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यूपी के जंगलों में उग रही चमत्कारी घास, कई बीमारियों का हो रहा इलाज, दवा कंपनियों की बढ़ी मांग

जंगल-झाड़ियां, खेत-खलियान और बाग-बगीचे से लेकर ऊसर-बंजर भूमि पर उगने वाली मकुईया को स्थानीय लोग घास समझते हैं। यही मकुईया घास उत्तराखंड की दवा कंपनियों की बड़ी पसंद बन गई है। इससे एंटीबायोटिक औषधियां बनाई जा रही हैं।

Pawan Kumar Sharma हिन्दुस्तान, संवाददाता, बदायूंSun, 2 March 2025 07:25 PM
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यूपी के जंगलों में उग रही चमत्कारी घास, कई बीमारियों का हो रहा इलाज, दवा कंपनियों की बढ़ी मांग

जंगल-झाड़ियां, खेत-खलियान और बाग-बगीचे से लेकर ऊसर-बंजर भूमि पर उगने वाली मकुईया (मकोय) को स्थानीय लोग घास समझते हैं। यही मकुईया घास उत्तराखंड की दवा कंपनियों की बड़ी पसंद बन गई है। इससे एंटीबायोटिक औषधियां बनाई जा रही हैं। बदायूं से रोजाना कई ट्रालियों में भरकर मकुईया घास उत्तराखंड जा रही है। बदायूं जनपद के हाईवे, प्रमुख मार्गों, ऊसर-बंजर भूमि, खेत-खलियान, बगीचों में आम तौर पर मकुईया घास उगती है। यह एक खरपतवार है, जो खुद ही उग आती है। स्थानीय लोगों ने कभी इस पर ध्यान ही नहीं दिया। लोगों की नजर तो तब पड़ी जब यह घास काट काट कर लोग ट्रालियों में भरकर ले जाने लगे। जानकारी करने पर पता चला कि उत्तराखंड की तमाम कंपनियां इस घास का प्रयोग कर दवा बना रही हैं।

एक ठेकेदार के मुताबिक, करीब 20 एमटी से अधिक मकुईया कंपनी को सप्लाई कर चुके हैं। उसने बताया कि मकुईया किडनी, सूजन, बवासीर, दस्‍त या कई प्रकार के चर्म रोग के उपचार में लाभ पहुंचाता है। इससे संबधित दवाएं एवं चटनी बनाई जा रही है। इसके पत्‍ते एवं फल के सेवन से पेट का अल्‍सर ठीक होता है।

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बिनावर में बनाया गया है प्लांट

मकुइया के मुताबिक औषधियों को ट्रैक्टर-ट्राली से बिनावर थाना क्षेत्र के गांव कुली तारपुर ले जाया जाता है। यहां ठेकेदार का प्लांट लगा हुआ है। यहां कुटाई-छंटाई के बाद बड़े ट्राला या ट्रक में भरकर रुद्रपुर के ऑयल प्लांट में ले जाया जाता है।

जंगलों में अधिक होती है यह घास

मकुईया अधिक मात्रा में जनपद के जंगली इलाके में होती है। सूखी सोत और भैंसोर व महावा नदी किनारे खूब देखने को मिलती है। इसके अलावा उझानी-कछला के बीच जंगल में होती है। कादरचौक के साथ ही ककोड़ा और भूड़ा भदरौल के जंगल में होती है।

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मकुईया से यह होते हैं फायदे

1-पत्तों का काढ़ा पीने से पीलिया में आराम मिलता है।

2-पत्ते चबाने से मुंह के छाले दूर होते हैं।

3-ताज़ा मकोय खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होती है।

4-वात, पित्त, कफ़ (त्रिदोष) से मुक्ति दिलाने में फ़ायदेमंद होता है।

5-मकोय में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है।