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सख्तीः धर्मांतरण के मामलों में जांच को लगाईं गई एजेंसियां

Meerut News - वेस्ट यूपी में धर्मांतरण की घटनाओं के चलते शासन ने सख्ती बरती है। आईबी, ATS और STF जैसी एजेंसियों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि धर्मांतरण के लिए लाखों रुपये की रकम...

Newswrap हिन्दुस्तान, मेरठFri, 13 June 2025 05:35 AM
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सख्तीः धर्मांतरण के मामलों में जांच को लगाईं गई एजेंसियां

वेस्ट यूपी में बड़ी संख्या में धर्मांतरण की घटनाओं को लेकर शासन ने सख्ती की है। इन मामलों की जांच के लिए अलग-अलग जांच एजेंसियां लगाई गई हैं। आईबी, इंटेलीजेंसी, एटीएस और एसटीएफ समेत एलआईयू को यह जिम्मा दिया गया है। पता लगाया जा रहा है कि धर्मांतरण के पीछे किन लोगों का नेटवर्क है और इसमें खर्च होने वाली रकम कहां से आई। शुरुआती जांच में पता चला है कि कुछ बचत खातों में लाखों की रकम मंगवाई गई और इसे टुकड़ों में धर्म बदलने वालों के खातों में भेजा गया। मेरठ में अक्टूबर 2022 में ब्रह्मपुरी की मंगतपुरम बस्ती में 150 से ज्यादा लोगों का सामूहिक रूप से धर्मांतरण कराकर ईसाई बनाया गया।

जांच के बाद महेश पास्टर, अनिल पास्टर समेत नौ आरोपियों पर ब्रह्मपुरी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। गाजियाबाद में भी 2023 में धर्मांतरण का खुलासा हुआ। इस तरह के दर्जनभर से ज्यादा मामले पिछले पांच साल में सामने आए, जिसमें धर्मांतरण के पीछे पैसे का लालच शामिल था। ऐसे में शासन ने इन सभी मामलों में मनी ट्रेल यानी वित्तीय लेनदेन का रिकार्ड पता करने के लिए आईबी, एसटीएफ, एटीएस, इंटेलीजेंस और एलआईयू को जिम्मेदारी सौंपी है। एजेंसियों को अलग-अलग मामले दिए गए हैं ताकि जांच तेजी से पूरी हो सके। इस बात पर विशेष जोर है कि धर्मांतरण के लिए किन मामलों में विदेश से पैसा आया और कहां-कहां भेजा गया। मुकदमों के मुख्य आरोपियों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। शुरुआती जांच में पैसे के लेनदेन का खुलासा शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि मेरठ और गाजियाबाद के मामलों में विदेश से बचत खातों में रकम आई थी। इसके बाद इस रकम को अन्य बैंक खातों में 5 से 10 हजार रुपये तक ट्रांसफर किए गए। रकम धर्मांतरण करने वालों के खातों में गई। जानकार बताते हैं कि शहर के बाहर बनी बस्तियां और झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले सॉफ्ट टार्गेट होते हैं, जिन्हें मामूली रकम का लालच देकर उनका धर्म बदलवाया जाता है। जांच एजेंसियां देख रही हैं कि धर्मांतरण के लिए रकम किनके द्वारा भेजी गई और कदम कहां-कहां गई। हालांकि धर्मांतरण के कई प्रकरणों में पुलिस ने चार्जशीट लगा चुकी है लेकिन एजेंसियां नए सिरे से जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजेंगी। वेस्ट यूपी के बड़े मामले - गाजियाबाद में वर्ष 2024 में कुछ लोगों को रकम का लालच देकर ईसाई बनाया गया। - मेरठ में 2025 में कंकरखेड़ा के विकास एनक्लेव में केरल के परिवार ने लोगों का सामूहिक धर्मांतरण कराया। - कंकरखेड़ा के खड़ौली में रवि पास्टर ने सामूहिक धर्मांतरण कराया था, जिसमें मुकदमा दर्ज हुआ। - मेरठ में वर्ष 2021-2022 में ब्रह्मपुरी की मंगतपुरम बस्ती में सामूहिक धर्मांतरण कराया गया। मौलाना कलीम और उमर गौतम को हो चुकी सजा देश में धर्मांतरण के बड़े नेटवर्क का खुलासा एटीएस ने वर्ष 2020-21 में किया था, जब मुजफ्फरनगर के फूलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी और साथी उमर गौतम की गिरफ्तारी की गई थी। इस मामले में 16 आरोपियों पर एनआईए कोर्ट में केस चलाया गया। 12 सितंबर 2024 को 16 आरोपियों को सजा हुई। मौलाना कलीम की गिरफ्तारी मेरठ से हुई थी।

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