पानी आपूर्ति के समय नहरों की हो रही सफाई
Mau News - घोसी में धान की नर्सरी डालने का समय आ रहा है, लेकिन किसानों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग नहरों की सफाई में व्यस्त है, जिससे नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा सका है। इस स्थिति के...
घोसी। वर्तमान समय में खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की रोपाई के लिए धान की नर्सरी डालने और खेतों की भराई का समय अपने अंतिम पड़ाव पर है। किसान इसकी तैयारी कर नहर में पानी की आपूर्ति चालू होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सिंचाई विभाग अभी नहरों की सफाई में जुटा है। पानी के अभाव में धान की नर्सरी सूख रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। घोसी तहसील अंतर्गत बन अवध क्षेत्र धान उत्पादन में अग्रणी क्षेत्र माना जाता है। इसका प्रमुख कारण इस क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी नहर मानी जाने वाली शारदा सहायक नहर खण्ड 32 है, जो यहां की खेती के लिए सबसे बड़ी संजीवनी साबित होती है।
प्रदेश में सूखे की स्थिति के बावजूद इस क्षेत्र में धान के उत्पादन पर कोई खास असर देखने को नहीं मिलता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह नहर विभागीय उपेक्षा का शिकार होती चली जा रही है। इस क्षेत्र की नहर से संबंधित माइनर झाड़-झांखाड़ और घास-फूस से पटी है तो दूसरी ओर सिंचाई विभाग नहर में पानी छोड़े जाने के समय नहरों की सफाई कराने में व्यस्त है। वर्तमान सीजन में धान की नर्सरी डालने का सीजन लगभग अपने अंतिम दौर में होने के बावजूद नहर में अबतक पानी नहीं छोड़ा जा सका है, जिससे किसान धान की नर्सरी डालने के लिए काफी परेशान हैं। दूसरी ओर खेतों में गेहूं की कटाई के बाद ढैंचा की भी बोआई नहीं की जा सकी है। कोट : नहर की सफाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। कुछ मरम्मत का कार्य भी पूरा कराया जा रहा है। दो जून से नहरों में पानी की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी और पूरी क्षमता के साथ पंपों का संचालन किया जाएगा। मनोज सिंह, एक्सईएन, सिंचाई विभाग, मऊ।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।