थैलेसीमिया के मरीजों को अब फिल्टर कर चढ़ाया जाएगा खून
Moradabad News - थैलेसीमिया से पीड़ित गरीब मरीजों को सरकारी अस्पतालों में अब ल्यूको फिल्टर बैग के माध्यम से खून चढ़ाया जाएगा, जिससे उनकी सेहत को नुकसान होने का खतरा कम होगा। इसके साथ ही, उन्हें आयरन चिलेटिंग दवाएं भी...

खून की बीमारी थैलेसीमिया से पीड़ित गरीब मरीज जो सरकारी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं उन्हें अब बार-बार खून चढ़ाने की वजह से सेहत को नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ऐसे मरीजों को खून अब सामान्य तरीके से नहीं चढ़ाकर ल्यूको फिल्टर बैग के जरिये चढ़ाया जाएगा। बार-बार खून चढ़ाने से थैलेसीमिया के मरीजों के हार्ट और किडनी पर पड़ने वाले भार का खतरा कम करने के लिए उन्हें खास दवा भी मिलेगी जाएगी। प्रमुख निजी अस्पतालों में थैलेसीमिया के मरीजों को यह सहूलियत महंगी फीस पर काफी समय से उपलब्ध कराई जा रही है।
थैलेसीमिया की बीमारी के चलते खून बनना बंद होने के चलते मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। जिला अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र कुमार ने बताया कि थैलेसीमिया के मरीजों को खून चढ़ाने से होने वाले साइड इफेक्ट्स के खतरे से बचाने के लिए उन्हें अब ल्यूको फिल्टर बैग से खून चढ़ाया जाएगा। एनएचएम के अंतर्गत ल्यूको फिल्टर बैग खरीदने को बजट जारी हुआ था। जिसके माध्यम से पांच हजार ल्यूको फिल्टर बैग की आपूर्ति की गई है। ये बैग खून में से आरबीसी (श्वेत रक्त कणिकाओं) को अलग कर देंगे। थैलेसीमिया के मरीजों को अधिक बार खून चढ़ाने से उनके हार्ट, किडनी पर भार पड़ता है जोकि खतरनाक है। हार्ट, किडनी में अतिरिक्त खून का जमाव रोकने के लिए आयरन चिलेटिंग एजेंट उन्हें दवा के रूप में दिया जाएगा। आयरन चिलेटिंग एजेंट युक्त अड़तीस हजार दवाओं की आपूर्ति अस्पताल में की गई है। डॉ.राजेंद्र कुमार ने बताया कि मरीजों पर ल्यूको फिल्टर बैग व आयरन चिलेटिंग दवाओं का प्रयोग उनकी बीमारी की गंभीरता के आधार पर किया जाएगा।
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