निर्माण इस आग के खतरे को बढ़ा रहा है। कमाई की होड़ में दुकानदारों को सिर्फ जेब भरने से मतलब है और जिम्मेदारी भी आंखें मूंदे हैं। मानकों और सुरक्षा की किसी को फिक्र नहीं है। मोहन मार्केट, प्रताप मार्केट से लेकर मेडिसिन मार्केट तक में बिजली के तारों का जाल फैला हुआ है। आलम यह है कि व्यवसायी खुद नहीं जानते कि उनकी दुकान का कौन सा तार है। दूर से सब साफ नजर आने के बावजूद लेसा अधिकारियों को कुछ नहीं दिख रहा। ऐसी हालत में मार्केट में अगर आग लगी तो न सिर्फ उस पर काबू पाना मुश्किल होगा बल्कि इसमें होने वाला नुकसान कितना होगा, इसके बारे में सोचने भर से दिलोदिमाग सिहर उठे।
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गुईन रोड: बिजली खंभों से लेकर कॉम्प्लेक्स की सीढ़ियों तक लटकते हैं तार
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
अमीनाबाद के गुईन रोड मार्केट में भी बिजली के खंभों पर लेसा के तार और इंटरनेट केबल आपस में उलझे हुए हैं। बिजली के खंभे से कॉम्प्लेक्स की सीढ़ियों तक तार लटकते रहते हैं। आने-जाने वाले दुकानदार और ग्राहक किसी तरह अपनी जान बचाकर निकलते हैं। स्थानीय व्यापारी योगेश शुक्ला, हिमांशु गुप्ता ने बताया कि आग से बचाव के लिए यहां कोई इंतजाम नहीं है।
कारोबारियों के मुताबिक मुमताज मार्केट में वर्ष 2016 में लगी आग की जो वजह तलाशी गई तो पता चला कि आग बिजली के तार में हुए शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। ज्यादातर दुकानों के आसपास तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। एक खंभे से इतने तार खींचे गए हैं कि पता ही नहीं चलता कि किसका कनेक्शन कौन सा है। लेसा ने एबीसी (एरियल बंच कंडक्टर) लगवाकर जाल को सुलझाने का प्रयास किया था, लेकिन हजारों की संख्या में कनेक्शन होने और तार जर्जर होने से आए दिन शार्ट सर्किट होता रहता है।
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कॉम्प्लेक्स में बेसमेंट में बन चुकी दुकानें
अमीनाबाद के कुछ व्यापारी मामूली लालच में खतरे को न्योता देने से बाज नहीं आ रहे। आलम यह है कि नियम-कानूनों को धता बताते हुए संकरी गलियों में स्थित दुकानों में भी दुकानदारों ने 30 फीट तक गहरे बेसमेंट बनवा लिये। जिसके बाद जिला प्रशासन ने अमीनाबाद मार्केट में सर्वे कराया। इस सर्वे के दौरान 57 दुकानें चिन्हित की गई जिनमें अवैध रूप से बेसमेंट बनवाए गए थे। इन सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
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लाटूश रोड: खंभों में बिजली के तार से अधिक इंटरनेट केबल का जंजाल
लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता।
लाटूश रोड को अमीनाबाद बाजार का इंट्री प्वाइंट भी कहते हैं। इसके बावजूद यहां कोई दुकान ऐसी नहीं है जिसके सामने बेतरतीब वाहन ना खड़े हों। हाल यह है कि इन आड़े-तिरछे खड़े वाहनों के चलते इस रोड से गुजरने वाले लोग बिल्कुल डिवाइडर से सटकर चलने को मजबूर हैं। बाइक या फोर व्हीलर के लिए इतनी जगह बचती है कि वे एक के पीछे एक निकल सके। इसके अलावा मार्केट में तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। शार्ट सर्किट से कभी भी आग लग सकती है। आग से निपटने के लिए यहां पर फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था भी नहीं है। मार्केट में कई जगह तो ऐसी है जहां आग बुझाने वाली गाडि़यां पहुंच भी नहीं सकेगी। फिर यहां पर सबसे बड़ी मार्केट इलेक्ट्रिक की ही है। श्रीराम रोड व्यापार मंडल के व्यापारी प्रभु जालान ने बताया कि लेसा ने मुख्य रोड पर अंडरग्राउंड बिजली सप्लाई पहुंचा दी लेकिन लाटूश रोड और श्रीराम रोड की गलियों में आज भी तारों का मकड़जाल है।
सड़क पर माल का ढेर
यहां के दुकानदारों की मानें तो यहां पर छोटे-छोटे कॉम्पेलेक्सेज बने हुए हैं। ऐसे में हर कदम पर गाडि़यों के साथ ही सड़क पर माल का ढेर लगा हुआ है। दिन पर यहां पर मेन रोड पर गाडि़यां लगवा कर लोडिंग अन लोडिंग शुरू हो जाती है। दुकानदारों को इससे मतलब नहीं होता कि इससे रोड ब्लॉक होगी। इतना ही नहीं, कई दुकानदारों ने अपनी दुकानें हद से बाहर निकाल कर लगा रखी है। अतिक्रमण कर रोड की जगह घेर ली गई है। होल सेल मार्केट होने के कारण यहां पर सिर्फ लखनऊ के लोग ही नहीं आते। आस-पास जिलों के लोग भी यहां से माल लेने आते हैं। ये व्यापारी भी अपनी गाडि़यों से यहां पहुंचते हैं, ऐसे में गाडि़यां सड़क पर ही खड़ी कर दी जाती है।
