बोले मेरठ : दुरुस्त हों चर्च को जाने वाली सड़कें, मिले योजनाओं का लाभ
Meerut News - मेरठ के ऐतिहासिक सेंट जोसफ चर्च में ईसाई समाज की चिंता बढ़ रही है। चर्च के आसपास असामाजिक तत्वों की मौजूदगी, सड़क की खराब स्थिति और गरीब ईसाई समुदाय को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र न मिलना प्रमुख समस्याएं...
ऐतिहासिक शहर मेरठ में अंग्रेजों के दौर से मौजूद चर्च की अपनी अलग ही पहचान है, जहां ईसाई समाज के हजारों लोग अपने त्योहारों पर प्रार्थना सभाएं करते हैं। मेरठ में बड़ी संख्या में ईसाई समाज लोग रहते हैं, जो कैथोलिक, मैथोडिस्ट और सीएनआई शाखाओं से संबंध रखते हैं। इनके लिए चर्च सिर्फ एक इबादतगाह नहीं, बल्कि उनकी आस्था, पहचान और परंपराओं का केंद्र है। लेकिन आज ईसाई समाज में कई चिंताएं सामने आई हैं, जिनमें ईडब्ल्यूएस के तहत सर्टिफिकेट नहीं बनाए जाना और चर्च के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा चिंता का विषय है। मेरठ शहर में ईसाई समाज की विभिन्न शाखाओं से करीब 10 हजार लोग जुड़े हैं। इनकी शाखाओं की बात करें तों इनमें कैथोलिक, मेथोडिस्ट और सीएनआई शाखाएं शामिल हैं। रोमन कैथोलिक इनकी प्रमुख शाखा है। इस शाखा के लोग यीशु मसीह को मसीहा के रूप में स्वीकार करते हैं और रोम के पोप को अपना सर्वोच्च मानते हैं। वहीं, मेथोडिस्ट पूजा की अपनी शैली में भिन्न होते हैं। सीएनआई यानि चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया, इसमें कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और अन्य ईसाई संप्रदाय के सदस्य शामिल हैं। हिन्दुस्तान बोले मेरठ की टीम समस्याओं को जानने सेंट जोसफ चर्च पहुंची। यहां ईसाई समाज के पादरी फादर जॉन चिन्मय और प्रेम निवास व ज्योति निवास की सिस्टर सहित समाज के मुख्य लोगों से संवाद किया।
डेनियल मसीह, एडवोकेट सिल्विया सैमुअल, जेम्स राम सिंह और फादर जॉन चिन्मय का कहना है कि जब भी किसी इलाके में सामूहिक प्रार्थना होती है तो ईसाई समाज को गलत निगाह से देखा जाता है। कई बार प्रार्थना करने पर ही धर्म परिवर्तन का दोषी ठहरा दिया जाता है। यह ईसाई समाज की बड़ी चिंता का कारण बन चुका है। शहर में मौजूद प्रेम निवास में सबसे ज्यादा दूसरे धर्मों के लोग रहते हैं, जिनकी सेवा ईसाई समाज के लोग करते हैं। एंटी कन्वर्जन बिल के कारण ईसाई समाज का सहारा लेकर लोग कभी भी शिकायत कर देते हैं। पुलिस भी बिना जांच के लोगों को पकड़ लेती है।
1834 में बने ऐतिहासिक चर्च में आई दरार
कैंट एरिया स्थित सेंट जोसफ कैथेड्रल चर्च 1834 में बना था। सैमसन मैसी, शैलजा डेनियल, रेफियल रॉबर्ट, हारून पॉल का कहना है कि यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि ईसाई समाज की विरासत है। हर रविवार यहां सैकड़ों लोग प्रार्थना करते हैं। चर्च की सदियों पुरानी दीवारों में आजकल रैपिड रेल प्रोजेक्ट की सुरंग के कारण दरारें पड़ गई हैं। पास में मौजूद सेंट जोसफ स्कूल की बिल्डिंग में भी दरारें पड़ गई हैं, जिनका जल्द निवारण किया जाए।
शाम की प्रार्थना, असुरक्षा का डर
ईसाई समाज के इमैनुअल डेविड, एग्नस मैसी, डेनिस क्लेमेंट और लॉरेंस रॉबर्ट का कहना है कि चर्च के बाहर मुख्य सड़क पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सड़क में गहरे गड्ढे हो गए हैं। लोग गिरकर लोग चोटिल होते हैं। चर्च के आसपास असामाजिक तत्वों की बढ़ती मौजूदगी से डर का माहौल रहता है। शाम होते ही चर्च के आसपास शराबियों का जमघट लग जाता है। महिलाएं और बुजुर्ग डर के साये में रहते हैं। यहां पुलिस की व्यवस्था हो और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
