Munawwar Rana Daughter Sumaiya Stopped by UP Police While Going to Bahraich to meet Maharajganj Families बहराइच गईं मुनव्वर राणा की बेटी को पुलिस ने रोका, सुमैया भड़कीं, कहा- प्रायोजित थी महाराजगंज की वारदात, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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बहराइच गईं मुनव्वर राणा की बेटी को पुलिस ने रोका, सुमैया भड़कीं, कहा- प्रायोजित थी महाराजगंज की वारदात

शायर मुनव्वर राणा की बेटी व सपा नेत्री सुमैया राणा आज बहराइच के महाराजगंज इलाके में बवाल पीड़ितों की मदद के लिए उनसे मिलने जा रही थीं। हालांकि फखरपुर में पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, बहराइचThu, 24 Oct 2024 01:24 PM
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बहराइच गईं मुनव्वर राणा की बेटी को पुलिस ने रोका, सुमैया भड़कीं, कहा- प्रायोजित थी महाराजगंज की वारदात

बहराइच के महाराजगंज बवाल के बाद अब सियासी सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। हालांकि प्रशासन की कड़ी चौकसी के चलते महाराजगंज इलाके में कोई राजनैतिक दल पहुंच नहीं पा रहा है। शायर मुनव्वर राणा की बेटी व सपा नेत्री सुमैया राणा बुधवार शाम थाना हरदी महराजगंज इलाके में बवाल पीड़ितों का हाल जानने व मदद को जा रही थीं। फखरपुर में नाकेबंदी किए पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। उनकी पुलिस कर्मियों से तीखी नोकझोंक भी हुई। वह वापस लौट गई हैं।

सपा नेत्री सुमैया राणा ने कहा कि पुलिस जो आज चाक चौबंद नजर आ रही है। यदि यही चौकसी 13 अक्तूबर को जुलूस के दौरान दिखाई होती, तो किसी की जान नहीं गई होती। महाराजगंज व बहराइच में भाईचारा मटियामेट नहीं होता। यह सब जो हुआ था और जो हो रहा है, एक प्रायोजित तरीके से हो रहा है। लगभग 15 मिनट वह वहां रुकीं और वहां से गंतव्य को वापस लौट गईं। इससे पहले भी सपा नेताओं को बहराइच जाने से रोका गया। 13 अक्टूबर को हुए बवाल के बाद पुलिस ने किसी भी नेता को बहराइच नहीं जाने दिया। सपा नेता हिंसा के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करना चाहते थे। हालांकि लखनऊ से निकलने से पहले ही उन्हें रोक लिया गया था।

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अतिक्रमण पर कोर्ट ने दो दिन में जवाब मांगा
हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बहराइच के महाराजगंज में लोक निर्माण विभाग की सड़क पर कथित अतिक्रमण को हटाने के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान नाराजगी जतायी है। न्यायालय ने कहा कि हमने रविवार को पारित आदेश में स्पष्ट रूप से पूछा था कि जिस सड़क पर कथित अतिक्रमण की बात कही जा रही है उसकी श्रेणी क्या है वहां कितने घर बने हुए हैं।

न्यायालय ने कहा कि उक्त स्पष्ट आदेश के बावजूद उपरोक्त बिंदुओं पर राज्य सरकार की ओर से कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 नवंबर की तिथि नियत की है, साथ ही दो दिनों में विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश भी दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की जनहित याचिका पर पारित किया।