मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास ढाई साल बाद जेल से बाहर, ईद से पहले परिवार में छाईं खुशियां
मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी ढाई साल से भी अधिक समय तक जेल में रहने के बाद शुक्रवार को बाहर आ गया। अब्बास को सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कई शर्तों पर अब्बास अंसारी को जमानत मिली थी। करीब 15 दिनों बाद कोर्ट का परवाना कासगंज जेल पहुंचा और अब्बास को रिहाई मिल सकी है।

मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी ढाई साल से भी अधिक समय तक जेल में रहने के बाद शुक्रवार को बाहर आ गया। अब्बास को सात मार्च को सुप्रीम कोर्ट से कई शर्तों पर अब्बास अंसारी को जमानत मिली थी। करीब 15 दिनों बाद कोर्ट का परवाना कासगंज जेल पहुंचा और अब्बास को रिहाई मिल सकी है। मुख्तार अंसारी के परिवार के लिए ईद से पहले यह बड़ी खुशी है। रमजान के महीने में जुमे के दिन अब्बास के बाहर आने को भी उसके समर्थक खुदा की मेहरबानी मान रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में रहने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कहा है कि उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र मऊ का दौरा करने से पहले प्राधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। इसके साथ ही अदालत की बिना अनुमति के उत्तर प्रदेश नहीं छोड़ सकेंगे। अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को जानकारी भी देंगे। अब्बास अंसारी को पिछले विधानसभा चुनाव के कुछ समय बाद ही 4 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था। उनके ऊपर सबसे बड़ा मामला हेट स्पीच का था। इसके बाद 6 सितंबर 2024 को उनके ऊपर गैंगस्टर लग गया था।
अब्बास पहले चित्रकूट जेल में थे। यहां पत्नी निकहत के साथ अवैध रूप से मुलाकात करते पकड़े जाने पर कासगंज जेल भेजा गया था। निकहत को भी गिरफ्तार कर चित्रकूट जेल में रखा गया था। निकहत को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा किया गया था। अब्बास ने 2022 का विधानसभा चुनाव ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा के चुनाव चिह्न पर जीता था। तब सुभासपा और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन करके चुनाव लड़ा था।
सपा का साथ छोड़कर भाजपा से गठबंधन करने पर जब सवाल उठे तो ओपी राजभर ने अब्बास को सपा का भेजा हुआ प्रत्याशी बताया था। अब अब्बास के बाहर आने से यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि वह सुभासपा की बैठकों जाते हैं या उससे दूरी बनाकर रहते हैं। विधानसभा में भी उनकी सीट पर नजर रहेगी।