बोले मथुरा: जलभराव की समस्या से त्रस्त है गुरुनानक नगर
Mathura News - गुरुनानक कॉलोनी, मथुरा में जलभराव की समस्या से लोग परेशान हैं। कॉलोनी के निवासियों ने कई बार नगर निगम को शिकायतें की हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। कॉलोनी में एक नाला है, जो गंदगी से भरा हुआ है और...

मथुरा। करीब ढाई हजार की आबादी वाली गुरुनानक कॉलोनी महानगर की पॉश डेंपियर नगर के समीप बसी है। इस कॉलोनी में 250 से ज्यादा मकान हैं। एक ओर सौंख अड्डा, दूसरी ओर ब्रज नगर और तीसरी ओर नया बस स्टैंड से होकर कालोनी में आवागमन होता है। खास, बात यह है कि यह वह कालोनी है, जिससे होकर मथुरा की पंचकोसीय परिक्रमा गुजरती है। इस सबके बावजूद कालोनी वर्षों से जलभराव की समस्या से जूझ रही है। हिन्दुस्तान समाचार-पत्र द्वारा आयोजित संवाद में स्थानीय लोगों ने बताया कि अब तक सैंकड़ों बार जनप्रतिनिधियों और नगर निगम के अधिकारियों से शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन आज तक जलभराव की समस्या का समाधान नहीं किया गया।
अंतत: कालोनी के जागरुक लोगों को गुरुनानक नगर वैलफेयर सोसायटी का गठन करना पड़ा। सोसाइटी के माध्यम से लोग कालोनी को जलभराव से मुक्ति दिलाने और यहां की मूलभूत समस्याओं के निराकरण के लिए प्रयास कर रहे हैं। कॉलोनीवासियों का कहना है कि कॉलोनी से होकर करीब 650 मीटर लंबा और दो मीटर गहरा नाला गुजरता है। इस नाले की चौड़ाई भी कम से कम 12 फीट है। यह नाला ब्रज नगर होते हुए भैंस बहोरा के नाले में जुड़ता है। एक समय था, जब कॉलोनी में बिल्कुल भी जलभराव नहीं होता था। पंरतु, पिछले दो दशक से यह कालोनी सीवर टैंक की तरह प्रयोग में लाई जाने लगी है। नया बस स्टैंड पर होने वाले जलभराव की निकासी के लिए पम्पों से पानी इस कालोनी की ओर उड़ेल दिया जाता है। यह पानी भी मथुरा-दिल्ली रेलमार्ग की पुलिया के नीचे से होकर कालोनी में जलभराव का रूप ले लेता है। मामूली बारिश में ही कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं। घरों के बैडरूम से किचन तक जलभराव में समां जाती है। प्रतिवर्ष लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। परंतु, समस्या का कोई समाधान नहीं किया गया। इतना ही नहीं ब्रज नगर की ओर से आने वाले कालोनी के मुख्य मार्ग पर अवैध रूप से वर्कशॉप संचालित की जा रही हैं। दिनभर गाड़ियों का जमावड़ा रहता है। डेंटिंग-पेंटिंग होती रहती है। राह निकलना मुश्किल है। यही नहीं कालोनी के दोनों मुहानों पर गेस्ट हाउस बना दिए गए हैं। कालोनी के आसपास असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है। कालोनी में सिर्फ एक ओर नाला है। इस नाले को बंद करते हुए दोनों ओर बड़ी नालियों का निर्माण कराया जाना चाहिए, ताकि जलभराव से मुक्ति मिल सके। इसके साथ ही कालोनी में सफाई नहीं होती है। बंदरों का आतंक है और प्रकाश व्यवस्था न के बराबर है। तमाम लोगों ने नालियों पर रैम्प बना दिए हैं, जिससे नालियां अवरुद्ध हैं। जलभराव की समस्या की वजह से अभी तक दर्जनभर लोग कालोनी से पलायन कर चुके हैं। नगर निगम को योजना बनाकर जलभराव की समस्या का निदान करना चाहिए। क्षेत्र में बंदरों का सबसे ज्यादा आतंक है। इसके चलते घरों पर जाल लगवाने पड़े हैं, जिस पर भारी खर्चा हुआ है। नगर निगम बंदरों को पकड़वाए, ताकि लोगों को बंदरों के आतंक से मुक्ति मिल सके। -एसएस शर्मा, रिटायर्ड सीओ गुरुनानक नगर के बहार कई डलावघर बनादिए गए हैं। इन डलावघरों पर कूदे के ढेर लगे रहते हैं। कूड़े का नियमित उठान तक नहीं होता है। इसके चलते हर वक्त दुर्गंध का माहौल रहता है। शिकायत पर भी समाधान नहीं किया गया है। -कप्तान सिंह कॉलोनी के ब्रजनगर वाले रस्ते की रेलवे लाइन पर अतिक्रमण है, जिससे नाले की सफाई नहीं हो पाती है। रेलवे लाइन के पास से अतिक्रमण हटाया जाए, ताकि नालों में गंदगी न भरी रहे और जलभराव से मुक्ति मिल सके। -अजय बंसल गुरुनानक नगर से भैंस बहोरा तक नाले की तलीझाड़ सफाई की जाए। यही नहीं गुरुनानक नगर में दोनों ओर बड़ी नालियां बनायी जाएं, ताकि समस्या का समाधान हो सके। गुरुनानक नगर को सीवर के चैंबर की तरह यूज किया जा रहा है। -जुगल श्रीवास्तव गुरुनानक नगर कॉलोनी एक ओर सौंख अड्डा से जुड़ी है तो दूसरी ओर नया बस स्टैंड से जुड़ी हुई है। सफाई न होने की वजह से स्थानीय लोगों के साथ-साथ यहां गुजरने वालों को भी दुर्गंध की वजह से मुश्किल होती है। इस समस्या का समाधान हो। -मंजूलता गोस्वामी कॉलोनी में पेयजल की समस्या से लोग परेशान हैं। यहां खारे पानी की आपूर्ति होती है। गंगाजल की आपूर्ति के लिए पाइप लाइन तो डाल दी गई है, लेकिन आज तक गंगाजल की आपूर्ति शुरु नहीं की गयी। इस समस्या का समाधान प्राथमिकता से कराया जाए। -सुनील भूटानी मथुरा की पंचकोसी परिक्रमा यहीं से होकर गुजरती है। पहले नाले पर जाल लगा दिये थे, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही थीं। इस नाले को यहां से हटाकर कालोनी के मुख्यमार्ग पर दोनों ओर बड़ी नालियां बनाई जाए, ताकि पानी की निकासी हो सके और लोगों को समस्या से मुक्ति मिल सके। -अखिलेश चन्द्र चतुर्वेदी गुरुनानक नगर की जलभराव की समस्या के निराकरण के लिए लंबे समय से प्रयास चल रहे हैं। कई बार नगर निगम में शिकायतें की गयीं, लेकिन समाधान नहीं हुआ। यहां 650 मीटर लंबा नाला है, जिसकी सफाई नहीं होती है। इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। -जय केशव मिश्रा कॉलोनी में बंदरों का भारी आतंक है। बंदर कभी किसी पर भी हमला कर देते हैं। हाल ये है कि लोग घरों में भी सुरक्षित नहीं है। घरों की छतों पर भी जाना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को हाती है। बंदरों के आतंक से मुक्ति को कई बार मांग की गई है। लकिन समाधान नहीं हुआ। -डा. साधना सक्सेना
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