प्रशासन की अनदेखी से रोजाना हो रही पानी की बरबादी
Mainpuri News - मैनपुरी। पानी की बर्बादी रोकने के लिए सरकार की कसरत जारी है, मगर स्थानीय प्रशासन पानी की बर्बादी नहीं रोक रहा।

पानी की बर्बादी रोकने के लिए सरकार की कसरत जारी है, मगर स्थानीय प्रशासन पानी की बर्बादी नहीं रोक रहा। यही वजह है कि शहर में वाहन धुलाई केंद्रों पर हर रोज लाखों लीटर पानी बर्बाद किया जा रहा है परंतु इस पर किसी की नजर नहीं है। ये स्थिति तब है जब सरकार ने भू-गर्भीय जलस्तर को सुधारने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रखा है। पानी की बर्बादी न होने देने के शासनादेश जारी किए हैं। मैनपुरी में 100 से अधिक वाहन धुलाई केंद्र बिना पंजीकरण के चल रहे हैं, इनके पास जल दोहन का कोई लाइसेंस भी नहीं है मगर फिर भी पानी की बर्बादी लगातार की जा रही है।
मैनपुरी में शहरी क्षेत्र की बात करें तो प्रत्येक मार्ग पर एक-दो वाहन धुलाई केंद्र नजर आ जाएंगे। जहां पानी की बर्बादी खुलेआम हो रही है। शहर में लगभग 50 वाहन धुलाई केंद्र चलाए जा रहे हैं। इन धुलाई केंद्रों पर 150 से लेकर 300 रुपये तक एक वाहन की धुलाई की फीस ली जा रही है। औसतन हर रोज इन केंद्रों पर 200 से 250 वाहनों की धुलाई होती है। इनके धुलाई करने के नाम पर लाखों लीटर पानी बहाया जा रहा है। सरकार ने लघु सिंचाई विभाग को जिम्मेदारी दी थी कि वह भू-गर्भीय जल का दोहन करने वालों पर न्याय का शिकंजा कसेगा। जल दोहन करने वालों की सूची तैयार की जाएगी और उन्हें नोटिस तैयार किए जाएंगे। इसके अलावा जुर्माना और एफआईआर का प्रावधान भी किया गया मगर अफसोस मैनपुरी में इस शासनादेश का पालन आज तक नहीं हुआ है। शहर निवासी लोगों का कहना है कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कड़े कानून बनाए जाने की आवश्यकता है, तभी मैनपुरी का जल संकट दूर होगा और भू-गर्भीय जल को बचाया जा सकेगा।
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