बोले मेरठ : बदहाल कॉलोनी का नारायणी नाम, यहां सुविधा न सफाई का इंतजाम
Meerut News - मेरठ के पल्लवपुरम की नारायणी कॉलोनी के लोग हाईटेंशन बिजली की लाइनों के खतरे में जी रहे हैं। गर्मी में छत पर चढ़ना जानलेवा हो गया है। लोग समाधान की मांग कर रहे हैं, जबकि कॉलोनी में सीवर और सफाई की...

मेरठ। पल्लवपुरम की नारायणी कॉलोनी में रहने वाले लोग आजकल डर के साए में जी रहे हैं। छतों से जा रही हाईटेंशन लाइन ने मानों उनकी टेंशन बढ़ा दी है। यहां लोगों की छतों के ऊपर से गुजरती हाईटेंशन लाइन उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को खतरे में डाल रही है। एक तरफ गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, दूसरी तरफ छतों पर चढ़ना अब जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है। वहीं कॉलोनी के लोग इस समस्या का समाधान चाहते हैं, साथ ही बुनियादी सुविधाओं की आस में हैं। मेरठ का पल्लवपुरम इलाका, जिसे नया मेरठ भी कहा जाता है, इसकी एक कॉलोनी है, नारायणी। जहां करीब 100 से ज्यादा घर हैं और लगभग 300 लोग रहते हैं। आज यह कॉलोनी एक गंभीर संकट का सामना कर रही है। इस कॉलोनी की नींव साल 2004 में रखी गई थी। लोगों ने उम्मीद के साथ अपने सपनों का घर बनाया, लेकिन आज वही घर डर का साया बन चुका है। हाईटेंशन लाइनें केवल बिजली नहीं ले जा रहीं, बल्कि लोगों की शांति, सुरक्षा और चैन भी अपने साथ खींचकर ले जा रही है। घरों के ऊपर से गुजर रही 33 हजार केवी की लाइन लोगों के लिए खतरे की घंटी है, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। कॉलोनी के लोगों ने इस संबंध में शासन से लेकर प्रशासन तक बिजली के तारों को हटवाने की मांग की है, लेकिन अब केवल एक आस ही है, कि इस डर से उनको छुटकारा मिलेगा।
कॉलोनी में रहने वाले योगेंद्रपुरी, सतेंद्र कुमार, संजय शर्मा, लोकेश और डॉ. संदीप चौधरी का कहना है कि पड़ोस में बन रही एक कॉलोनी में हाईटेंशन लाइन अंडर ग्राउंड डाली जा रही है, लेकिन नारायणी कॉलोनी के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइन को अंडर ग्राउंड नहीं किया जा रहा है। सबसे बड़ी समस्या ये है कि कॉलोनी के मकानों से सटाकर दूसरी कॉलोनी में बिजली घर बनाया जा रहा, एक तो कॉलोनी में घरों के ऊपर से हाईटेंशन लाइन जा रही है, साथ ही मकानों से सटाकर बिजली घर बना रहे हैं, जिससे खतरा दुगुना हो गया है। पहले ही हाईटेंशन लाइन के कारण चिंगारी कॉलोनी के घरों पर गिरती है, बिजली घर बन जाएगा तो और भी दिक्कत हो जाएगी। इस लाइन को भी अंडरग्राउंड डाला जाए तो बात बन सकती है।
हाईटेंशन लाइन से हो चुके हादसे
कॉलोनी में रहने वाले राजकुमार शर्मा, नेमपाल सिंह, अनीता चौहान, रजनी देवी और हिमांशु शर्मा का कहना है कि कॉलोनी में कई पेड़ थे, जिनको इसलिए काट दिया गया क्योंकि हाईटेंशन लाइन से उनमें करंट आ जाता था। कई बार आग भी लग चुकी है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था। एक बार तो मकान में रखा सामान ही जलकर राख हो गया था, क्योंकि हाईटेंशन लाइन की चिंगारी से उसमें आग गई थी। लोग अपनी छतों पर जाने से डरते हैं, कभी चपेट में ना आ जाएं। छतों से जा रही हाईटेंशन लाइन के कारण लोग अपनी छतों पर दूसरी मंजिल भी नहीं बना पा रहे हैं। हाईटेंशन लाइन का समाधान होना बहुत जरूरी है।