समाज के गरीब तबके की दोहरी पीड़ा
बेंजेमन डेनियल और निर्मला डेविड का कहना है कि ईसाई समाज का गरीब तबका और भी अधिक पीड़ा में है। उन्हें ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र नहीं मिल पाता, जिससे न तो सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलता है और न ही शिक्षा में सहायता। उनके लिए जीवन संघर्ष बन चुका है। बेंजेमन का कहना है कि परिवार की देखभाल मेरे कंधे हैं। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा हूं, लेकिन ईब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट नहीं बनता।
समाज की समस्याओं पर दें ध्यान
ईसाई समाज के लोगों का कहना है कि सेंट जोसफ चर्च के सामने सड़क बने, असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई हो और गरीब ईसाइयों को ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट मिल सके। वे अनुदानित स्कूलों में भर्ती का अधिकार भी चाहते हैं, ताकि समाज की नई पीढ़ी शिक्षा की रोशनी में अपना भविष्य संवार सके। धर्म का मूल उद्देश्य है शांति, प्रेम और भाईचारा।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी में मिलती है सहायता
मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी प्रेम निवास और ज्योति निवास की सिस्टर रजनी, सिस्टर ऑलिवेट और सिस्टर रोशिना का कहना है कि वह यहां दिव्यांग, बुजुर्गों की सेवा करती हैं। प्रेम निवास में करीब 40 लोग हैं, इनमें अधिकतर हिंदू हैं और केवल तीन ही ईसाई हैं। ज्योति निवास में 30 बच्चियां हैं, जिनमें केवल एक क्रिश्चन है। इसके बावजूद लोग ईसाई धर्म की प्रार्थना और त्योहारों को गलत नजरों से देखते हैं। फादर जॉन चिन्मय का कहना है कि बड़े दिन के त्योहार पर क्रिश्चन एक दूसरे के घर जाकर कोरल सिंगिंग करते हैं, जिसका लोग विरोध करने लगे हैं। त्योहार को सद्भावना और सौहार्द्र के साथ देखा जाए, ना कि गलत निगाह से।
पदयात्रा के दौरान बढ़े सुरक्षा
ईसाई समाज के लोगों का कहना है कि 7 मई की शाम एक पदयात्रा सरधना चर्च तक की जाती है। हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। रात तक चलने वाली पदयात्रा के दौरान कई बार संदिग्ध लोग अड़चनें डालने की कोशिश करते हैं, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए।
मेरठ शहर के पुराने चर्च
लेखानगर में मौजूद सेंट जोंस चर्च सबसे पुराना है, जो 1810 में बना था। सरधना में रोमन कैथोलिक चर्च है, जिसका निर्माण 1809 में शुरू हुआ और 1822 में बनकर तैयार हुआ था। यह चर्च प्रभु यीशु के सम्मान में बनाया गया था। इस चर्च की मान्यता है माता मरियम श्रद्धालुओं पर कृपा बरसाती हैं। उनके दर्शन के लिए यहां देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। कैंट एरिया में बना सेंट जोसफ कैथोलिक चर्च 1834 में बना था। यहां चर्च के सामने लगा एक प्राचीन पिलर कुछ जगहों की दूरियों को मील में प्रदर्शित करता है।
समस्या
- सेंट जोसफ चर्च के सामने सड़क टूटी है, गड्ढे बन गए हैं
- चर्च के आसपास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है