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इंफो- अमीनाबाद परिक्षेत्र
- दुकान 10 हजार
- कॉम्प्लेक्स 20
- कारोबार 20-25 करोड़
- कुल मार्केट 31
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अतिक्रमण की स्थिति
- 40 फुट चौड़ी हैं ज्यादातर सड़कें
- 32 फुट तक करीब अतिक्रमण
- 08 फुट ही मिलते हैं चलने के लिए
- 30 फुट तक अवैध रूप से बेसमेंट बने हैं।
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आग लगी तो दमकल का पहुंचना मुश्किल, अतिक्रम बना रोड़ा
अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में कई साल पहले लगी भीषण आग से सबक लेते हुए वहां के व्यापारियों ने भले ही निजी तौर पर आग की बुझाने की व्यवस्थाएं कर ली हों, लेकिन किसी अन्य स्थान या बाजार में यदि आग लग गई तो उस पर काबू कर पाना बेहद मुश्किल होगा। झंडे वाले पार्क के पास दमकल टीम ने एक वाहन सहित टीम तैनात कर रखी है। पर बाजार में अवैध दुकानों का इतना अतिक्रमण है कि जरुरत पड़ने पर दमकल टीम मौके नहीं पहुंच पाएगी। व्यापारियों की मांग है कि बाजार में लगाई जा रही अवैध दुकानों ने मार्केट की सूरत बिगाड़ कर रख दी है। इनसे सड़कें गलियां इतनी सकरी हो गई हैं, कि दमकल वाहन तो दूर बाइक तक निकलना मुश्किल हो जाता है। प्रशासन को चाहिए बाजार में आग बुझाने की व्यवस्था और बेहतर करे। साथ ही अवैध दुकानों को हटवाए। ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके।
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करोड़ों का नुकसान उठाया तो खुद ही कर लिया आग से बचने का बंदोबस्त
मुमताज मार्केट में हुई आग की घटना के बाद इस बाजार में आग बुझाने की बेहतर व्यवस्था हो गई है। बाजार में अध्यक्ष मोहम्मद रिजवान, नीरज गुप्ता, मिर्जा मिनहाज बेग, अमित शाहू, मोहम्मद सलीम, कुतुबुददीन आदि ने बताया कि मुमताज मार्केट में आग लगी थी। सभी व्यापारियों का करोड़ों का नुकसान हो गया था। उसके बाद हम लोगों ने लाखों रुपये लगा कर आग बुझाने की व्यवस्था की है। बाजार की हर दुकान में एक फायर सिलेंडर, एक बाल्टी की व्यवस्था की है। साथ ही पूरे बाजार में पानी की सप्लाई लाइन बिछाई गई है। सबमर्सिबल लगवाया गया है। कई लाख लीटर का टैंक बनाया गया है। जहां पानी हर समय भरा रहता है। इसके साथ ही सभी दुकानदारों के बिजली मीटर मार्केट में एक ही जगह लगवाए गए हैं, ताकि स्पार्किंग होने पर बड़ी घटना रोकी जा सके। बताया कि रात के लिए चौकीदार भी रख रखा है। ताकि वह विशेष तौर पर बिजली तार स्पार्किंग आदि पर नजर रखे।
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स्पार्किंग से सिहर जाते हैं व्यापारी
व्यापारियों ने बताया कि बाजारों में आग लगने का प्रमुख कारण शार्ट सर्किट या तारों की स्पार्किंग होती है। बाजार में हर खंभे और लाइन पर तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। अक्सर स्पार्किंग भी होती है। जिससे आग लगने तक की घटनाएं हो चुकी हैं। जरा सी स्पार्किंग होने पर ही दिल डर जाता है, कि कहीं आग न लग जाए। लेकिन इस समस्या का निदान नहीं निकाला जा रहा है। गुइन रोड स्थित बाजार के अंदर लटकते तार लोगों के सिर को छू रहे हैं। तारों के मकड़जाल से हर वक्त आग का खतरा सताता है।
व्यापारियों की बात
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अतिक्रमण के अलावा हम लोग सीवर की समस्या से भी जूझ रहे हैं। आग की घटना के बाद प्रशासन ने इतना इंतजाम किया है कि आग बुझाने वाली एक गाड़ी खड़ी रहती है। लेकिन अतिक्रमण की वजह से कभी जरुरत पड़ी तो गाड़ी पहुंचाना मुश्किल होगा।
प्रदीप पाल सिंह अरोरा
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बाजार अतिक्रमण की चपेट में है। कई जगह बिजली के तार भी लटके हुए हैं। खंभों में तारों का मकड़ जाल है। आग बुझाने की सरकारी इंतजाम नहीं है। बाजार में पानी की भी समस्या है। इनको दूर किया जाना चाहिए।
अमित दीक्षित