आजतक कनेक्ट नहीं हुई सीवर लाइन
शर्मिष्ठा चौधरी, इंद्रा रानी और प्रवीण कसाना का कहना है कि कॉलोनी में हाईटेंशन लाइन की समस्या बहुत बड़ी है, कॉलोनी के मकानों से सटाकर पावर हाउस के लिए खंभे गाड़ दिए गए हैं। इससे लोगों को और भी खतरा बढ़ जाएगा। वहीं यहां सीवर लाइन की कनेक्टिविटी ना होना भी एक समस्या है। 4-5 साल पहले कॉलोनी में सीवर लाइन डाली गई थी, जो जद्दोजहद के बाद डल तो गई, लेकिन उसकी कनेक्टिविटी कहीं नहीं की गई। कॉलोनी के बाहर सीवर लाइन बंद है, ऐसे में बहुत से लोगों ने सीवर लाइन में गंदे पानी का पाइप भी नहीं जोड़ा है। कॉलोनी के सभी सीवर लगभग ठप पड़े हुए हैं। अगर कनेक्टिविटी बन जाए तो बहुत राहत मिल जाए।
बरसात में बढ़ जाती है दिक्कत
कॉलोनी में रहने वाले यशपाल सिंह और चंद्रमुखी का कहना है कि सीवर लाइन की कनेक्टिविटी नहीं होने से जलभराव की दिक्कत होती है। नालियां भी लगभग टूटी पड़ी हैं, गंदे पानी की निकासी कहीं नहीं है। सीवर लाइन पहले ही बंद है, अगर नालियों का पानी बिना कनेक्टिविटी के सीवर में जाने लगेगा तो समस्या ज्यादा बढ़ जाएगी। फिलहाल सीवर लाइन को मुख्य लाइन से कनेक्ट किया जाए, ताकि लोगों को समस्याओं से जूझना ना पड़े। बरसात के मौसम में कॉलोनी के अंदर मच्छर बहुत ज्यादा पैदा हो जाते हैं।
गंदगी और झाड़ियों में पैदा हो रहे मच्छर
नारायणी कॉलोनी के लोगों का कहना है कि यहां खाली प्लॉट्स में झाड़ियां उग आई हैं और इनसे गंदगी रहती है। यहां सफाई होनी चाहिए, ताकि गंदगी से पैदा होने वाले मच्छरों का प्रकोप कम हो सके। नगर निगम से फॉग वाले भी यहां तक नहीं आते हैं। जबकि कॉलोनी में गंदगी के कारण मच्छर हो गए हैं। इससे पहले मच्छर डेंगू और अन्य बीमारियों के वाहक बनें, इनका इलाज होना चाहिए। साथ ही इलाके में दवाई का छिड़काव किया जाए तो बेहतर होगा। वहीं सफाई के लिए कॉलोनीवासियों ने प्राइवेट कर्मी लगा रखा है, नगर निगम कर्मचारी भी आएं तो बात बने।
आवारा पशुओं से परेशान
कॉलोनी के लोगों का कहना है कि यहां कुत्तों का काफी आतंक है। उनकी संख्या लगातार बढ़ रही है, जो आए दिन बच्चों और बड़ों को अपना शिकार बनाते रहते हैं। नगर निगम इस समस्या का समाधान करे, ताकि लोगों को छुटकारा मिल सके। वहीं कॉलोनी में सांड और अन्य पशु भी घूमते रहते हैं। किसी को भी टक्कर मार देते हैं, कई लोग पहले भी घायल हो चुके हैं। नगर निगम को इनका समाधान खोजना चाहिए।
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शिकायतें बहुत दीं, समाधान नहीं
नारायणी कॉलोनी के लोगों का कहना है, कि हाईटेंशन लाइन को लेकर कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, ऑनलाइन भी मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की, पत्राचार किया गया, लेकिन समाधान नहीं मिला। लोग डरते हैं, कि कहीं हाईटेंशन लाइन एक चिंगारी उनके सपने राख न कर दे। यह लाइन बहुत पुरानी है, कॉलोनी बनती गईं, लेकिन इस लाइन का समाधान नहीं हुआ। अंडरग्राउंड लाइन डाली जा रही है, लेकिन इस कॉलोनी के ऊपर से गुजरने वाली 70 मीटर लाइन ही छोड़ दी जा रही है। इसका समाधान होना बहुत ही जरूरी है।
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समस्या
