'मिक्स लैंड यूज' ही सेंट्रल मार्केट का एकमात्र समाधान
Meerut News - सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ के शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट में अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। व्यापारियों की टाइम एक्सटेंशन याचिका खारिज होने के बाद, कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन न करने पर...

मेरठ। शास्त्रीनगर सेंट्रल मार्केट मामले में व्यापारियों की टाइम एक्सटेंशन वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज होने के बाद ध्वस्तीकरण का सख्त आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया तो याचिकाकर्ता अवमानना का दोषी माना जाएगा। उधर, सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों का कहना है कि पुनर्विचार याचिका से उम्मीदें अभी बाकी है। सेंट्रल मार्केट के भूखंड संख्या-661/6 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश अपलोड हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तो सबसे पहले आवेदकों द्वारा मांगी गई समय-सीमा को अस्वीकार कर दिया है। दूसरे आदेश में पूर्व के निर्देशों का अनुपालन करने को कहा है। ऐसा न करने पर याचिकाकर्ता अवमानना का दोषी माना जाएगा। इसके साथ ही विविध आवेदनों के निस्तारित किये जाने की बात कही गई है। चौथे में यह कहा गया है कि यदि कोई लंबित आवेदन है तो उसे भी निस्तारित किया जाता है। अब आवास विकास ने सुप्रीम आदेश के अनुपालन की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं व्यापारियों को अब शासन से 'मिक्स लैंड यूज' वाली शमन नीति ही सेंट्रल मार्केट को बचा सकती है। हालांकि यह नीति लाना इतना आसान नहीं है। यह लाया गया तो प्रदेशभर में भू-उपयोग परिवर्तन कर खड़े किए बाजार वैध हो जाएंगे।
क्या है शमन नीति
भवन निर्माण से संबंधित शमन नीति ऐसी योजना है, जिसके तहत अवैध निर्माण को शुल्क देकर वैध किया जा सकता है। जब भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन कर बिना नक्शा पास कराए या स्वीकृत नक्शे से अलग निर्माण करता है तो ऐसे अवैध निर्माण को शमन नीति के तहत शुल्क देकर वैध बनाया जा सकता है।
भू-उपयोग परिवर्तन को कोई शमन नीति नहीं
आवास विकास परिषद ने 2020 में केवल आवासीय भूखंडों पर स्वीकृत नक्शे से इतर किए अवैध निर्माण को वैध कराने को शमन नीति लागू की थी। इसे ओटीएस के तहत लाया गया था। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने अवैध निर्माण को शमन के जरिए वैध करने की प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। भू-उपयोग परिवर्तन करने जैसे मामलों के लिए आज तक शमन नीति लागू नहीं की गई है।
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क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को अपने आदेश में सेंट्रल मार्केट स्थित आवासीय भवन संख्या 661/6 में भू-उपयोग परिवर्तन कर किए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश में ऐसे सभी निर्माणों को अवैध माना है जो आवासीय भूखंडों में भू-उपयोग परिवर्तन कर किए गए हैं।
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क्या बोले व्यापारी और अधिकारी
व्यापारियों को जनप्रतिनिधियों और प्रदेश सरकार से बहुत उम्मीद है। ये हजारों परिवारों का मामला है। सरकार भू-उपयोग परिवर्तन के लिए मिक्स लैंड यूज की शमन नीति लाकर मदद कर सकती है।
-किशोर वाधवा, पूर्व अध्यक्ष सेंट्रल मार्केट व्यापार संघ
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व्यापारियों ने मार्केट को खून पसीने से खड़ा किया है। ध्वस्तीकरण सही विकल्प नहीं है। सरकार व्यापारियों की समस्या का समाधान के लिए शमन नीति लेकर आए।
-रजत गोयल, व्यापारी सेंट्रल मार्केट
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इतने बड़े बाजार को ध्वस्त करने का औचित्य नहीं है। हजारों लोगों को रोजगार मिला है। व्यापारियों को जनप्रतिनिधियों से पूरी उम्मीद है वे कोई रास्ता जरूर निकलवाएंगे।
-राजीव गुप्ता, व्यापारी सेंट्रल मार्केट
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क्या बोले अधिकारी
सुप्रीम कोर्ट में व्यापारियों की टाइम एक्सटेंशन वाली याचिका खारिज हो चुकी है। अब आवास विकास कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराएगी। कोर्ट के विस्तृत आदेश का इंतजार है।
-राजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद मेरठ
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