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हम लोगों ने आग बुझाने के लिए अपनी दुकान में स्वयं से फायर सिलेंडर लगा रखा है। बिजली का मीटर भी सभी दुकानदारों ने बाजार के स्थान पर ही लगा दिए हैं, ताकि उस पर नजर रखी जा सके और आग की घटनाओं को रोका जा सके।
सुधीर केसरवानी
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हम सभी दुकानदारों ने आग से बचने के लिए फायर सिलेंडर, बाल्टी आदि की व्यवस्था कर रखी है। सरकार की ओर से आग बुझाने की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। अतिक्रमण भी बड़ी समस्या है।
योगेश शुक्ला
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फायर हाईड्रेंट कभी जगह पर काम नहीं करते हैं। बाजार में पर्याप्त पानी की भी व्यवस्था नहीं है। अतिक्रमण इतना है कि यदि आग लग जाए तो बाजार तक दमकल की गाड़ी नहीं पहुंच पाएगी।
मोहम्मद औन
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बाजार में कई तरह की अव्यवस्थाएं हैं। सबसे बड़ी समस्या अतिक्रमण की है। हमारी दुकान के करीब में ही कई बार शार्ट सर्किट हो चुका है। आग लगने का खतरा बना रहता है। प्रशासन को चाहिए आग से बचने की व्यवस्था करे।
अविनाश पांडेय
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बाजार में पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। यदि कभी आग की घटना हो गई तो क्या हम लोग अपने घर से पानी लाएंगे, तब आग बुझाएंगे। जिम्मेदार अफसरों व नेताओं को चाहिए कि बाजार में आग बुझाने की संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था करे।
मुकेश अग्रवाल
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बाजार में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। कई बार बिजली के तारों में स्पार्किंग हो चुकी है। जिससे आग लगते लगते बची है। आग लगने की कभी बड़ी घटना हो गई तो उसे बुझाना मुश्किल होगा। यहां आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
मोहम्मद आरिफ
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मुमताज मार्केट में आग लगने की घटना मुझे याद है। व्यापारियों का करोड़ा नुकसान हो गया था। उस मार्केट में लोगों ने निजी तौर पर आग बुझाने के कुछ इंतजाम कर लिए हैं, लेकिन हमारी मार्केट में आग बुझाने की कोई व्यवस्था नहीं है।
काशिफ खान
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हमारे मार्केट में न आग बुझाने की व्यवस्था है और न ही सरकारी तौर पर इसको लेकर कोई कोशिश की जा रही है। गर्मी का मौसम है। ऐसे में आग लगने का खतरा बना रहता है। यह पूरे बाजार की समस्या है।
प्रफुल्ल अवस्थी
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आग बुझाने की कोई खास व्यवस्था नहीं है। झंडेवाले पार्क के पास सिर्फ एक गाड़ी खड़ी रहती है। लेकिन बाजार में अवैध दुकानों का इतना अतिक्रमण है, कि आग लगने जैसी कोई अनहोनी पर दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंचना मुश्किल होगा।
लोकेश श्रीवास्तव
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बाजार में आग से बचने के संसाधनों के अलावा हम लोग कई और समस्याओं से भी परेशान हैं। यहां सफाई व्यवस्था चौपट है। सड़कें भी खराब हैं। पानी की भी पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है।
मनोज गुप्ता
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बाजार के पास आग बुझाने की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। निजी तौर पर हमने आग बुझाने के लिए सिलेंडर लगा रखा है। यदि कभी बड़ी घटना हुई तो उस पर काबू पाने के आवश्यक संसाधन नहीं है। इस पर जिम्मेदारों को ध्यान देना चाहिए।
कुलदीप सिंह
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गर्मी का मौसम है। अक्सर कहीं न कहीं आग लगने की घटनाएं सुनने को मिलती हैं। हमारी बाजार में आग बुझाने के लिए व्यवस्था भी नहीं है। निजी तौर पर आग से बचने के सारे उपाय है, लेकिन प्रशासन को भी ध्यान देना चाहिए।
प्रभू जालान
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अमीनाबाद बड़ा बाजार है। इसमें कई मार्केट हैं। लेकिन यहां आग बुझाने की व्यवस्था के नाम पर सिर्फ एक फायर गाड़ी खड़ी की गई है। जो पर्याप्त नहीं है। कई जगह पर इसका बंदोबस्त होना चाहिए।
रूपेश शर्मा
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