- ईसाई समाज के गरीब तबके को ईडब्ल्यूएस प्रमाण नहीं मिलता
- अनुदानित स्कूलों में भर्ती के अधिकार को खत्म कर दिया गया है
- आए दिन धार्मिक प्रार्थना समारोह के दौरान लोग परेशान करते हैं
समाधान
- सेंट जोसफ चर्च के सामने सड़क का निर्माण कराया जाए
- चर्च के आसपास से असामाजिक तत्वों को हटाया जाए
- गरीब तबके को ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र दिए जाने का प्रावधान हो
- अनुदानित स्कूलों में भर्ती के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं
- एंटी कन्वर्जन बिल की आड़ में धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप रोका जाए
लोगों की व्यथा
कैंट एरिया में यह प्रमुख चर्च है, चर्च में प्रार्थना के दौरान सैकड़ों लोग आते हैं, लेकिन इसके सामने सड़क जर्जर हो चुकी है। - सैमसन मैसी
प्रशासन से अनुरोध है कि चर्च के आसपास असामाजिक तत्वों पर रोक लगाई जाए, जो यहां खड़े होकर शराब पीते रहते हैं। - इमैनुअल डेविड
चर्च आने वाली महिलाओं को असामाजिक तत्वों से दिक्कतें होती हैं, डर का महौल बना रहता है, समाधान होना चाहिए। - ऐग्नस मैसी
ईसाई समाज के गरीब तबके के लोगों की सहायता की जानी चाहिए, उन्हें भी सुविधाएं मिलें और शिक्षा व स्वास्थ्य बेहतर हो। - निर्मला डेविड
कई बार केवल प्रार्थना करने पर ही धर्म परिवर्तन जैसा आरोप लगाया जाता है। यह सबसे बड़ी चिंता का कारण बन चुका है। - फादर जोन चिन्मय
चर्च की मजबूत और पुरानी दीवारों में रैपिड रेल प्रोजेक्ट की सुरंग के कारण दरारें पड़ गई हैं। जिनका समाधान होना चाहिए। - शैलजा डेनियल
चैरिटी ऑफ मिशनरीज की ओर बनाए गए प्रेम निवास और ज्योति निवास में ज्यादातर दूसरे धर्म से हैं, फिर भी आरोप लगते हैं। - सिस्टर रजनी
समाज के हर तबके के लोग प्रेम निवास और ज्योति निवास में रहते हैं, उनसे कोई भेदभाव नहीं होता, फिर भी लोग गलत कहते हैं। - सिस्टर ओलिवेट
ईसाई धर्म प्रेम और सौहार्द का धर्म है, लोगों में एक दूसरे के प्रति लगाव रहता है, सहायता करते हैं, लेकिन गलत आरोप लगते हैं। - सिस्टर रोशिना
समाज के लोग कहीं एक जगह एकत्र होकर प्रार्थना सभा करते हैं तो उनके खिलाफ धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया जाता है, यह गलत है। - सिल्विया सैमुअल
समाज के गरीब लोगों के लिए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि उनको भी नौकरी मिल सके। - रेफियल रॉबर्ट
घरों में की जाने वाली प्रार्थना को गलत निगाह से ना लिया जाए, धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया जाना बहुत गलत है। - जेम्स राम सिंह
किसी कार्रवाई करने से पहले जांच पड़ताल होनी चाहिए, किसी पर भी गलत आरोप लगाकर उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है। - हारून पॉल
पदयात्रा के दौरान या त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होनी चाहिए, असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई हो। - डेनिस क्लेमेंट
ईसाई समाज के लोगों के कार्यक्रमों को गलत निगाह से ना देखा जाए, समाज हमेशा अनेकता में एकता की मिसाल बनता है। - लॉरेंस रॉबर्ट
मेरे पिता नहीं हैं, परिवार को चलाता हूं, लेकिन मेरा ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहा है, किसी तरह व्यवस्था हो। - बेंजेमन डेनियल
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