विकास के रथ पर अब सवार होगा मेरठ, 18 हजार करोड़ से परवान चढ़ेंगे 93 प्रोजेक्ट
Meerut News - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान को मंजूरी दी, जिसमें 93 परियोजनाओं के लिए 18,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। योजना का उद्देश्य शहर को अतिक्रमण से मुक्त करना और इसे खेल,...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डवलपमेंट प्लान पर मुहर लगा दी। उन्होंने कहा शहर को पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त करते हुए बेहतर विकास किया जाए। बैठक में बताया गया शहर के विकास के लिए 93 परियोजनाओं पर 18 हजार 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनमें से छह परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। ‘मेरठ इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लानको लेकर तीन महीने से कवायद चल रही है। मार्च में मेरठ दौरे में मुख्यमंत्री ने प्रयागराज की तर्ज पर मेरठ के विकास की बात कही थी। इसके बाद कमिश्नर डा.ह्रषिकेश भाष्कर यशोद की देखरेख में प्रशासन, नगर निगम, मेडा और अन्य विभागों ने मिलकर प्लान तैयार किया।
कई स्तरों पर विमर्श के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री के सामने प्रजेंटेशन दिया गया। लखनऊ में शासन के उच्चाधिकारी मौजूद रहे। मेरठ डीएम डा.वीके सिंह, मेडा वीसी संजय कुमार मीना, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार, एसएसपी विपिन ताडा और अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का केंद्र बने मेरठ मुख्यमंत्री ने कहा ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए शहर का विकास किया जाए। मेरठ स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक की यात्रा में महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। खेल उद्योग, शैक्षणिक संस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से निकटता के कारण यह शहर विशेष पहचान रखता है। इसे खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार की प्रेरणादायी नगरी के रूप में विकसित किया जाए। भीड़-भाड़ और जाम खत्म करने को जिला प्रशासन, विकास प्राधिकरण और नगर निगम मिलकर काम करें। केवल डिजिटल होर्डिंग लगाएं, पूरे शहर पर सीसीटीवी की नजर हो, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और आम नागरिकों के सहयोग से निगरानी तंत्र को सशक्त बनाएं। कैमरों की फुटेज आवश्यकता पड़ने पर पुलिस को दी जाए। मेरठ को बनाएं आभूषण निर्माण का हब मुख्यमंत्री ने कहा मेरठ में परंपरागत रूप से आभूषण निर्माण का काम होता है। मेरठ को ज्वेलरी हब के रूप में विकसित किया जाए। कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, विपणन सहायता और सुरक्षा संबंधी ढांचा उपलब्ध कराया जाए। ड्रेनेज और सीवरेज प्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया इसे भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार किया जाए। उन्होंने कहा जनसंख्या घनत्व में वृद्धि और बदलते शहरी परिदृश्य के अनुरूप जल प्रबंधन की योजनाएं वैज्ञानिक व तकनीकी दृष्टिकोण से तैयार की जानी चाहिए। इलेक्ट्रिक वाहनों को दें बढ़ावा उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और सिटी बस सेवा में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करें। शहर को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में ढालना है। स्वच्छ नगर की परिकल्पना को साकार करने को डोर-टू-डोर कूड़ा उठाया जाए। सीवर निस्तारण को एसटीपी अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ड्रेनेज को प्राकृतिक व्यवस्था से जोड़ना अधिक प्रभावी होगा। विकास योजना छह प्रमुख विषयों पर आधारित है, जिनमें सार्वजनिक स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं वॉक-फ्रेंडली व्यवस्था, निर्बाध आवागमन, पर्यावरणीय एवं सामाजिक जनसुविधाएं, औद्योगिक और आवासीय अधोसंरचना का विकास, ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण तथा पुनर्विकास शामिल हैं। इन परियोजनाओं को अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक चरणों में विभाजित किया है। 41 परियोजनाएं एक वर्ष के भीतर पूरी की जानी हैं।
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