- कॉलोनी के बराबर में पावर हाउस बनने से खतरा बढ़ जाएगा
- 33 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन छतों से जा रही है
- कॉलोनी के सीवर लाइन की कनेक्टिविटी कहीं भी नहीं है
- साफ-सफाई के कारण कॉलोनी में मच्छर पनप रहे हैं
- आवारा पशुओं की संख्या बढ़ रही है, कुत्ते परेशान करते हैं
सुझाव
- पावर हाउस को कॉलोनी के घरों से दूर बनाया जाए
- लोगों की छतों से जा रही हाईटेंशन लाइन हटाई जाए
- कॉलोनी के सीवर लाइन की कनेक्टिविटी सुचारू की जाए
- कॉलोनी में फॉगिंग की जाए, दवाई भी छिड़की जाए
- कॉलोनी में आवारा पशुओं पर लगाम लगाई जाए
इन्होंने कहा
नारायणी कॉलोनी 2004 में बनी थी। 300 के करीब लोग निवास करते हैं, लेकिन कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। - योगेंद्र पुरी
घरों के बराबर में पावर हाउस बनाया जा रहा है, 33 हजार की हाईटेंशन लाइन छतों से होकर जा रही है, हादसे की आशंका बनी रहती है। -सत्येंद्र कुमार
कॉलोनी में सीवर लाइन बिछाई गई है, लेकिन चार-पांच साल हो गए हैं अब तक सीवर लाइनों को कनेक्ट ही नहीं किया गया है। - संजय शर्मा
जगह-जगह झाड़ के कारण कॉलोनी में मच्छर पनप रहे हैं, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के बीमार होने का खतरा बन रहा है। - लोकेश
कॉलोनी में सबसे बड़ी समस्या हाईटेंशन लाइन की है, जहां एक किमी की लाइन अंडर ग्राउंड डाली जा रही है, 70 मीटर और सही। -डॉ. संदीप चौधरी
कॉलोनी में पानी की निकासी के लिए सीवर बनाए गए हैं, लेकिन आज तक इन सीवरों को चालू ही नहीं किया गया है। - राजकुमार शर्मा
नालियां टूटी पड़ी है, गंदा पानी बाहर तक आ जाता है, गंदगी साफ करने के लिए कोई सरकारी कर्मचारी नहीं आता है। - नेमपाल सिंह
साफ-सफाई करने के लिए कॉलोनी वालों ने प्राइवेट सफाई कर्मचारियों को अपने खर्च पर ही लगा रखा है, सरकारी कर्मचारी नहीं आता। - अनिता चौहान
हाईटेंशन लाइन में स्पार्किंग होती रहती है, जिससे आग लगने का खतरा बना रहता है, हादसे की चपेट में कोई भी आ सकता है। - रजनी देवी
हाईटेंशन लाइन से आए दिन हादसे होते रहते हैं, लाइन से पेड़ों में आग लग जाती है, कॉलोनीवासियों का सामान तक भी जल चुका है। - संगीता देवी
लोगों ने अपने पेड़ कटवा दिए हैं, क्योंकि हाईटेंशन लाइन पेड़ों टकराती थी, जिससे पेड़ों की टहनियों में आग लग जाती थी। - हिमांशु शर्मा
आवारा पशुओं की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है, कुत्ते और सांड खुलेआम घूमते रहते हैं, नगर निगम इनके लिए अभियान चलाए। - शर्मिष्ठा चौधरी
सीवर लाइन को कनेक्ट कराया जाए तो गंदे पानी से निजात मिल जाएगी, और लोगों को बीमारियों से भी बचाया जा सकेगा। - इंद्रा रानी
कॉलोनी की समस्याओं को लेकर सभी विभागों में शिकायती पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी तक भी समाधान नहीं हो पा रहा है। - प्रवीण कसाना
पड़ोस की कॉलोनी में पावर हाउस बनाया जा रहा है। जो कॉलोनी के मकानों से लगा हुआ है, जिससे खतरा और भी बढ़ जाएगा। - चंद्रमुखी
कॉलोनी के ऊपर से जा रही हाईटेंशन लाइन केवल 70 मीटर लंबी है, जिसको अंडरग्राउंड बिछाया जाना चाहिए, ताकि खतरा कम हो। - यशपाल सिंह
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