जेल में बंद माता-पिता के बच्चों को भी मिलेगी मासिक आर्थिक मदद
Maharajganj News - महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में अब उन बच्चों को भी राहत मिलेगी, जिनके माता-पिता

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। जिले में अब उन बच्चों को भी राहत मिलेगी, जिनके माता-पिता जेल में बंद हैं और वे बेसहारा जीवन जीने को मजबूर हैं। जिलाधिकारी अनुनय झा के निर्देश पर प्रोवेशन विभाग, जिला पंचायतीराज व समाज कल्याण विभाग ऐसे नाबालिगों को चिन्हित करने का विशेष अभियान शुरू किया है, जिससे उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। जिले के मुसहर बाहुल्य 31 गांव व जंगल के अंदर बसे 18 वनटांगिया गांव में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और स्पॉन्सरशिप योजना की सफलता के बाद अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। डीएम के निर्देश पर अब उन बच्चों को भी योजना से जोड़ने की तैयारी है, जिनके माता-पिता या तो जेल में बंद हैं या उनमें से किसी एक की मृत्यु हो चुकी है।
खासकर उन बच्चों पर फोकस किया जा रहा है, जो 18 वर्ष से कम उम्र के हैं और बेसहारा हालत में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। प्रोवेशन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में वर्तमान में 40 वर्ष से कम उम्र के 426 बंदी निरुद्ध हैं, जिनके घर पर छोटे-छोटे बच्चे अकेले रह रहे हैं। अब इन बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना या स्पॉन्सरशिप योजना के तहत हर माह आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे उनकी पढ़ाई, पालन-पोषण और आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके। इनके अलावा जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी एक की मृत्यु हो चुकी है, उन्हें भी इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत हर महीने आर्थिक सहायता मिलेगी। स्पॉन्सरशिप योजना में हर माह चार हजार रूपये व मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में हर माह ढाई हजार रूपये मिलेंगे। 18 वर्ष तक स्पॉन्सरशिप योजना में पात्र बच्चों को हर साल नवीनीकरण कराना पड़ेगा। वहीं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना में पंजीकरण के बाद 18 साल तक आर्थिक सहायता मिलेगी। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा आर्थिक तंगी के कारण शिक्षा या अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। गांव-गांव में जाकर बेसहारा बच्चों को ढूंढने में जुटी टीम डीएम अनुनय झा ने जिला प्रोवेशन अधिकारी शांत प्रकाश श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा व समाज कल्याण अधिकारी विपिन यादव को इन दोनों योजनाओं को मिशन मोड में पूरा कराने के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किया है। ब्लाक स्तर पर बीडीओ नोडल व एडीओ पंचायत सह नोडल अधिकारी बनाए गए हैं। गांव स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए डीएम के निर्देश पर टीम गांव-गांव जाकर ऐसे बच्चों की पहचान कर रही है। डीएम की मंशा है कि जिले के दस हजार से अधिक बेसहारा बच्चों को चिन्हित कर योजनाओं से संतृप्त किया जाए। मुसहर बाहुल्य व वनग्राम क्षेत्रों में इस अभियान मिशन मोड में पूरा कराया जा चुका है। 18 साल उम्र तक के बेसहारा बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना व स्पॉन्सरशिप योजना के तहत हर माह आर्थक सहायता मुहैया कराने के लिए जिलाधिकारी के इस पहल से न केवल इन बच्चों को बेहतर जीवन मिलेगा, बल्कि समाज में उनके प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी पात्र बच्चों को योजना से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा। शांत प्रकाश श्रीवास्तव-जिला प्रोवेशन अधिकारी
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